चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस की गंदी राजनीति एक बार फिर से शुरु हो गई है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव नजदीक देखकर गंदी राजनीति कर चुकी कांग्रेस चुनाव नजदीक देखकर अब जम्मू-कश्मीर में घटिया राजनीति पर आ गई है। अब उसके नेता चुनाव जीतने पर आतंकियो तक को खुले आम मुआवजा देने का बात कर रहे हैं। बता दें कि, जम्मू कश्मीर में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के पर्यवेक्षक शगीर सईद खान के बेहद घटिया बयान दिया है।
शगीर सईद खान ने बीजेपी के नेताओं को फांसी की सजा देने की बात कही है। यही नहीं, शगीर सईद खान ने राज्य के लोगों को आश्वस्त किया है कि, अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो आतंक के नाम पर मारे गए लोगों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपए के मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी दी जाएगी। कांग्रेसी नेता के इस बेहूदी बयानबाजी पर बवाल उठ गया है।
शगीर सईद खान ने कहा, ”ऐसे ही जो लोग आतंकवाद के नाम पर जेल में बंद हैं, उनको जेल से रिहा किया जाएगा। सबको छोड़ा जाएगा। भाजपा के जिन लोगों ने यहां कत्लेआम मचाया है, वह चाहे कितने ही बड़े नेता ही क्यों न हों, कानून बनाकर उन्हें फांसी के फंदे पर लेकर जाया जाएगा।”
यही नहीं, कांग्रेसी नेता शगीर सईद खान ने कहा, ”कश्मीर जो जन्नत कहलाता था आज चारों तरफ लाशों से पटा पड़ा है। भाजपा जिस तरह के जुल्म यहां के लोगों पर ढा रही है, यहां जो निर्दोष लोग मारे गए हैं, उन सभी को कांग्रेस की सरकार आने के बाद एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाएगी।”
यही नहीं, शगीर सईद खान ने बुलंदशहर हिंसा को लेकर भी विवाददित बयान दिया। शगीर सईद खान ने बुलंदशहर हिंसा में मार गए इंस्पेक्टर की हत्या के लिए बिना किसी सबूत के फौजी जीतू तो जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि, वह फौजी आरएसएस की विचारधारा से प्रेरित था। सईद ने इसके साथ ही कहा कि, सेना सरकार का आदेश मानती है। उन्हें जैसा कहा जा रहा है वो वैसा कर रहे हैं।
ये बताता है कि, कांग्रेस सत्ता पाने के लिए किस हद तक गिर जाएगी। चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने वोट पाने के लिए एक बार फिर से देश में तुष्टिकरण, आतंक और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम शुरु कर दिया है। बता दें कि, यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने आतंकियो से इतना मोह और लगाव दर्शाया है। इससे पहले भी समय-समय पर कांग्रेस का आतंकियों के प्रति लगाव सामने आते रहा हैं। यही कारण है कि, कांग्रेस की सरकार में ढेरों आतंकी हमले होते ही रहते थे। जबकि मोदी सरकार आने के बाद देश में किसी भी महानगर में कोई भी बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ।
तेसद्दुक देव कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सदस्य गुलाम नबी आजाद का साला है। उसे 1992 में अगवा किया गया था। बाद में उसे छुड़ाने के लिए कांग्रेस सरकार ने तीन दुर्दांत आतंकियों को रिहा कर दिया था।
मुस्तफा असलम जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष गुलाम रसूल कार का दामाद था। उसे अगवा कर लिया गया था। उसे छुड़ाने के लिए भी कांग्रेस में बिना किसी शर्त के 7 दुर्दांत आतंकियो को रिहा कर दिया था। ऐसे एक-दो-चार मामले नहीं हैं, जब कांग्रेस ने आतंकियों को बिना किसी शर्त के रिहा कर दिया है। कई बार तो दबे मुंह ऐसी खबरें भी आती रहती हैं कि, ये सारी घटनाएं आतंकियों को छोड़ने के लिए कांग्रेस की रची शाजिश होती हैं। ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस का आतंकियों से प्रेम जगजाहिर हुआ है। अब देखना यह होगा कि जनता कांग्रेस के आतंकियों से प्रेम का किस तरह से जवाब देती है।