TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह विद्वान लेकिन एक असफल प्रधानमंत्री

Ajay Singh द्वारा Ajay Singh
28 December 2018
in मत
डॉक्टर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री

PC: vision mp

Share on FacebookShare on X

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी से हम सभी परिचित हैं। उनका जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब प्रांत में हुआ। यह पंजाब बंटवारे के बाद अब पाकिस्तान के हिस्से में है। श्री मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई की। उन्होंने अर्थशास्त्र से परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पंजाब विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए श्री सिंह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय चले गए। यहा उन्होंने अर्थशास्त्र से पीएचडी किया। पढ़ाई-लिखाई में अव्वल, शांत और स्वभाव के गंभीर श्री मनमोहन डी.फिल. यानी डॉक्टर ऑफ फिलॉस्फी करने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय चले गए। श्री सिंह स्वभाव से जितने ही शांत और गंभीर थे उतने ही अंतरमुखी प्रतिभा के धनी थे।

पढ़ाई-लिखाई में विलक्षण प्रतिभा के धनी श्री सिंह अब तक अर्थशास्त्र पर महारथ हासिल कर चुके थे। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में वो काफी नाम कमा चुके थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वदेश लौटे मनमोहन सिंह दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में अध्यापन कार्य में लग गए। स्वभाव से बेहद विनम्र श्री सिंह के पीछे उपलब्धियां जुड़ती जा रही थीं। लेकिन इन उपलब्धियों का मनमोहन सिंह पर कोई असर नहीं पड़ रहा था। अपनी योग्यता के बूते श्री सिंह संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार रहे। वह 1987 से 1990 तक जेनेवा में साउथ कमीशन के सचिव भी रहे। श्री सिंह पूरी जिम्मेदारी, कर्मठता और विनम्रता के साथ एक के बाद जिम्मेदारियों को सँभालते जा रहे थे। 1971 में भारत के वाणिज्यिक एवं उद्योग मंत्रालय में भारत के आर्थिक सलाहकार की भूमिका निभाने वाले श्री सिंह को 1972 में वित्त मंत्रालय का आर्थिक सलाहकार बनाया गया। श्री मनमोहन सिंह यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे। सीधे कहें तो अंतरमुखी प्रतिभा के धनी और विनम्र श्री सिंह अपनी काबिलियत के दम पर हर जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे थे।

संबंधितपोस्ट

किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

और लोड करें

इस बीच साल 1990 के दौरान देश भयंकर आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया। देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को लगा कि अब भारत में भयंकर आर्थिक संकट पैदा होने वाला है। इसी बीच 29 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। ऐसे में कांग्रेस को सहानुभूति की लहर का लाभ प्राप्त हुआ। 1991 में दो चरणों में हुए इस चुनाव में कांग्रेस को 234 सीटें मिली। पार्टी में तमाम आंतरिक राजनीति, खींचातानी के बाद पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बनते हैं और वित्तमंत्री के तौर पर उनकी पहली पसंद थे पूर्व आर बी आई गवर्नर श्री आई जी पटेल, परन्तु पटेल के मना करने के बाद नरसिम्हा राव ने डॉ मनमोहन सिंह को वित्तमंत्री बनाने का प्रस्ताव पेश किया, इस घटना का उल्लेख पीसी अलेक्जेंडर अपनी आत्मकथा ‘थ्रू कॉरीडोर्स ऑफ पावर : एन इनसाइडर्स स्टोरी’ में कर चुके हैं ।

प्रधानमंत्री राव और वित्तमंत्री सिंह ने  कुशलता से परिस्थितियों से निपटना आरम्भ किया। दोनों ने मिलकर  देश को आर्थिक उदारीकरण का रास्ता दिखाया। देश की अर्थव्यवस्था का विश्व बाजार से गठजोड़ किया गया, पूंजी निवेश को बढ़ावा दिया गया और साथ ही साथ आर्थिक सुधार के कई कदम उठाये गए। मात्र 2 वर्षों में ही मनमोहन सिंह के वित्तमंत्री रहते हुए देश की अर्थव्यवस्था न सिर्फ पटरी पर आ गई बल्कि जबरदस्त सुधार के साथ देश का ‘रुपया’ दौड़ पड़ा। अब तक श्री सिंह की नीतियों, कुशलता, विनम्रता और अंतरमुखी प्रतिभा की पूरी दुनिया कायल हो चुकी थी। यह वो समय था, जब एक ऐसा व्यक्ति, जो गैरराजनीतिक व्यक्ति था, प्रोफेसर था, जिसे कायदे से राजनीति का ककहरा तक नहीं मालूम था, जिसने हमेशा पठन-पाठन, शोध और अलग-अलग पदों की जिम्मेदारियां संभालने में समय दिया था, वह व्यक्ति एकाएक एक अच्छे वित्तमंत्री के रुप में उभरकर सामने आया।

