आज मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश करने के लिए कार्यकारी वित्तमंत्री पीयूष गोयल जैसे ही बज़ट के प्रतीक ‘बैग’ को लेकर निकलें तो पूरे देश की निगाहें उस जादुई बैग पर थीं। सबको मन में बस यहीं सवाल था कि मोदी के दूत के रूप में पीयूष गोयल इस बार संसद में देश को क्या सौगात देने वाले हैं। आखिरकार वह बैग भी खुला। राष्ट्रपति के औपचारिक अनुमति के बाद जैसे-जैसे पीयूष गोयल ने बजट की पुड़िया खोलते गये, वैसे-वैसे विपक्ष के चेहरे उतरते गये। सूरज जैसे-जैसे आसमां में रोशनी बिखरता गया (दोपहर होता गया), विपक्षियों के चेहरे का सूरज ढलता गया। पहली बार बजट पेश कर रहे पीयूष गोयल ने विपक्ष को उस वक्त मूर्क्षित कर दिया, जब उन्होंने इस बात की घोषणा की कि 5 लाख से कम इनकम वाले टैक्स से मुक्त होंगे। इसके बाद एक ओर जहां लोगों के मन में फुलझड़ियां फूटने लगीं तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष को पता चल गया कि मोदी सरकार ने गुगली में हमें लपेट लिया है। विपक्ष को पता चल गया कि अब यह चुनाव भी हाथ से गया।
लेकिन इस बार लग रहा था कि पीयूष गोयल पूरे रंग में उतरे थे। वो कांग्रेस समते पूरे यूपीए को एक के बाद एक तीर चला रहे थे। पीयूष गोयल ने कहा कि “गरीबों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है।” इस बजट में पीयूष गोयल ने उन्हीं पंक्तियों को दोहराया जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम दिए गये अपने पारंपरिक संबोधन में कहा था। पीयूष गोयल ने कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में पूर्वप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस वक्तव्य को भी याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि, “देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों, खासतौर पर मुसलमानों का है।“
दरअसल, शहरी-ग्रामीण विभाजन को कम करने के की बात पर वित्त मत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश के गरीबों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है। पीयूष गोयल ने लोकसभा में 2019-20 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, “हम ‘गाँव की आत्मा’ को संरक्षित रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं प्रदान करने की योजना बना रहे हैं।” वित्तमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने शहरी-ग्रामीण विभाजन को खत्म करने के लिए काम किया है और “गरीबों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है।” इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियों पर भी गौर फरमाया और स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का उल्लेख करना नहीं भूले। गोयल ने कहा कि भारत ने 98 प्रतिशत से अधिक ग्रामीणों को स्वच्छता कवरेज के दायरे में लाया गया है तथा लगभग 5.4 लाख गाँवों को खुले में शौच मुक्त बनाया गया है।
इसके अलावा इस दौरान पीयूष गोयल ने एक-एक करके तमाम मुद्दों पर बेबाकी से बातें रखी। जिसके कारण विपक्ष बौखलाया हुआ है। अब देखना यह है कि बौखलाया हुआ विपक्ष आगे क्या करता है क्योंकि इस बजट से पीयूष गोयल ने विपक्षियों के चारो-खाने चित कर दिया हैं।