केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है। अब सरकार किसानों को खेती के लिए 4000 रूपए प्रति एकड़ की दर से हर सीजन में आर्थिक मदद देगी। विशेष बात यह है कि, यह पैसा सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा। इसके अलावा सरकार किसानों को एक लाख रूपये तक ब्याजमुक्त लोन भी देगी। खबरों की मानें, तो इसका ऐलान इसी हफ्ते किया जा सकता है। इस योजना के लिए सरकार सालाना करीब 2.30 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें 70 हजार करोड़ की खाद सब्सिडी समेत अन्य छोटी स्कीमों को भी शामिल किया जाने की संभावना है।
इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ-साथ नीति आयोग में त्वरित बैठकें भी बुलाई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि, सरकार के इस निर्णय का ऐलान इसी हफ्ते हो सकता है। इसके लिए बताया जा रहा है कि, राजस्व, व्यय, रसायन, उर्वरक और फूड समेत नोडल मंत्रालयों के अधिकारियों को अनौपचारिक रूप से मीटिंग करने का आदेश दिया जा रहा है। यहां तक कि, फैसले की घोषणा से पहले पीएम नरेंद्र मोदी खुद किसान नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
खबरों की मानें, तो किसानों को फसल के लिए 4,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सीधे उनके बैंक खातों में आर्थिक मदद भेजी जाएगा। यही नहीं, ब्याजमुक्त फसल लोन की सीमा को भी 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 लाख रुपए तक प्रति किसान करने की योजना है। अभी तक कुल मिलाकर 4 फीसदी ब्याज दर की सब्सिडी दर पर किसानों को फसल ऋण मिलता था। लेकिन अब इस योजना के लागू हो जाने के बाद बैंक 1 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेंगे।
केंद्र सरकार ने साल 2017-18 में कुल 10 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण के लक्ष्य को निर्धारित किया था, जिसे हासिल किया गया था। इसमें से 70 प्रतिशत फसल ऋण के रूप में बांटा गया है। बता दें कि, कर्जमाफी के हो रहे इन ऐलानों का सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि, कई बैंकों ने किसानों को जरूरत पड़ने पर ऋण देना ही बंद कर दिया है लेकिन अब अधिकारियों का मानना है कि, इस योजना से किसानों को खेती करने में अपनी तरफ से कम लागत लगानी पड़ेगी।
बता दें कि, नए साल के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक इटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा था कि, किसानों की स्थिति सुधारने के लिए कर्जमाफी विकल्प नहीं है। पिछली सरकारों में कर्जमाफी की गई, लेकिन आज भी किसान कर्ज से परेशान हैं। ऐसे में किसानों की स्थिति बुनियादी समस्याओं के समाधान के बाद ही सुधरेगी। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि, जल्द ही वे कोई निर्णय ले सकते हैं।
अब सरकार की ओर से लाई जा रही इस नई योजना से सीधे किसानों के खाते में आर्थिक मदद भेजी जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इसके लिए किसानों को कुछ जरूरी डेटा भी मुहैया कराना होगा जैसे- उपज को बेचने का समय, खरीददार की डिटेल, उसका आधार कार्ड, फसल की मात्रा, जमीन का विवरण अन्य। बताया जा रहा है कि, इन सभी डेटा को फसल की बिक्री के समय इकट्ठा किया जाएगा। बता दें कि, केंद्र सरकार की यह योजना तेलंगाना सरकार की योजना से अलग होगी। तेलंगाना में भी किसानों को फसल के सीजन से पहले ही 4000 रुपए प्रति एकड़ मिल जाते हैं। अब ऐसे में इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि इस नए नियम से किसानों को स्थाई तौर पर बड़ी राहत मिलने जा रही है।