लंबे समय से फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के ट्रेलर का दर्शकों को इंतजार था जो आखिरकार रिलीज़ हो गया है। ये तो तय था कि इस ट्रेलर के रिलीज़ होते ही विवाद होगा और जैसी उम्मीद थी वी हो भी रहा है। सबसे ज्यादा इस ट्रेलर से किसी को आपत्ति है तो वो कांग्रेस है क्योंकि फिल्म का आधार ही यूपीए सरकार का कार्यकाल है। ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर लिखी गई किताब द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर आधारित है। फिल्म के हर सीन और डायलॉग को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा है। अब इस फिल्म में अनुपम खेर पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह की भूमिका में हैं। वहीं अक्षय खन्ना संजय बारू की भूमिका में हैं। संजय बारू 2004 से 2008 के बीच प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार थे। सोनिया गांधी की भूमिका में अभिनेत्री सुजैन बर्नट हैं। सभी ने फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया है। फिल्म के ट्रेलर को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे संजय बारू की किताब में लिखी हर बात को कलाकारों ने पर्दे पर उतारने की पूरी कोशिश की है। अब इस फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के ट्रेलर को लेकर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जताई है और फिल्म को रिलीज़ करने से पहले उन्हें दिखाए जाने की बात कही और पत्र लिखकर धमकी भी दी है।
Maharashtra Youth Congress writes to makers of #TheAccidentalPrimeMinister & asks to show them the movie before release & if some scenes are found unfactual, they should be deleted else, Youth Congress will not let the movie be screened anywhere in the country. pic.twitter.com/CUGJ98hmv8
— ANI (@ANI) December 27, 2018
दरअसल, महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सत्यजीत तांबे पाटिल ने फिल्म में ‘तथ्यों की गलत प्रस्तुति’ पर आपत्ति जताई और फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग की मांग की। इसके लिए कांग्रेस पार्टी की महाराष्ट्र युवा शाखा ने फिल्मों के निर्माताओं को पत्रकार लिखकर धमकी दी है। इस पत्र में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि फिल्म के ट्रेलर में दिखाए गये कुछ दृश्यों को तथ्यात्मक रूप से गलत है और इसे हटाना होगा अन्यथा इस फिल्म को देश में कहीं भी प्रदर्शित नहीं होने दिया जायेगा। पूर्व प्रधानमंत्री और यूपीए की चेयरपर्सन की छवि को धूमिल करने के मकसद से इस फिल्म को बनाया गया है। ऐसे में फिल्म के रिलीज़ से पहले इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग रखी जाये। इस मांग के पूरा न होने की स्थिति में महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस कोर्ट जाने की धमकी दी।
यही नहीं भूतपूर्व कांग्रेस विधायक ने तो इसे सिख समुदाय की भावना तक से जोड़ दिया। पंजाबी कल्चरल हेरिटेज बोर्ड के चेयरमैन और भूतपूर्व कांग्रेस विधायक चरणजीत सप्रा कहा कि “ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अनादर करती है और साथ ही सिख समुदाय की भावना भी आहत हुई हैं।” हालांकि, ये फिल्म तो कांग्रेस के उन कृत्यों को बयां कर रहा है जो सालों से देश में अपने हित के लिए अंजाम देती रही है और ये भी दिखाती है कि पार्टी ने किस तरह से डॉक्टर मनमोहन सिंह के सादगी और नर्म व्यवहार का फायदा उठाया है।
