कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर एक बार फिर से स्ट्राइक किया है। पाकिस्तान ट्विटर हैंडल और अनाधिकारिक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में पंजाब के बहावलनगर जिले के फोर्ट अब्बास पर हमला किया है। हालांकि, अभी तक भारतीय वायुसेना ने इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। अभी इस बारे में और जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
BREAKING: Unconfirmed reports from Pakistani sources saying Indian Air Force has dropped bombs near Fort Abbas, Pakistan.
— FJ (@Natsecjeff) March 4, 2019
BREAKING: there are some unconfirmed reports that Indian troops fire shells in Toba Qalandar Shah Chak 242 and 243 in Bahawalnagar/Fort Abbas, a city in South Punjab today. However, no casualty reported so far.#NobelPeacePrize @peaceforchange pic.twitter.com/9roUo8Uptk
— Sarfraz Ali (@ItsSarfrazAli) March 4, 2019
भारत ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 12 दिनों बाद ही पाकिस्तान में आतंकी संगठनों पर एयर स्ट्राइक की है। न्यूज़ एजेंसी एनएनआई के मुताबिक आज सुबह ही वायुसेना के मिराज विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और चकोटी में जबरदस्त बमबारी की और आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था । इस बमबारी में मारे गए आतंकियों की संख्या 200 से 300 बताई गयी। इस बार पाकिस्तान ने खुद स्वीकार किया था कि भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी लेकिन फिर भी वो इस तरह की किसी भी कार्रवाई से इंकार कर दिया था। 26 फरवरी की तड़के सुबह भारतीय लड़ाकू विमान मिराज 2000 के एक समूह ने एलओसी पारकर पाकिस्तान के बालाकोट, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और चकोटी में आतंकी कैंप पर बमबारी की और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। आतंकी कैंप पर 1000 किलो बम गिराए गए थे। इस अभियान में 12 मिराज विमानों ने हिस्सा लिया।’ 1971 के बाद से ये भारत की सबसे बड़ी स्ट्राइक है जो सफलता के साथ पूरा किया गया।
अंकित पांडा के अनुसार हाल ही में भारतीय वायुसेना द्वारा एक परमाणु शक्ति द्वारा दूसरे पर हमला करने का एक उल्लेखनीय मामला है। मार्च 1969 में जेनबाओ द्वीप को लेकर लेकर सोवियत यूनियन और पीआरसी के बीच तनाव।1999 के भारत-पाकिस्तान कारगिल युद्ध। कभी परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच इस तरह से पारंपरिक वायु शक्ति का इस्तेमाल करते नहीं देखा।
फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बालाकोट जैश-ए-मुहम्मद के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध प्रशिक्षण शिविरों में से एक है। इसका उल्लेख भारत और विदेशों में कई पिछले आपराधिक मामलों में है। जिहादियों के लिए बालाकोट का बहुत महत्व है। आयशा जलाल ने अपनी पुस्तक “अल्लाह के अंश” में बालाकोट को दक्षिण एशिया में जिहाद का केंद्र के रूप में वर्णित किया है।
हालांकि, पाकिस्तान ने फिर भी एयर स्ट्राइक की बात को तो माना लेकिन किसी भी तरह के नुकसान से साफ़ इंकार किया है लेकिन कुछ तथ्यों से पाकिस्तान का झूठ भी बाहर आ गया।
बता दें कि उच्चपदस्त सरकारी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी दी है कि, खुफिया एजेंसियों के पास सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) की तस्वीरों के रूप में एयर स्ट्राइक के सबूत मौजूद है। इन तस्वीरों में साफ दिख रहा है भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू जेट्स ने चार इमारतों को पांच एस-2000 प्रिसिजन-गाइडेड म्यूनिशन के जरिए ध्वस्त किया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अधिकारी ने कहा था कि, इस एयर स्ट्राइक में मदरसा तालीम-उल-कुरान के परिसर की 4 इमारतों को नुकसान हुआ है। सूत्रों के अनुसार, तकनीकी इंटेलिजेंस की सीमाओं और ग्राउंड इंटेलिजेंस की कमी के कारण अभी तक हमले में मारे गए आतंकियों का आंकलन करना काल्पनिक ही होगा।
जैश की ये इमारतें नालीदार जस्ती लोहे (सीजीआई) के सरियों से बनी थीं। उन्होंने बताया कि, एसएआर की तस्वीरों से पता चलता है कि, हमले के अगले दिन इन इमारतों की छतें गायब हो गई थीं लेकिन दो दिन बाद ही बड़ी चालाकी से पाक ने इन सीजीआई छतों को रिपेयर कर दिया, जिससे तकनीकी इंटेलिजेंस को नुकसान का पूरा आंकलन करने में परेशानी हो रही है।
हालांकि, अब सरकारी सूत्रों से साफ हो गया है एयर स्ट्राइक में जैश के चार मदसरे तबाह हो गए थे। अगर सरकार रडार की तस्वीरों को पब्लिक करती है तो यह पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत में बैठे उन चंद लोगों के लिए भी बड़ा झटका होगा जो सरकार से एयर स्ट्राइक का सबूत मांग रहे हैं।