नई दिल्ली में वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित हुई जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक में मोदी सरकार ने नए साल में देश के नागरिकों को विशेष तोहफा दिया है। काउंसिल की बैठक में मोदी सरकार ने आम लोगों को कई वस्तुओं में जीएसटी से राहत दी है। इसके लिए कई सामानों के जीएसटी दरों में बदलाव किए गए हैं। लेकिन सरकार की इस पहल के बाद कांग्रेस का दोहरा रवैया सामने आया है। तीन राज्यों में चुनाव नजदीक देखकर जो कांग्रेस अभी तक विभिन्न सामानों पर जीएसटी दरों को घटाने की वकालत कर रही थी, उस कांग्रेस ने अब यूटर्न ले लिया है। उसका कहना है कि, जीएसटी दरों को घटाना तर्कसंगत नहीं है।
बता दें कि, जीएसटी काउंसिल की इस मीटिंग में 33 ऐसे आइटम्स, जिनपर 18% का जीएसटी दर था उसे घटाकर 12 और 5% किये गए है। 7 ऐसे आइटम जिन पर 28% जीएसटी लगता है उसे घटाकर 18% किया गया। कांग्रेस की प्रमुख मांग थी कि, लग्जरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य पर जीएसटी 28 से घटाकर 18% किया जाए। काउंसिल द्वारा लिए गए फैसले के बाद अब 28% के दायरे में केवल 34 वस्तुएं ही बची हैं। आइए एक नजर उन सामानों की लिस्ट पर डालते हैं, जिनपर जीएसटी घटाई गई।
इस बैठक में हज पर जाने वाली चार्टर फ्लाइट पर जीएसटी 18 से घटाकर 5% कर दिया गया। ऑटोमोबाइल की 13 चीजों, सीमेंट की एक चीज पर जीएसटी 28% रहेगा। एसी, डिश वाशर पर 28% जीएसटी रहेगा। कृषि उपकरण, 32 इंच का टीवी सस्ता हुआ। जीएसटी काउंसिल ने 28 प्रतिशत कर स्लैब की सात वस्तुओं पर कर की दर कम की है। इस स्लैब में अब सिर्फ 28 वस्तुएं बची हैं। सिनेमा के 100 रुपये तक के टिकट पर अब 18 प्रतिशत की बजाय 12 प्रतिशत की जीएसटी और 100 रुपये से ऊपर के टिकट पर 28 प्रतिशत की बजाय 18% की जीएसटी होगी।
वहीं दूसरी ओर जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने जीएसटी दरों को 28% से 18% करने पर ऐतराज जताया है। इन्होने इसे राजनैतिक कदम बताया है। उनका मानना है कि यह सही नहीं है। उनके इस बयान से कांग्रेस का दोहरा रवैया एक बार फिर से साफ हो गया है। बता दें कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी है।
बता दें कि, यह कोई पहला मौका नहीं है जब केन्द्र सरकार ने जनता को राहत देते हुए जीएसटी की दरों में बदलाव किए हैं। जीएसटी लागू होने यानी 1 जुलाई 2017 से अभी तक 4 बार सरकार ने टैक्स में छूट दी है। अभी कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने भी 99% वस्तुओं एवं सेवाओं को 18 प्रतिशत टैक्स दायरे के भीतर लाने की बात कही थी। उनके इस विचार पर भी कांग्रेस ने अपना समर्थन खुलकर नहीं दिया था। हालांकि अभी 226 वस्तुएं एवं सेवाएं 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में आती हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जीएसटी पर लगातर सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन जब उनसे समाधान के लिए बैठक में समर्थन मांगा जाता है तो वह पीछे हट जाते हैं। ऐसा कई बार देखने को मिला है, जब कांग्रेस ने अपने ही बयानों पर यू टर्न लिया है। जब तक चुनाव नजदीक होता है, कांग्रेस जनता की पार्टी बनी फिरती है, जनता की आवाज बनी फिरती है, जनता के हितों की बात करती फिरती है लेकिन चुनाव बीतते ही कांग्रेस जनहित के मुद्दों पर भी सरकार की आलोचना करने लगती है। सरकार का साथ नहीं देती है