बता दें कि इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के विवादित कार्यकाल को दिखाया गया है। उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री यूपीए 1 और 2 का नेतृत्व किया था। उनका कार्यकाल भ्रष्टाचार और कई मामलों को लेकर चर्चा में रहा था। कहा जाता था कि प्रधानमंत्री तो डॉक्टर मनमोहन सिंह थे लेकिन वो सिर्फ नाम के थे क्योंकि सभी बड़े फैसले सोनिया गांधी लिया करती थीं। या यूं कहें पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र रहा था। क्या बोलना है और क्या फैसला करना है ये सब वही तय करती थीं। कुल मिलाकर एक परिवार ने दस सालों तक देश को बंधक बनाकर रखा था। डॉक्टर मनमोहन सिंह सिर्फ इसलिए पीएम की कुर्सी पर बैठे थे क्योंकि गांधी परिवार का उत्तराधिकारी अभी तैयार नहीं था। मतलब एक परिवार ने पार्टी और देश पर अपनी कमान को कायम रखने के लिए डॉक्टर मनमोहन सिंह को सत्ता थमाई थी। ये फिल्म 11 जनवरी को रिलीज़ हो रही है और रिलीज़ के बाद कई खुलासे जनता के सामने आने वाले हैं।
अब जब फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर रिलीज़ होने के लिए तैयार है तो कांग्रेस पार्टी खुलेआम धमकी दे रही रही है। वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पार्टी ने विवाद खड़ा किया हो। हाल ही में विक्रम चंद्रा के 2006 के उपन्यास ‘सैक्रेड गेम्स’ पर आधारित आई सेक्रेड गेम्स नेटफ्लिक्स वेब सीरीज में राजीव गांधी को ‘फट्टू’ कहे जाने का भी कांग्रेस ने काफी विरोध किया था। यही नहीं 10 जुलाई 2018 को कांग्रेस पार्टी के सदस्य राजीव कुमार सिन्हा ने इस सीन के लिए नेटफ्लिक्स और नवाजुद्दीन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यही नहीं साल 2017 में आई इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाई गई इमर्जेंसी पर आधारित फिल्म ‘इंदु सरकार’ का भी कांग्रेस ने विरोध किया था। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने तब सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी को एक पत्र भी लिखा था। यही नहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फिल्म के विरोध में भारी विरोध प्रदर्शन भी किया था। हालांकि, बाद में ‘इंदु सरकार’ को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेंसर बोर्ड) से हरी झंडी मिल गयी थी।
फिल्में और वेब सीरीज के अलावा और भी कई फिल्में और नाटक हैं जिसका कांग्रेस पार्टी के समर्थकों ने न सिर्फ विरोध किया है बल्कि धमकियां भी दी हैं। चाहे वो बलराज साहनी की जादू की कुर्सी हो या ‘इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स’ हो ऐसी कई और फिल्में हैं।
176. @INCIndia BANNED Balraj Sahni's iconic play Jadoo ki Kursi that lampooned Nehru. pic.twitter.com/cTKl4ClhWN
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 22, 2017
133. @INCIndia BLOCKED release of 1962 war film Bhool Na Jana, forcing Daan Singh into oblivion. (via @UrchinSpock) https://t.co/KmjmbH7bhU pic.twitter.com/2STNJbkKMO
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) October 29, 2017
199. @INCIndia's state Home Minister BANNED Dilip Kumar's iconic film Jugnu. pic.twitter.com/Bd0zsqjJVp
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) December 20, 2017
151. @INCIndia BANNED Nakoula's film Innocence of Muslims after US Consulate was attacked by protesters in Chennai. https://t.co/5rjaoBnuN0 pic.twitter.com/rYUrjVAyEQ
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 7, 2017
वास्तव में कांग्रेस पार्टी का अभिव्यक्ति की आजादी और भाषण को दबाने का इतिहास काफी लंबा रहा है। हमेशा से इस पारिवारिक पार्टी ने सिर्फ परिवार का हित देखा है और देश में भ्रष्टाचार और हिंसा को बढ़ावा दिया है। किसी भी सच्ची घटना को पर्दे पर उतारा जाता है तो कांग्रेस उसे प्रदर्शित होने से रोकती है खासकर तब जब मुद्दा कांग्रेस पार्टी से जुड़ा है। अब कांग्रेस पार्टी फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के साथ भी कुछ ऐसा ही करने का प्रयास कर रही है।