Tag: उत्तराखंड

बहुत घातक है चीन की “सलामी स्लाइसिंग” नीति, इस बार नेपाल है ड्रैगन का शिकार

सलामी स्लाइसिंग (Salami Slicing) नीति: धूर्तता की पराकाष्ठा का यदि आपको उत्कृष्ट उदाहरण देखना है तो चीन को देखिए, इस काम की सूची ...

अवैध मदरसे और मजार- देवभूमि को नष्ट करने वाले तत्वों को मात देने के लिए तैयार हैं सीएम धामी

उत्तराखंड में हाल ही में सरकार बनी है और ये सरकार है पुष्कर सिंह धामी की। मुख्यमंत्री धामी फिलहाल बहुत ज्यादा एक्टिव दिख ...

चारधाम तीर्थ में अब हर भक्त होगा समान, धामी ने समाप्त किया VIP दर्शन

हिन्दू धर्म विश्व का सबसे पुराना धर्म है। हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी सनातनी अपने इष्ट देवी-देवताओं का पूजा करते है। आपको ...

जो गैर हिन्दू चारधाम यात्रा पर जाएंगे उनकी होगी अच्छे से छानबीन

कट्टरपंथियों, वामपंथियों और कथित लिबरलों ने मौजूदा समय में देश में जिस तरह की स्थिति पैदा कर दी है, ऐसे में सतर्कता ही ...

आज मीडिया जिसकी जमकर तारीफ कर रही है, कुछ ही दिनों में उस शख्स को भुला दिया जाएगा, यहीं सत्य है!

सोशल मीडिया के इस मायावी युग में जितनी जल्दी गुमनाम व्यक्ति को ख्याति मिलती है, उससे ज़्यादा उसकी गिरावट की आवाज़ होती है। ...

पुष्कर सिंह धामी की वापसी से कैसे बदल जाएगी उत्तराखंड की राजनीति की अवधारणा

उत्तराखंड में सीएम पर सस्पेंस खत्म हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को नेता ...

अंतत: उत्तराखंड ने भाजपा को बहुमत दिया, लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि कार्यभार कौन संभालेगा?

इस बार के विधानसभा चुनावों में एक समान बात यह रही कि किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी दल को ...

अब भक्त चलाएंगे चारधाम मंदिर, सरकार नहीं

उत्तराखंड में स्थित चार विश्व प्रसिद्ध धाम अर्थात् बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री के संचालन के लिए बनाए गए देवस्थानम बोर्ड एक्ट को ...

हरीश रावत के अंत के साथ ही उत्तराखंड में कांग्रेस का भी अंत तय है

मुख्य बिंदु उत्तराखंड में भाजपा विकास कार्यों के आधार पर कांग्रेस से है कई गुणा आगे हरीश रावत का पार्टी में धूमिल होता ...

कैप्टन अमरिंदर के बाद हरीश रावत हो सकते हैं कांग्रेस से अलग और शुरू कर सकते हैं अपनी पार्टी

वर्ष 2022 में देश के पांच राज्यों में चुनाव होने को है। इस बीच कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर थम नहीं ...

तेज़ी से बदल रही है ‘देवभूमि’ की जनसांख्यिकी, संस्कृति की रक्षा के लिए “भूमि-कानून” है जरुरी

"बद्री केदारा का द्वार छना,       छना कनखल हरिद्वारा, म्यार हिमाला" ये पंक्ति है उत्तराखंड के जनकवि  स्व श्री गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की प्रसिद्ध ...

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