लोकतंत्र खतरे में है
पहले एक धर्म ही खतरे में आता था अब तो लोकतंत्र भी खतरे में आने लगा हमारे देश में दो चीजे बार बार खतरे में आ जाती है। एक तो है “धर्मविशेष” जो पिछले कई दशकों से खतरे में न आये ...
पहले एक धर्म ही खतरे में आता था अब तो लोकतंत्र भी खतरे में आने लगा हमारे देश में दो चीजे बार बार खतरे में आ जाती है। एक तो है “धर्मविशेष” जो पिछले कई दशकों से खतरे में न आये ...
प्रिय डॉ मनमोहन सिंह, हमारे इस महान देश के एक ऐसे नागरिक के रुप में जो कुछ समय से भारतीय राजनीति का अवलोकन कर रहा है, मैं आपके द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को भेजे गए पत्र को पढ़ने के बाद ...
जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के एक छात्रसंघ विवेकानंद विचार मंच द्वारा सुब्रमनियन स्वामी को बाबरी मस्जिद विध्वंस की २५वीं सालगिरह के अवसर पर ‘व्हाई राम मंदिर इन अयोध्या?’(अयोध्या में राम मंदिर क्यों?) नामक विषय पर भाषण देने के लिए ...
पिछले कुछ दिनों से हम भारतीय अर्थव्यवस्था के कमजोर होने के बारे में बहुत कुछ सुन रहे हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों द्वारा जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5.7 प्रतिशत आने, निजी निवेश में कमी, रोजगार सृजन उम्मीद गति से नहीं ...
भाजपा और जदयु की सरकार को बने दस दिन भी नहीं हुए, और मीडिया ने इन्हे असहिष्णु करार दे दिया अभी दस दिन भी नहीं हुए हैं, जब नितीश बाबू ने दल बदलते हुए दागदार महागठबंधन को छोड़ा और ...
जब टाइम्स नाऊ ने एक नार्को टेस्ट का पर्दाफाश किया, जिसके तहत ‘केसरिया / हिन्दू आतंकवाद’ के दावे की धज्जियां उड़ा दी गयी, हम सब को एक गहरा धक्का लगा की कैसे कोई उदारवादी सोच वाली सरकार अपने शासन ...
कुछ लोगों पर संकट वज्रपात की भांति गिरता है, कुछ लोगों के लिए स्वयं को गलत समय पर गलत जगह पर पाते हैं। और फिर ऐसे लोग भी हैं, जो डीडीएलजे में कबूतरों को बुलाते अमरीश पुरी के किरदार ...
कांग्रेस कल भी असल अंध भक्त थी, आज भी है और आगे भी रहेगी। अंधभक्ति भी उनकी करने में मशरूफ जो वास्तव में उस अंध भक्ति के लायक नहीं हैं। लेकिन नहीं, करनी है और करते रहेंगे के सिद्धांत ...
हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या? अगर कोई आपसे यह कहे कि सूरज पश्चिम से उगता है तो क्या आप विश्वास कर लेंगे? नहीं, क्यूंकि आपको तथ्य के रूप में यह मालूम है कि सूरज ...
भारत में पेगासस स्पाईवेयर की चर्चा सुर्खियों में छाई हुई है। खबर यह है कि पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से भारत के नेताओं दुनिया भर के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों पर नजर रखी जा रही थी। उनके ...
वामपंथी पत्रकारों और संस्थानों का रवैया कुछ इस तरह का हो गया है कि अगर देश दुनिया में कुछ भी ग़लत हो रहा है तो उसका कारण भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। कुछ ऐसा ही टूथपेस्ट बनाने वाली ...
2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल किया था। 2014 में में बीजेपी और पीएम मोदी की ऐतिहासिक जीत हुई थी और जनता ने अपने जनादेश से ...
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