रामनगरी अयोध्या में आरएसएस, विहिप, और शिवसेना ने राम मंदिर निर्माण में भरी गई हुंकार अब तेज हो गई है। मंदिर निर्माण के समर्थन में उमड़े श्रद्धालुओं और रामभक्तों की आस्था को समझते हुए आरएसएस ने बड़ा निर्णय लिया है। आरएसएस ने मंदिर निर्माण के लिए जनसंपर्क करने की ठानी है। इसके लिए आरएसएस ने साधू-संतों के उपस्थिति में मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन का निर्णय लिया है। आरएसएस ने साधू-संतों की उपस्थिति में रामभक्तों और श्रद्धालुओं के सामने भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए शुरू होने वाले इस आंदोलन की रुपरेखा भी सामने प्रस्तुत किया।
कहा जा रहा है कि आरएसएस और बीजेपी के शीर्ष स्तर के अधिकारियों के बीच कई दौर की लंबी बैठक और कई शहरों का दौरा करने के बाद संघ ने चार चरणों की इस योजना को तैयार किया है। इससे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर दबाव बनाया जा सके।
आरएसएस वीएचपी की धर्मसभा के साथ अपने चार चरणों की योजना की शुरुआत करेगा। रविवार को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरू में जनसभा के साथ इसका आगाज होगा। ऐसा माना जा रहा है कि 90 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में हुए आंदोलन के बाद यह सबसे बड़ा राम जन्मभूमि आंदोलन हो सकता है।
मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस द्वारा शुरू होने वाले आंदोलन के 4 चरण कुछ इस तरह हैं…
पहला चरणः आंदोलन के पहले चरण की शुरुआत 25 नवंबर से होगी। इसमें वीएचपी साधु-संतों के साथ देशभर में छोटी-बड़ी धर्म सभा का आयोजन करेगा। इस तरह से देशभर में कुल 153 धर्म सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें 3 सबसे बड़े आयोजन अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरू में आयोजित किए जाएंगे, जहां लाखों की संख्या में रामभक्तों के आने की उम्मीद है।
दूसरा चरणः इस चरण में सांसदों पर दबाव बनाया जाएगा। साधु-संत मंदिर पर तैयार मसौदे को संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को सौंपेंगे। हालांकि मंदिर निर्माण में मोदी जी द्वारा आवश्यक कदम उठाना बाकी है। उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर अभी तक किसी भी तरह अध्यादेश लाने की ओर इशारा नहीं दिया है, लेकिन इस चरण के जरिए संसद में राम मंदिर से जुड़े निजी बिल को समर्थन करने का दबाव बनाया जा सकेगा। लेकिन भाजपा के जाने मानें राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा इस मामले में निजी बिल लाने की बात कह चुके हैं।
तीसरा चरणः तीसरे चरण में राम मंदिर के लिए आरएसएस और विहिप ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं करेंगी। इसी सिलसिले में विहिप दिल्ली में 9 दिसंबर को जनसभा आयोजित करेगी। इसमें यूपी, हरियाणा और दिल्ली के करीब 20 जिलों से विहिप के कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं।
चौथा चरणः मंदिर निर्माण में आरएसएस साधू-संतों की उपस्थिति में रामभक्तों और श्रद्धालुओं के साथ 18 दिसंबर से विहिप राष्ट्रव्यापी पूजा-अर्चना और हवन कार्यक्रम चलाएगी।
माना जा रहा है कि इस विशाल किंतु शांतिपूर्ण आंदोलन से सांसदों से लेकर सरकार को मंदिर निर्माण के लिए जल्द कदम उठाने को प्रेरित किया जा सकेगा। इसके अलावा इस आंदोलन से अध्यादेश को पास करने के लिए आगे का मार्ग और भी प्रशस्त होगा। इस तरह से आरएसएस ने अयोध्या में भव्य राममंदिर के अंतिम आंदोलन के लिए खाका तैयार किया है।