पिछले वर्ष जेएनयू के वामपंथी छात्रनेता और उनके पुरे समूह ने ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’, ‘कश्मीर की आज़ादी तक जंग चलेगी’ जैसे देशविरोधी नारे लगाकर आतंकी ‘अफज़ल गुरु’ की फांसी को न्यायिक हत्या बता रहे थे। आतंकियों के समर्थन में यह समूह खुले तौर से सामने आया था। फिर देश में आम जनता के गुस्से और विरोध के तुरंत बाद छात्रनेताओं पर देशविरोधी मुक़दमे हुये और कोर्ट से इन्हें कड़ी फटकार के बाद अंतरिम जमानत दी गयी, ध्यान दें, ‘कड़ी फटकार के बाद अंतरिम जमानत’। अब फिर से उसी छात्र संगठन का वही छात्रनेता देशविरोधी गतिविधियाँ करने में आमादा हैं।
दिल्ली विवि के रामजस कॉलेज में देशद्रोह के आरोपी उमर खालिद को सम्मलेन में बुलाया गया जिसमें ‘बस्तर मांगे आज़ादी’ और ‘कश्मीर मांगे आज़ादी’ जैसे देश तोड़ने वाले नारे लगाये गए जिसका एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया।
प्रत्येक वर्ष किसी भी राज्य में चुनाव के समय इनकी देशविरोधी गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं और कुछ इनके वैचारिक मित्र वाले मीडिया समूह और राजनीतिक दल इन्हें हीरो की तरह पेश करते हैं।
खुद को देश की सबसे पुरानी पार्टी कहने वाली कांग्रेस ‘भारतीय सेना मुर्दाबाद’ और भारतीय सेना को ‘बलात्कारी’ कहने वालों का खुला समर्थन करती हैं।
राष्ट्रविरोधी नारों का विरोध करने वालों को ‘गुंडे’ कहती हैं। कश्मीर में इनके नेता अलगाववादियों का समर्थन करते हैं। ‘बन्दूक के दम पर आज़ादी’ लेने वालों के खिलाफ ये कभी नहीं बोलते, लेकिन आतंकियों को पनाह देने वाले लोगों का समर्थन कर रहे हैं। आज सैकरो ऐसे शहीद परिवार हैं जो खुलेआम इन देशविरोधी गतिविधियों के खिलाफ है, उनके साथ शायद एक या दो हैं, पर मीडिया और कांग्रेस जैसे दल उन सैकड़ों को छोड़ कर गुरमेहर कौर जैसे एक या दो को ही हीरो बनाने के फिराक में है, जो सिर्फ देश तोड़ने की बात करते हैं।
आज भी देशविरोधी तत्वों के साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक संगठन खड़े हैं। पिछले वर्ष भी ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारे लगाने वाले लोगों के साथ देकर कांग्रेस पार्टी ने यह बता दिया था क़ि देश के मायने उनके लिए क्या हैं। सरकार का विरोध बिल्कुल कीजिये, आप विपक्ष में हैं यह आपका अधिकार हैं, लेकिन सरकार के विरोध करने के चक्कर में अब कांग्रेस, आप जैसी पार्टी सीधे देशविरोधी तत्वों का समर्थन करने लगी हैं। कांग्रेस पार्टी जो आज से लगभग 90 साल पहले चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त, राजगुरु, सुखदेव, बिस्मिल, अश्फाक उल्ला खां जैसे देशभक्त क्रांतिकारियों के खिलाफ़ थी आज वही कांग्रेस पार्टी देश के टुकड़े करने वालों के समर्थन में खड़ी हैं। पिछले वर्ष तो खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष देशद्रोह के आरोपी को समर्थन देने उससे मिलने गये थे।
कांग्रेस पार्टी जोकि उत्तरप्रदेश में अब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही हैं। उत्तरप्रदेश में अभी 2 चरणों के चुनाव बचे हैं तो अब फिर से इनकी गतिविधियाँ शुरू हो गयी हैं। अब वास्तविकता में ज़रूरत हैं हम आमजनों को इन देशविरोधियों के समर्थकों और इनके पैरोकारों को पहचानने की। अब सभी देश वासियों को मिलकर देश के गद्दारों को सबक सिखाना होगा। यदि आज हमने इनकोे मज़बूत किया तो कल ये अपना समर्थन फिर से देशविरोधी तत्वों को देकर देश को कमज़ोर करेंगे। आगामी 2 चरणों के चुनाव में मतदान करने से पूर्व देश के बारे में ज़रूर सोचे और देशविरोधियों के समर्थकों सबक सिखाये।