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शहीद की मज़ार सूनी, आतंकी के जनाज़े में लाखों की भीड़

जम्मू-कश्मीर में हुए मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 2 आतंकियों अक़िब भट और सौफुल्लास इलियास ओसामा को मार गिराया था। यह मुठभेड़ लगभग 15 घंटों तक चली थी। मारे गए आतंकी में एक हिजबुल से था और दूसरा हाफिज ...

वैसे क्या गलत बोला मनमोहन वैद्य जी ने?

संघ के वरिष्ठ मनमोहन वैद्य जी ने 'धार्मिक/जातिगत' आरक्षण को ख़त्म करने और आरक्षण की समीक्षा करके  एक बयान दिया हैं। शायद अब पूरा मेनस्ट्रीम मीडिया और फेसबुक के लाल क्रांतिकारी किसी खास संगठन या पार्टी को आरक्षण/दलित विरोधी ...

आखिर प्रशांत किशोर बिहार के हैं कौन?

प्रशांत किशोर, ये शख्स बिहार की राजनीति का एक जाना-माना चेहरा बन चूका है, प्रदेश का बच्चा-बच्चा इन्हें जानता है, पहचानता है। कोई बड़े नेता नहीं हैं ये, कोई समाज सुधारक भी नहीं हैं, नहीं-नहीं कोई अपराधी भी नहीं ...

एक बिना देश वाला धर्म भी है? आप जानते हैं क्या?

विश्व के सबसे बड़े पांच धर्म हैं हिंदू धर्म, ईसाइयत, इस्लाम, बुद्धिज़्म और जुडिस्म (यहूदी धर्म)। इन सभी धर्मो को अधिकारिक रूप से मानने वाला कोई ना कोई देश अवश्य है। अर्थार्त इन देशों ने अपने संविधान में अपना ...

तो फिर रोहित वेमुला आत्महत्या दलित उत्पीडन काण्ड नहीं था?

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकशी मामले में जस्टिस अशोक रूपनवाल कमेटी ने जांच रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है। प्रमुख समाचारपत्र जनसत्ता ने लिखा कि “रूपनवाल ने रोहित वेमुला की जाति की भी विस्तृत पड़ताल ...

आप कौन सी भाषा में सोंचते हैं?

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ. और आज़ादी के साथ ही यह प्रश्न उठा क़ि इस बहुभाषी, विविध संस्कृति समेटे राष्ट्र की राजभाषा क्या होगी ? संविधान सभा के सदस्यों के काफी विचार-विमर्श के बाद 14 सितंबर ...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह की दूकान खोलना कितना जायज़ है?

मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी माना गया हैं. नागरिकों के नैसर्गिक अधिकारों के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को संरक्षित करना, ताकि मानव के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हो सके और उनके ...

गाली गलौच से ही आएगी क्रांति, ऐसा मेरा नहीं मायावती जी का मानना है

'गाली', ये शब्द उन घृणित शब्दों को सभ्य भाषा में बतलाने के लिए प्रयोग किया जाता है जो अपमान-सूचक हैं। गाली लगभग हर कोई देता है, कोई खुल्लम-खुल्ला, कोई छुप-छुपाकर। हमारे सभ्य समाज में गाली को घृणित भाव से ...

लोढ़ा कमेटी रिपोर्ट: बीसीसीआई में अब क्रिकेट होगा, राजनीति नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विश्व के सबसे धनाढ्य और भारत में क्रिकेट के सर्वे-सर्वा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड( बीसीसीआई ) में ढांचागत सुधारों और बदलावों का रास्ता साफ़ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणियों के साथ ...

तो क्या खत्म हो जायेगी रेल बजट की परम्परा ?

यह लगभग तय माना जा सकता है कि अगले साल से संसद के बजट सत्र में रेल बजट का कोई नमो-निशान ही ना रह जाए। जैसा की पिछले कई वर्षो से चली आ रही चर्चाओं पे गौर करें तो ...

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