कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आज भाषण देने का मौका मिला और उन्हें उम्मीद थी कि वो अपने भाषण से आज बीजेपी की बोलती बंद कर देंगे। अपने भाषण में उन्होंने एक से एक मुद्दे उठाये जिनमें तथ्य की कमी और झूठ ज्यादा था। उन्होंने अपने भाषण में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर आरोप लगाते हुए कहा था कि राफेल विमान समझौते के विभिन्न आयामों को लेकर रक्षा मंत्री ने देश से झूठ बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष को ये उम्मीद थी कि वो अपने इस भाषण से देश की जनता को भ्रमित करने में कामयाब हो जायेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि “राफेल हवाई जहाज का दाम 520 करोड़ रुपये प्रति हवाई जहाज था। प्रधानमंत्री जी फ्रांस गए, जादू से ये दाम 1600 करोड़ रुपये प्रति हवाई जहाज हो गया।“ इसके अलवा कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल भी किया था कि, प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदे के प्रारूप को अचानक से क्यों बदला गया और राफेल सौदे की जानकारी को हुए सीक्रेसी पैक्ट के नाम पर छुपाया गया है जबकि फ्रांस के साथ भारत का ऐसा कोई समझौता हुआ ही नहीं है, सीतारमण ने मोदी जी के कहने पर देश की जनता से झूठ बोला है।
राहुल गांधी आरोपों को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘पूरी तरह गलत’ करार दिया। रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में राफेल विमान सौदे से जुड़े तथ्यों को सामने रखा और कहा, “यह गोपनीयता का समझौता है। गोपनीय सूचना को सार्वजनिक नहीं करने के लिए समझौता था। मुझे जानकारी नहीं है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी से क्या कहा था। परंतु फ्रांस के राष्ट्रपति ने दो भारतीय चैनलों को दिए साक्षात्कार में कहा था कि राफेल सौदे के वाणिज्यिक ब्यौरे को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने जो कहा है वह पूरी तरह गलत है और इसका कोई आधार ही नहीं है।“
We have noted the statement of Mr Rahul Gandhi before the Indian Parliament. France and India concluded in 2008 a Security agreement, which legally binds the two States to protect the classified information provided by the partner:France statement 1/2
— ANI (@ANI) July 20, 2018
that could impact security and operational capabilities of the defence equipment of India or France. These provisions naturally apply to the IGA concluded on 23 September 2016 on the acquisition of 36 Rafale aircraft and their weapons: France statement 2/2 https://t.co/vhHhAi9fMi
— ANI (@ANI) July 20, 2018
इसके अलावा रक्षा मंत्री ने कहा कि, “फ्रांस के साथ गोपनीयता का समझौता वर्ष 2008 में, यानी यूपीए सरकार के सत्ता में रहते हस्ताक्षरित हुआ था और समझौते के अंतर्गत राफेल डील भी शामिल थी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में बाते कि, “सीक्रेसी पैक्ट पर यूपीए के काल में कांग्रेस पार्टी के नेता तथा रक्षामंत्री एके एंटनी ने दस्तखत किए थे।” सदन में सीतारमण ने लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आपके समक्ष वह दस्तावेज प्रस्तुत कर सकती हूं जिसमें इस सौदे में गोपनीयता की शर्त है।’
वहीं, राफेल समझौते को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में दिए बयान पर फ्रांस सरकार ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने राफेल डील पर कोई जानकारी साझा नहीं की। लड़ाकू विमान खरीदने के लिए भारत के साथ 2008 में समझौता हुआ था। फ्रांस के इस बयान से राहुल गाँधी का झूठ सबके सामने आ गया है और वो पूरी तरह से बेनकाब हो गये हैं लेकिन फिर भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने बयान पर कायम हैं। ये दर्शाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजनीतिक हित के लिए कोई भी झूठ बोलने में जरा भी नहीं झिझकते।
As the President of the French Republic indicated publicly in an interview given to India Today on 9th March 2018, In India and in France, when a deal is very sensitive, we can’t reveal all details: France statement #NoConfidenceMotion
— ANI (@ANI) July 20, 2018
वास्तविकता ये है कि कि राफले सौदे को लगभग 3 वर्ष पहले मौजूदा बीजेपी सरकार द्वारा अंतिम रूप दिया गया था लेकिन ये समझौता तत्कालीन यूपीए सरकार में की गयी थी। अब कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए इस समझौते को विषय बनाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
राहुल गांधी अपने भाषण में रक्षा मंत्री पर गलत तथ्यों के आधार पर निशाना साधा यहां तक कि वो उन्हें झूठा तक कह गए। अगर राहुल गांधी अपनी पार्टी के शासनकाल में किये गये कार्यों से अवगत होते तो इस तरह के दावें नहीं करते। साथ ही इस बयान से उन्होंने एक बार फिर से ये जता दिया है कि वो देश के मुद्दों के प्रति कितने अवगत हैं। वहीं, सीतारमण ने उनके आरोपों का जवाब उन्हीं की भाषा में दे दिया और राहुल गांधी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब राहुल गांधी को कुछ सीख ले लेनी चाहिए कि हवा में तीर चलाने से कुछ नहीं होता बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य करने से होता है। उन्हें ऐसे तथ्यों को सामने रखना चाहिए जो देश के हित में हो।