अगस्ता वेस्टलैंड मामले में बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण से भारत सरकार को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है। अब भारत सरकार की नजर भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर है। आज लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत विजय माल्या के मामले में अहम फैसला सुना सकती है। इसी संबंध में सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साईं मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम लंदन पहुंच चुकी है। अगर आज फैसला भारत के पक्ष में हुआ तो जल्द ही मिशेल के बाद माल्या को भी भारत लाया जा सकेगा। भारत सरकार के लिए ये एक और बड़ी कामयाबी होगी।
बता दें कि धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले के आरोपी विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। फ़िलहाल वो जमानत पर घूम रहा है। भारतीय बैंकों का पैसा लेकर भागा विजय माल्या मार्च 2016 से लंदन में है। भारत सरकार लगातार माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है और अब ऐसा लगता है कि जल्द ही भारत सरकार को सफलता भी मिल जाएगी। गौरतलब है कि साल 2017 में चार दिसंबर को लंदन की मजिस्ट्रेट की अदालत में विजय माल्या के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई थी। आज 10 दिसंबर को इस मामले पर फैसला सुनाएगी कि माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जाए या नहीं।
Politicians and Media are constantly talking loudly about my being a defaulter who has run away with PSU Bank money. All this is false. Why don’t I get fair treatment and the same loud noise about my comprehensive settlement offer before the Karnataka High Court. Sad.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) December 5, 2018
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण कराने में सफलता पाई है जिसके बाद से विजय माल्या डर गया है कि कहीं उसका भी प्रत्यर्पण न हो जाये। इसी डर से मिशेल के भारत पहुंचने के बाद माल्या ने ट्वीट कर कहा कि वो बैंकों का कर्ज चुकाने को तैयार है। एक के बाद एक ट्वीट ने विजय माल्या ने कहा, “मेरे प्रत्यपर्ण का फैसले का मामला अलग है। इसमें कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी लेकिन, जनता के पैसे का भुगतान अहम बात है और मैं 100% चुकाने के लिए तैयार हूं।“
माल्या यही नहीं रुका उसने बड़ी सफाई से अपनी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को हुए घाटे का ठीकरा उन्होंने ईंधन के दाम में भारी वृद्धि पर फोड़ दिया। माल्या ने कहा, “एयरलाइंस को जिस वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, उसका मुख्य रूप से एटीएफ की ऊंची कीमतें हैं। किंगफिशर के एक शानदार एयरलाइन थी, लेकिन तब क्रूड ऑइल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी। इससे कंपनी का घाटा बढ़ा और साथ-साथ बैंकों का कर्ज भी। मैंने उन्हें पूरा मूलधन लौटाने का ऑफर दिया है। कृपया ले लें।“
कॉमनवेल्थ समिट के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे सहित राष्ट्रमंडल के कई महत्वपूर्ण नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान जब थेरेसा मे से बड़े उद्योगपति से भगोड़ा बने विजय माल्या के प्रत्यर्पण मुद्दे पर बातचीत की थी। जबसे अगस्ता वेस्टलैंड मामले में बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण हुआ है तबसे भोगोड़ा कारोबारी विजय माल्या डर गया है और अब भारतीय बैंकों से लिए कर्ज को चुकाने की बात आकर रहा है।