यह वह समय था, जब डॉक्टर मनमोहन सिंह देश में ही नहीं, वैश्विक मंचों पर भी किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल के बाद कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला। 16 मई 1996 को 13 दलों के गठबंधन वाली सरकार के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बनते हैं। लेकिन अटल जी की सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चली। यह सरकार 13 दिनों बाद ही गिर गयी। इसके बाद 1998 में फिर से चुनाव हुए। इस बार भी भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन को बहुमत मिला परन्तु अटल जी फिर भी पूरे 5 साल प्रधानमंत्री नहीं रह पाते हैं। यह सरकार भी मात्र 13 माह तक चली।,लेकिन साल 1999 में हुए चुनाव में एक बार फिर से अटल जी प्रधानमंत्री बनते हैं। उनके नेतृत्व में बनी ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन’ की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने में सफल होती है। यह पहली ऐसी गैरकांग्रेसी सरकार थी, जिसने अपने 5 साल पूरे किए थे। इससे पहले मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बने थे लेकिन वो भी अपने 5 साल पूरे नहीं कर पाए थे। इससे पहले 1996 में एचडी देवगौड़ा और उनके बाद इन्द्र कुमार गुजराल भी 11-11 महीने का कार्यकाल ही पूरा कर सके थे।

इस तरह से अटल जी की सरकार साल 2004 तक चली। अटल जी की सरकार में देश ने बड़े-बड़े आयाम हासिल किए। साल 2004 में हुए 14वें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की। इस चुनाव के बाद कांग्रेस 145 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रुप में उभरकर आई। बीजेपी को इस चुनाव में 138 सीटें ही मिली थीं। इस चुनाव में कांग्रेस ने 15 से ज्यादा क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के साथ सरकार का गठन किया। इस गठन के बाद एक बात तो तय था कि प्रधानमंत्री कांग्रेसी दल का नेता ही होगा। ऐसे में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना थी।

लेकिन इसी बीच देश के कई हिस्सों में सोनिया के नाम पर कड़े विरोध होने लगे। भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर सोनिया देश की प्रधानमंत्री बनीं तो मैं विरोध में अपना सिर मुड़वा दूंगी। उनका कहना था कि इतने दिनों तक देश ने विदेशियों की बहुत गुलामी देखी है। अब हम और अधिक विदेशियों की गुलामी नहीं कर सकते। ऐसे में सोनिया को समझ में आ गया था कि उनका प्रधानमन्त्री बनना असंभव था और फिर उन्होंने महानता कार्ड खेलते हुए खुद प्रधानमंत्री न बनने का निर्णय लिया।

उन्होंने ऐसे समय में डॉक्टर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया। श्री सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का सबसे बड़ा फायदा उन्हें यह था कि पार्टी में वह सर्वसम्मत नेता चुने गए। उनके नाम का किसी ने कोई विरोध नहीं किया। पार्टी के अन्य नेताओं में वर्चस्व की जंग थी इसलिए सोनिया के बाद किसी का नाम आने पर पार्टी में विद्रोह शुरू होने की प्रबल संभावना थी। मनमोहन सिंह का नाम एकाएक चुनकर सोनिया ने पार्टी में तकरार और वर्चस्व की लड़ाई होने से बचाया, और मनमोहन सिंह को स्टांप के रूप में इस्तेमाल करने वाले दौर का श्री गणेश भी किया।

मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में अपना काम बखूबी करने की कोशिश जरूर की लेकिन जल्द ही उन्हें भी आभास हो गया कि उन्हें इस पद के लिए क्यों चुना गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेचारगी का वर्णन पहली बार उन्हीं के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू  की पुस्तक “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” में किया गया है। इस पुस्तक के अनुसार सिंह के कार्यकाल के दौरान सोनिया गांधी ही सर्वेसर्वा बनीं रहीं। बीच-बीच में ऐसी सुगबुगाहटें आती रहीं कि प्रधानमंत्री कार्यालय की सारी फाइलें सोनिया गांधी से होने के बाद ही पीएमओ गुजरती थीं। प्रधानमंत्री कार्यालय में फाइलें केवल मनमोहन सिंह के हस्ताक्षर होने के लिए ही आती थीं। और तो और सोनिया गाँधी के नेतृत्व में नेशनल एडवाइजरी कॉउन्सिल नामक एक परिषद का गठन किया गया जिसका काम था पालिसी और सरकार के अन्य कामों की दिशा और दशा निर्धारित करना, यानि की प्रधानमत्री कार्यालय से ऊपर एक दूसरा सिस्टम ही खड़ा कर दिया गया। महान अर्थशास्त्री, डॉक्ट्रेट की उपाधि वाला आरबीआई का गवर्नर रह चुका, देश के वित्तमंत्रालय, यूजीसी समेत तमाम पदों पर रह चुका विनम्र, प्रतिभाशाली, महत्वाकांक्षाविहीन व्यक्ति प्रधानमंत्री जैसे पद पर होकर भी एक व्यक्ति विशेष द्वारा कठपुतली बना दिया गया था।

