TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

क्यों 2019 के आम चुनाव पानीपत की तीसरी लड़ाई के समान हैं?

TFI Desk द्वारा TFI Desk
14 January 2019
in समीक्षा
पानीपत 2019

PC: India Today

Share on FacebookShare on X

आज ही के दिन पानीपत का युद्द हुआ था। भारत के इतिहास में, पानीपत की तीसरी लड़ाई बहुत महत्व रखती है। यह युद्ध 14 जनवरी, 1761 को अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली और हिंदू मराठाओं के बीच दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर पानीपत में हुआ था। इसी युद्द ने 1761 के बाद के भारत के इतिहास को आकार दिया। आज इसलिए इस पानीपत के तीसरे युद्द की चर्चाएं प्रमुखता से की जा रही है, क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनावों के संदर्भ में इस युद्द का जिक्र किया है।

1707 में मुगल शासक औरगंजेब की मौत के बाद भारत बहुत ही अस्थिर राजनीतिक स्थिति में फंस गया था। मुगल सल्तनत कमजोर पड़ रही थी। उसके साथी उसका साथ छोड़कर खुद को स्वायत्त घोषित कर रहे थे। जगह-जगह विद्रोह किये जा रहे थे। विद्रोह करने वालों में मराठा भी शामिल थे। मराठाओं ने खुद को बहुत मजबूत कर लिया था और दूसरे दक्कन से उत्तर भारत तक वो लगातार जीत हासिल कर रहे थे। सन् 1758 के करीब मराठाओं ने लाहौर और पेशावर तक अपनी पहुंच बना ली थी और अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली के बेटे तिमुर शाह दुर्रानी को पंजाब और कश्मीर से बाहर धकेल दिया था, जिससे खफा होकर अहमद शाह अब्दाली मराठाओं से लोहा लेने के लिए अपनी बड़ी सेना के साथ पंजाब आ गया। यहां पहले छोटी लड़ाइयों में दोनों सेनाएं एक दूसरे को शह-मात देती रहीं। लेकिन अपने ही देश में अकेले पड़ने के कारण मराठाओं को धीरे-धीरे काफी नुकसान हुआ। दरअसल, मराठा राजपूतों, सिखों और जाटों को अपने साथ अब्दाली के खिलाफ लड़ने के लिए राजी नहीं कर पाए थे। वहीं, दूसरी ओर अहमद शाह को दो हिंदुस्तानी शासकों- दोआब के रोहिल्ला अफगान और अवध के शुजाउद्दौला नवाब की तरफ से मदद मिल रही थी और यही मराठाओं की हार का सबसे बड़ा कारण बना। पानीपत का तीसरा युद्ध होने तक मराठाओं की सेना इतनी कम और कमजोर हो चुकी थी कि यह युद्द एक ही दिन में खत्म हो गया था। युद्द के बाद अब्दाली की सेना ने अधिकतर मराठा लड़ाकों को या तो मार दिया था या बंदी बना लिया था।

संबंधितपोस्ट

जिनके नाम की खा रहे कमाई, उन्हीं का मजाक उड़ा रहे श्याम रंगीला: चुनाव में बेइज्जती के बाद वापस मिमिक्री पर लौटे, हरियाणा के इस कलाकार से सीखें

तिरंगा फाड़ा, PM मोदी की माँगी मौत, पोस्टरों पर मारे लात-चप्पल: कनाडा में खालिस्तानियों का उत्पात, जस्टिन ट्रूडो की शह पर हो रहा ये सब?

23 साल पहले क्या थी चुनौती, किस लक्ष्य तक नहीं करूंगा विश्राम? मोदी ने अपनी यात्रा पर कही ‘मन की बात’

और लोड करें

मराठों की हार ने उत्तर भारत में एक शून्य छोड़ दिया था जिसका परिणाम यह हुआ कि, यहां ब्रिटिश राज्य के रूप में एक ‘क्रूर शासन’ की स्थापना हो गई और इसके साथ ही भारतीयों के शोषण का दौर शुरू हो गया।

इस एक लड़ाई ने भारत को संयुक्त हिंदू साम्राज्य बनने से रोक लिया था और अगले 200 वर्षों तक भारतीयों को विदेशी शासकों की अधीनता स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उस समय एकमात्र शक्ति जो भारत को गुलाम होने से रोक सकती थी वह मराठा थी। अगर मराठा अहमद शाह अब्दाली से युद्ध नहीं हारे होते तो आज का भारत निश्चित रूप से अलग होता। मराठाओं की इस हार ने भारत में ब्रिटिश ताकत के लिए रास्ते तय कर दिए थे।

मराठों की पराजय के पीछे कई कारण थे। जिसमें मुख्य कारण हिंदुओं का एकजुट नहीं होना था। इस लड़ाई के समय, हिंदुओं को विभाजित कर दिया गया था, जबकि दूसरी तरफ, मुस्लिम एक ही बैनर तले एकजुट थे। मराठों ने अकेले ही विदेशी आक्रमणकारी से लड़ाई लड़ी और उसे पानीपत की महत्वपूर्ण लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा।  इस हार के साथ, एक नया मुहावरा मराठी भाषा में प्रचलित हो गया, “इसका तो पानीपत हो गया (वह तो हार गया)।”

