कनाडाई PM के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे।
30 April 2024
अमेरिका में क्यों जान गंवा रहे भारतीय छात्र?
30 April 2024
क्या आरक्षण को समाप्त कर सकती है सरकार?
30 April 2024
वाघा बॉर्डर पर हर शाम को होने वाले रिट्रीट सेरेमनी को तमाम लोगों ने देखा होगा। 15 मिनट तक चलने वाले इस कार्यक्रम से पूरे वातावरण में जोश भर जाता है। वाघा बॉर्डर पर होने वाली परेड को देखने के लिए देश भर से लोग आते हैं। यहां पर सेना ...
इन दिनों फिल्मों की दुनिया में एक अजीब विरोधाभास देखने को मिल रहा है। हमारे फिल्म उद्योग का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक करता है बॉलीवुड, जो प्रमुख तौर से ‘हिन्दी’ फिल्म उद्योग है। बॉलीवुड में योग्यता और कहानी को छोड़कर हर चीज पर फोकस किया जाता है, विशेषकर वंशवाद पर। वहां, ...
अगर आपको लगता है कि बॉलीवुड "इज बैक", तो आप उस धारणा पर पुनर्विचार करना चाहेंगे। वर्तमान परिदृश्य के आधार पर, बॉलीवुड के लिए आगे का रास्ता असंभव नहीं तो बहुत ही दुष्कर लगता है। "जवान" और "पठान" जैसी फिल्मों की कथित सफलताओं और "गदर 2," "द केरल स्टोरी," "जरा ...
भारतीय सिनेमा ने कई प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता दिए हैं जिन्होंने उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है। हालाँकि, हर प्रशंसित निर्देशक प्रचार पर खरा नहीं उतरा है। उनकी प्रसिद्धि और प्रशंसा के बावजूद, कुछ फिल्म निर्माताओं को विभिन्न कारणों से अतिरंजित माना गया है, जिनमें दोहराव वाली कहानी से लेकर ...
कल्पना करो कि आपने डेब्यू किया विश्व कप में, ताबड़तोड़ रन भी बनाए, विकेट भी चटकाए, और टीम क वर्ल्ड कप भी जिताए। लेकिन अगले ही टूर्नामेंट में उस परफ़ॉर्मेंस का आधा छोड़िए, इज्जत के दो रन भी न बन रहे। कुछ ऐसी ही स्थिति पैन इंडिया यानि बहुभाषीय सिनेमा ...
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस समय भारतीय सिनेमा में दमदार कॉन्टेन्ट का सूखा पड़ा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक पहले हाफ में पैन इंडिया उद्योग का प्रदर्शन भी असंतोषजनक रहा है, बाकी की तो बात ही छोड़िए। परंतु सुदीप्तो सेन, लक्ष्मण उटेकर और ...
जिस युग में प्रोमोशनल शूटस तक के फोटो वायरल हो जाएँ, वहाँ पर मूल कथा को छुपाये रखना एक कला है, और ऐसा प्रतीत होता है कि निर्देशक समीर विद्वन्स ने इस विधा में महारत प्राप्त की है। इस लेख में पढिये कैसे “सत्यप्रेम की कथा” ने एक प्रकार से ...
Films that deserved to be in theatres: ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों के आगमन ने निस्संदेह भारतीय फिल्म उद्योग के परिदृश्य को बदल दिया है। इन डिजिटल प्लेटफार्मों ने फिल्म निर्माताओं को अपनी रचनात्मकता दिखाने और व्यापक दर्शकों तक पहुंचने के लिए एक नया माध्यम प्रदान किया है, विशेष रूप से कोविड ...
निस्संदेह, बॉलीवुड ने "रीमेकवुड" के अनचाहे टैग को कौड़ी के भाव रीमेक निकालने की प्रवृत्ति के कारण मिला है। परंतु जिस तरह से अन्य उद्योग भी इस प्रवृत्ति को अपना रहे हैं, उस पर कम ही ध्यान केंद्रित किया गया है। हाल ही में, यह घोषणा की गई थी कि ...
दुनिया में प्यार जब बरसे, न जाने दिल ये क्यों तरसे” ... Upcoming Bollywood Movies 2023: अरे नहीं बंधुओं, ये समस्या हमारी नहीं, उन सभी लोगों की है, जो सोच रहे थे कि “पठान” और “किसी का भाई किसी का जान” बॉलीवुड को वापिस ट्रैक पर ले आएगा। परंतु पैन ...
कुछ लोगों के रूप रंग चाहे जैसे हो, इनकी हरकतें ऐसी है कि इनके प्रकट होते ही जनता के मन में यही ख्याल आएगा : निर्लज्ज, तू फिर आ गया? फरहाद सामजी के साथ भी यही मामला है, और इनकी निर्लज्जता अब भारतीय जनता के धैर्य की परीक्षा लेने को ...
भारतीय सिनेमा, विशेषकर बॉलीवुड में अभिनेत्रियों के लिए कोई विशेष स्कोप नहीं होता। स्टार बनने के लिए कुछ विशिष्ट पैरामीटर होते हैं। या तो आप आलिया भट्ट या दीपिका पादुकोण की भांति “ग्लैमर डॉल” बन जाओ, या फिर स्वरा भास्कर या तापसी पन्नू की भांति अपने अपने एजेंडे की ध्वजवाहक ...