ऐसा बताया जाता है कि यूपीए की इस सरकार में पेपर पर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे लेकिन कांग्रेसी नेताओं के लिए सोनिया गांधी ही सर्वेसर्वा थीं। ऐसा बताया जाता है कोई भी कैबिनेट मंत्री अपनी  रिपोर्ट प्रधानमंत्री की बजाय सोनिया गांधी से ही साझा करता था। इस तरह से 2009 तक किसी तरह से यूपीए सरकार चली।

2009 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस को 205 और यूपीए को 262 सीटें मिलीं। कांग्रेस को अभी भी बहुमत के लिए 10 सांसदों की जरूरत थी। उसकी इस जरूरत को सपा, बसपा जैसे क्षेत्रीय दलों ने पूरा कर दिया। इस तरह से 2009 में एक बार फिर से मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। इस बार दोबारा प्रधानमंत्री बनने के कारण मनमोहन सिंह का रुतबा थोड़ा सा बढ़ा ही था कि इसी बीच घोटालों का दौर सा शुरु हो गया। कोयला घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, नरेगा घोटाला, चारा घोटाला, यूरिया घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, सत्यम घोटाला, बोफोर्स घोटाला…. जैसो घोटालों की लंबी फेहरिस्त ने यूपीए-2 को एकदम से बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया। लोग प्रधानमंत्री से जवाब चाहते थे। लेकिन मनमोहन सिंह से मानो मौन व्रत ले रखा था।

2013 आते आते बस एक ही नाम हर शख्स के जुबां पर था और वो था गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी का। 2014 लोकसभा चुनाव आते-आते पूरे देश में ‘मोदी’ नाम की लहर सी चल उठी थी। बच्चे, नौजवान, बुजुर्ग, गरीब, दलित, महिलाएं, कर्मचारी…सभी के मुंह पर बस एक ही नारा था, ‘अब की बार मोदी सरकार ’। इस तरह से 2014 में नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए को 336 सीटों पर अभूतपूर्व जीत मिली, जिसमे बीजेपी को 282 सीटें मिलीं। वहीं दूसरी ओर यूपीए को मात्र 60 सीटों पर जीत मिली जिसमें कांग्रेस केवल 44 सीटों पर आकर सिमट गई। इस तरह से 2014 में हुए 16वीं लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के रुप में कार्यभार सम्भाला।

मनमोहन सिंह के पास ना सिर्फ डिग्रियां और विद्वता थी बल्कि अनुभव भी था, वो चाहते तो देश के सबसे अच्छे प्रधानमंत्रियों की सूची में अपना नाम दर्ज़ करवा सकते थे पर हुआ बिलकुल इसके उलट। उन्होंने अपना नाम देश के सबसे कमज़ोर प्रधानमंत्रियों की लिस्ट में दर्ज़ करा दिया, उनके पास मौक़ा था और साथ ही था कुछ बदलने का माद्दा परन्तु उनके नेतृत्व में कांग्रेस अपने न्यूनतम चुनावी स्कोर पर आकर सिमट गयी। श्री मनमोहन सिंह का जीवन एक उदाहरण है की विद्वता और अनुभव आपको बस एक मुकाम तक ही ला सकते हैं परन्तु इतिहास बदलने के लिए चाहिए हिम्मत, हिम्मत जिनका शायद मनमोहन जी में सर्वथा अभाव था!

Tags: कांग्रेसडॉ मनमोहन सिंहप्रधानमंत्रीयूपीए
शेयर75ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

यूपी में रिश्वत मांगने वाले यूपी सरकार के तीन मंत्रियों के सचिव को योगी सरकार ने किया निलंबित

अगली पोस्ट

यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता आजम खान ने दिया विवादित बयान

संबंधित पोस्ट

मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात
चर्चित

मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

25 August 2025

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने की चर्चा को सिरे...

अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद
क्राइम

अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

25 August 2025

योजना आयोग की पूर्व सदस्य और सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित सैयदा हमीद को असम में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करने...

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है
इतिहास

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

23 August 2025

महात्मा गांधी के परपोते श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने बुधवार को राहुल गांधी को एक तीखा और खुला पत्र जारी किया। यह पत्र न केवल निजी टिप्पणी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Is Rampur Nadrabag Mosque The Dark Web of Trafficking, Illegal Arms, Drugs & Conversion Mafia?

Is Rampur Nadrabag Mosque The Dark Web of Trafficking, Illegal Arms, Drugs & Conversion Mafia?

00:05:52

ISRO’s ₹8,240 Cr Project ‘Soorya' : India’s Ticket to Space Station & Moon Missions

00:06:37

Why Silencing History ? The Hypocrisy of Stopping Bengal Files | Kolkata | Mamata | Vivek Agnihotri

00:04:54

Reason Behind Congress and Sanjay Kumar Silently Deleting Their Fake Voter Data Tweets

00:05:56

After 35 Years : Kashmiri Pandits Finally Getting Justice

00:05:59
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited