नोटबंदी के बाद भारत सरकार ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कई बड़े कदम उठाए। सरकार ने पुराने नोटों में बदलाव करते हुए कई नए नोट भी जारी किए। नोटबंदी में सरकार ने हजार व पांच सौ के पुराने नोटों को चलन से बाहर किया। इसके साथ ही 1000 के नोट बंद करके उसकी जगह 2000 का नया नोट चलन में लाया गया। नए नोट रंगों के मामलों में भी पुराने नोटों से बहुत अलग थे। अब इसी क्रम में भारत सरकार अब 100 रुपये का नया सिक्का जारी करने की तैयारी में है। ये सिक्का देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 95वीं जयंती पर जारी किया जाएगा। हालांकि यह सिक्का अटल बिहारी वाजपेयी जी के सम्मान व स्मृति में जारी किया जा रहा है। ये प्रचलन में नहीं आएगा।
सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करके बताया है कि, जल्द ही 100 रुपये के सिक्के जारी करने की तैयारी की जा रही है। इस सिक्के का वजन 35 ग्राम होगा। सूत्रों की मानें तो 35 ग्राम के इस सिक्के में 50 % चांदी, 40% तांबा, 5% निकिल और 5% जस्ता होगा। इसके अलावा बयान में बताया गया कि नए सिक्के पर एक तरफ अटल जी की तस्वीर छपी होगी और देवनागरी व अंग्रेजी में उनका नाम लिखा होगा। सिक्के पर अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म और मृत्यु वर्ष भी छपा होगा। यानी 1924 और 2018 भी छपा होगा। सिक्के के दूसरी तरफ ‘सत्यमेव जयते’ लिखा होगा। सिक्के पर अशोक की लाट भी बना होगा और इसी के नीचे 100 रुपए और रुपए का निशान भी बना होगा। सिक्के के किनारे पर ‘भारत’ लिखा होगा, जबकि दूसरी तरफ अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा होगा।
बताते चलें कि अटल बिहारी वाजपेयीजी का जन्म 1924 में और निधन 2018 में हुआ। वो 1996, 1998 और 1999 में तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि 1996 में मात्र 13 दिन जबकि 1996 में मात्र 13 महीने तक ही प्रधानमंत्री रहे थे। जबकि 1999 से 2004 तक देश के पूर्णकालीन प्रधानमंत्री रहे। उनके प्रधानमंत्री काल के दौरान देश की आर्थिक तरक्की को नई दिशा मिली थी। उनके निधन से क्या पक्ष, क्या विपक्ष, सभी दुखी थे।
अटल जी के शासन काल में जीडीपी वृद्धि दर 8 प्रतिशत से अधिक पहुंच गई थी जबकि महंगाई दर 4 फीसदी से भी कम हो गयी थी। अटल जी द्वारा शुरू की गई स्वर्णिय चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, निजीकरण के प्रयास, सर्व शिक्षा अभियान, टेलिकॉम क्रांति के लिए उठाए गए कदम दूरदर्शी होने के साथ देश की आर्थिक तरक्की का आधार बने। अटल जी के शासन के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार एकदम से लबालब था। ये अटल जी की नीति ही थी कि जब दुनिया वैश्विक मंदी में तप रही थी, उस समय देश तरक्की कर रहा था। वैश्विक मंदी के बावजूद देश पर मंदी की आंच का कुछ खास असर नहीं पड़ा। ये सबकुछ अटल जी की कुशल नीतियों की वजह से ही हो सका। अटल जी मात्र सर्वप्रिय नेता ही नहीं थे, वो एक कुशल शासक और नीति नियंता भी थे। अटल बिहारी वाजपेयी की इन्हीं उपलब्धियों और जनप्रियता को ध्यान में रखते हुए उनकी जयंती पर भारत सरकार 100 रुपये का सिक्का जारी करने जा रही है।
बता दें कि इससे पहले भी अटल जी की याद में कई कदम उठाए गए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की याद में हिमालय की एक चोटी का नाम तक अटल रखा गया। जबकि उत्तराखंड सरकार ने देहरादून एयरपोर्ट का नाम बदलकर अटल जी के नाम पर रखने का फैसला लिया। अब भारत सरकार ने अटल जी की याद में उनके नाम पर 100 रुपये का सिक्का जारी करने का निर्णय लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि ये सिक्के 3300 से 3500 रुपये की प्रीमियम दरों पर बिक सकते हैं।