विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के एक ट्वीट ने कांग्रेस को बता दिया कि जनता की नजरों में वो कहां खड़ी है। सोमवार की सुबह भी कांग्रेस पार्टी ने इराक में 39 भारतीयों की मौत पर राजनीति जारी रखी। कांग्रेस ने अपने ट्विटर के अधिकारिक अकाउंट पर एक प्रश्न पोस्ट करते हुए लोगों से पूछा था कि क्या इराक में 39 भारतीयों की मौत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सबसे बड़ी हार है ? इसका जवाब हां या न में दीजिये।
Do you think the death of 39 Indians in Iraq is Sushma Swaraj’s biggest failure as Foreign Minister? #IndiaSpeaks
— Congress (@INCIndia) March 26, 2018
सुषमा स्वराज की नजर जब इस ट्वीट पर पड़ी तो उन्होंने इस ट्वीट को अपने ट्विटर अकाउंट से री-ट्वीट किया। शायद वो स्वयं भी जनता से जानना चाहती थीं कि क्या ये उनकी सबसे बड़ी हार है?
सुषमा स्वराज ने अब जब कांग्रेस के ट्वीट को री-ट्वीट किया तो जाहिर है कि पार्टी को जनता से उसके सवाल का निष्पक्ष जवाब भी मिलेगा क्योंकि अब ये सवाल सिर्फ कांग्रेस के समर्थकों तक ही सीमित नहीं रह गया था बल्कि बीजेपी के समर्थकों के बीच भी पहुंच चुका था। ऐसे कई आरोप हैं कि ट्विटर पर कांग्रेस पार्टी के फैन्स का एक बड़ा हिस्सा दरअसल में बौट्स हैं जो बस पार्टी के इशारे पर बटन दबाते रहते हैं, ऐसे में विदेश मंत्री ने कांग्रेस के ट्वीट को री-ट्वीट कर इस राष्ट्रीय सवाल को सीमित न रख कर एक बड़ा जोखिम भी उठाया।
इस सवाल पर वोटिंग के नतीजे आश्चर्यचकित करने वाले थे क्योंकि इसने न सिर्फ जमीनी हकीकत को बयां किया बल्कि कांग्रेस को बड़े पैमाने पर अपने ही सवाल का प्रतिकूल जवाब भी मिल गया। करीब 33,879 लोगों ने इस वोटिंग में हिस्सा लिया जिसमें से 76 प्रतिशत लोगों का जवाब नहीं था जिसका मतलब यही है कि वह इराक में 39 भारतीयों की मौत को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सबसे बड़ी हार के रूप में नहीं देखते हैं।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पार्टी को ट्विटर पर मुंह की खानी पड़ी है। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के द्वारा किए गए पोल्स को जब भी बीजेपी के हैंडल्स अथवा बीजेपी समर्थक बड़े हैंडलों ने रीट्वीट किया है, कांग्रेस का हमेशा ही बेड़ा गर्क हुआ है। इसकी अच्छी बात ये हुई है की पार्टी के ट्विटर पोल्स थोड़े लोकतांत्रिक बने हैं लेकिन पार्टी के लिए बुरी बात यह है की लगभग हर बार इसके नतीजे कांग्रेस के लिए चौंका देने वाले ही साबित हुए हैं जो पार्टी के उम्मीद के विपरीत रहे हैं। कभी कभी तो ये ऑनलाइन चुनाव कांग्रेस के लिए आत्मघाती सिद्ध हुए हैं और दूसरी पार्टी के समक्ष ये हंसी का पात्र बनकर रह गये। बोट्स को रोजगार देने के आरोप, कैम्ब्रिज एनालिटिका पर फ़ेसबुक यूज़र्स की जानकारियों का दुरुपयोग करने का आरोप, और डेटा चोरी करने के आरोपों ने पार्टी और उसकी सोशल मीडिया की रणनीतियों को उजागर किया है। यही वजह है कि सोमवार को बीजेपी के ऊपर डाटा चोरी करने के झूठे आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी को खुद ही गूगल प्ले स्टोर से अपने एप हटाने के लिए विवश होना पडा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जब इराक में 39 भारतीयों की मौत की खबर की पुष्टि की तब कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने इसकी कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस ने आरोप लगाये थे कि सरकार ने इराक में भारतियों की मौत की घोषणा में काफी देर कर पीड़ित परिवारों को झूठी उम्मीद दीं। सरकार जब तक इराक में हुई भारतियों की मौत की खबर को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो जाती उससे पहले ऐसी घोषणा करना सही नहीं था। हो सकता है उन्होंने ऐसा ही किया हो क्योंकि अपना राजनीतिक स्कोर बढ़ाने के लिए पार्टी कई तरह के पैंतरे अपनाती है चाहे ये स्कोर उन्हें देशवासियों के मृत शरीर के लिए ही क्यों न दिया जा रहा हो।