साल 2019 भी, हिंदुओं के लिए कुछ ऐसा ही है। अमित शाह ने शुक्रवार को कहा है कि, बीजेपी कार्यकर्ताओं को खूब मेहनत करनी होगी। अगर बीजेपी नहीं जीती तो ये पानीपत के तीसरे युद्ध जैसा होगा, जब अफगानों ने मराठों को हरा दिया था और देश अगले दो सौ सालों के लिए विदेशी ताकतों के हाथों में चला गया था। अमित शाह ने कहा है कि मराठाओं की हार से ही देश दो सौ सालों के लिए औपनिवेशिक गुलामी के दौर में डूब गया था। अमित शाह ने कहा है, “2019 का चुनाव एक निर्णायक लड़ाई होगी।

बता दें कि, स्वतंत्रता के बाद से, हिंदू-विरोधी ताकतों ने हिंदू सभ्यता और उसकी पहचान को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने सांस्कृतिक उपनिवेशवाद को जारी रखा है और हमेशा विभिन्न माध्यमों से हिंदू विरोधी ताकतों को बढ़ावा दिया है। 2014 में, ऐसी हिंदू-विरोधी ताकतों को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वे फिर से सिर उठा रहे हैं और हिंदुओं के लिए चिंतित पार्टी को हराने के लिए अपने सहयोगियों के साथ आ रहे हैं। इस तरह की हिंदू-विरोधी ताकतें विदेशी तो नहीं हैं, लेकिन वे विदेशी आक्रमणकारियों की तुलना में हिंदू रीति-रिवाजों और भारतीय संस्कृती के अधिक विरोधी हैं। यदि हिंदुओं के दिमाग का उपनिवेशीकरण रोका जाना है, तो 2019 का साल सच्चे भारतीयों के लिए ऐसा करने का एकमात्र मौका प्रतीत होता है। यह कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि, पानीपत की चौथी लड़ाई भाजपा और महागठबंधन के बीच लड़ी जाने वाली है।

वामपंथी मीडिया पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रहा है, अगर वे अपने मिशन में सफल होते हैं तो 26/11 जैसे आतंकवादी हमले हमारे दैनिक समाचार का हिस्सा होंगे, हम फिर से बड़े घोटाले और कट्टरपंथी इस्लामवादियों के बारे में सुनेंगे, ज़ाकिर नाइक को पदोन्नत किया जाएगा, हिन्दू आतंकी जैसे शब्दों को फिर से गढ़ा जाएगा, अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का दौर फिर से वापस आ जाएगा, अर्थव्यवस्था और विकास को एक गंभीर झटका लगेगा, सिर्फ एक ‘परिवार के हित’ को राष्ट्रीय हितों पर प्राथमिकता दी जाएगी। इन सब के साथ ही गठबंधन सहयोगियों के स्वार्थ की लड़ाई राजनीतिक अस्थिरता पैदा करेगी।

सिर्फ लुटियंस मीडिया ही नहीं, ऐसे और भी लोग हैं जो 2019 के लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी को हराना चाहते हैं। उनमें से एक होंगे NOTA का प्रयोग करने वाले लोग। ज्यादातर लोग जो NOTA के लिए उत्साह से प्रचार कर रहे हैं, उनका दावा है कि, वे भाजपा समर्थक हैं और वे अब भाजपा से नाराज हैं, इसलिए वे NOTA विकल्प के लिए जा रहे हैं। अब यह तर्क सभी स्तरों पर बेतुका है। अगर आपको लगता है कि, हर कोई बुरा है, तो हमेशा कम बुरे को चुनना बेहतर है। जैसा कि ऐन रैंड ने कहा है: “हर मुद्दे के दो पक्ष हैं: एक पक्ष सही है और दूसरा गलत है, लेकिन मध्य हमेशा बुरा होता है।” वह आगे कहती है, “जो आदमी गलत है वह अभी भी सच्चाई के लिए कुछ सम्मान बरकरार रखता है।” इन नोटा वाले लोगों को यह याद दिलाने की जरूरत है कि, मराठा पानीपत की लड़ाई में इसलिए हारे क्योंकि अन्य हिंदू राजाओं ने मराठाओं का साथ देने से इनकार कर दिया था। उन हिंदू नेताओं की तटस्थता दो सदियों से भी अधिक समय तक हिंदुओं के लिए गुलामी का कारण बनी।

अमित शाह का बयान यही कहता है कि, 2019 के चुनावों में केंद्र में मजबूत और स्थिर सरकार के लिए वोट करें। जो व्यक्ति साढ़े चार साल से देश में अच्छे बदलाव ला रहा है और देश के विकास के लिए समर्पित है, उसे चुनें। यह भारत के मतदाताओं पर ही निर्भर है कि, वे इतिहास के किस पक्ष को तय करना चाहते हैं।

Tags: 2019 लोक सभा चुनावपीएम नरेंद्र मोदी
शेयर5237ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

चिराग पासवान ने कहा, ‘पहले बिहार में तो खाता खोल लें फिर यूपी की सोचें’

अगली पोस्ट

शानदार नेतृत्व के लिए पीएम मोदी को मिला पहला फिलिप कोटलर अवॉर्ड

संबंधित पोस्ट

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत
इतिहास

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

22 October 2025

जून 2025 में सऊदी अरब ने आधिकारिक रूप से अपने विवादित कफाला प्रणाली को समाप्त करने की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम था, जिसे...

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने
चर्चित

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

22 October 2025

बिहार की राजनीति इस वक्त फिर उसी पुराने मोड़ पर लौटती दिखाई दे रही है, जहां गठबंधन एकता का ढोल तो पीट रहा है, लेकिन...

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
इतिहास

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited