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जय हिन्द का नारा किसने दिया था एवं इसके पीछे की रोचक कहानी

जय हिन्द का नारा किसने दिया था? स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे की जय हिन्द का नारा किसने दिया था एवं इसके पीछे की रोचक कहानी से भी अवगत करवाएंगे साथ ही हम ...

पंचतंत्र भारत में इतनी अंडररेटेड क्यों है?

घर की मुर्गी दाल बराबर, ये कहावत आप सभी ने बचपन में बहुत बार सुनी होगी। कभी-कभी कुछ कृतियां ऐसी भी होती हैं जिनके बारे में जानते हुए भी हम उन्हें अनदेखा कर देते हैं। वहीं दूसरी तरफ तो ...

सुनो! Tucker Carlson, भारत के बारे में तुम कुछ नहीं जानते इसलिए मुंह बंद रखो

रस्सी जल गई लेकिन बल नही गया, यह कहावत पश्चिमी देशों पर एकदम सटीक बैठती है। हाल ही में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु हो गई, जिसे लेकर सारे पश्चिमी चाटुकार पत्रकार अपना रोना रो रहे हैं। ...

न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत को अनिच्छा से स्वीकार किया

सही ही कहा गया है कि सच लाख छुपाने से भी नहीं छुप सकता। भले ही भारी मन के साथ ही क्यों न लेकिन आपको एक न एक दिन इसे स्वीकार करना ही पड़ता है। जो वामपंथी मीडिया भारत ...

‘सॉफ्ट पावर’ से लेकर ‘हार्ड पावर’ तक, भारत काफी तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है

कहते हैं कि विजय का असल स्वाद तभी प्राप्त होता है, जब समस्त संसार आपके पराजय की आस लगाकर बैठा हुआ हो और ये बात भारत से बेहतर कौन जाने! प्रकांड अर्थशास्त्री और बुद्धिजीवी कोरोनाकाल से ही भारत के ...

भारत जीडीपी विकास दर में छूने वाला है दोहरी संख्या

पूरी दुनिया में आज आर्थिक मंदी को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है। विश्व के तमाम देश मंदी के साए से सहम उठे हैं। वो देश जो स्वयं को विकसित बताते नहीं थकते थे, वो भी मंदी के आगे घुटने ...

बॉलीवुड को बचाने का एक मात्र तरीका, प्रोड्यूसर्स संभालें अपना मोर्चा

बड़ी कठिन डगर है इस समय बॉलीवुड की। न कोई इनकी सुनना चाहता है, न कोई इनकी फिल्में चाहता है। ऊपर से सुधरने के बजाए इस उद्योग के कलाकार ऊटपटाँग बयान देकर अपनी ही लंका लगाने का पूर्ण प्रबंध ...

विभाजन विभीषिका दिवस पर विशेष: अखण्ड भारत एक वास्तविकता

पिछले वर्ष पीएम मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था. आइए, इस दिन अखंड भारत के बारे में विस्तार से समझते हैं. अखंड भारत का अभिप्राय उस अविभाजित भारत ...

जन्मदिन विशेष: विक्रम साराभाई की मौत आज भी रहस्य क्यों है?

11 जनवरी 1966 और 24 जनवरी 1966, इन दोनों दिनों में क्या समानता है? इन दोनों दिन, भारत के दो विख्यात व्यक्ति, हमारे माटी को त्याग कर परलोक सिधार गए और वो भी रहस्यमयी परिस्थितियों में, भारत की माटी ...

दुनिया में मंदी, भारत में बूम, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने कर दिया कमाल

हाल ही में भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ के आंकड़े सामने आये हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था का हाल सुनाते हैं। एस एंड पी ग्लोबल के एक सर्वे के अनुसार, भारत का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) आठ ...

विकिपीडिया पर ‘मंदी’ की परिभाषा को बदलने के बाइडेन के इस खेल का हुआ पर्दाफाश

सत्ता में अपना वर्चस्व बनाये रखने की बात हो तो नेता बड़े से बड़े पहाड़ हिला देते हैं। इसी बात को सच साबित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे जो बाइडेन ने भी कुछ ऐसा ही किया ...

कभी लिबरलों का प्रिय रहा बांग्लादेश अब स्वयं के अस्तित्व के लिए हाथ-पैर मार रहा है

"भारत, पाकिस्तान को पीछे छोड़ बांग्लादेश दक्षिण एशिया का स्टैंडआउट स्टार बना", "सामाजिक सूचकांकों पर भारत, पाकिस्तान को पीछे छोड़ आगे बढ़ता सोनार बांग्ला" ये शब्द हैं बिज़नेस स्टैंडर्ड, टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे बड़े-बड़े अखबारों के बड़े-बड़े लेखकों के। ...

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