कांग्रेस ने राहुल गांधी पर स्नाइपर गन से निशाना साधे जाने की बात कही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अमेठी में चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते वक्त राहुल गांधी पर स्नाइपर गन से निशाना साधा गया। कांग्रेस के इस आरोप का गृहमंत्रालय ने जवाब दिया है। गृह मंत्रालय ने एसपीजी के डायरेक्टर के हवाले से बताया है कि दरअसल वो किसी लेजर गन की लाइट नहीं थी, बल्कि कांग्रेस के ही एक फोटोग्राफर के मोबाइल से आ रही लाइट थी। यह फोटोग्राफर राहुल गांधी की तस्वीर ले रहा था।
दरअसल, राहुल गांधी कल यानी बुधवार को अमेठी में पर्चा भरने गए थे। वहां उनके साथ मां सोनिया गांधी के अलावा पूरा वाड्रा परिवार भी उपस्थित था। पर्चा भरने के बाद राहुल गांधी मीडिया से बात कर रहे थे। उसी दौरान का एक विडियो कांग्रेस द्वारा दिखाया गया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि, विडियो में कम-से-कम 7 बार राहुल गांधी पर ग्रीन कलर की लेजर लाइट दिखाई दी है। उनमें से कुछ बार तो वह उनकी कनपटी के आसपास देखी गई थी।
गृह मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, कांग्रेस की ओर से इस मामले में अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है लेकिन इस वीडियो के सामने आने के बाद उन्होंने एसपीजी से सफाई मांगी थी। इस पर एसपीजी के डायरेक्टर ने गृह मंत्रालय को बताया कि जो हरी लाइट विडियो में दिखाई दे रही है वह एआईसीसी के कैमरामैन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे फोन की है।
इससे पहले एक पत्र सामने आया था, जिस पर कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की जान को खतरा बताया गया था। सुरक्षा में चूक बताते हुए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। पत्र में लिखा है कि, इस तरह की कोई भी घटना राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है। यह उनकी सुरक्षा में सेंध की ओर इशारा करती है। कांग्रेस ने कहा कि वह इस तरह की घटना से सन्न हैं साथ ही वे राहुल पर भविष्य में होने वाले किसी भी हमले के प्रति आशंकित हैं।
यही नहीं, पत्र में कांग्रेसी नेताओँ ने राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी और उनकी दादी इंदिरा गांधी की हत्या की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए राहुल गांधी की सुरक्षा में ढिलाई नहीं बरती जा सकती। राहुल की सुरक्षा में ढिलाई गंभीर चिंता का विषय है। कांग्रेस ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष की सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए।
अब आते हैं उस वीडियो पर जिसे दिखाकर कांग्रेस बता रही है कि राहुल गांधी की कनपटी पर स्नाइपर गन से निशाना साधने की कोशिश हुई थी। वीडियो को देखने पर साफ पता चल रहा है कि, यह स्नाइपर गन की लाइट नहीं है। एसपीजी डायरेक्टर ने इस लाइट को कांग्रेस के ही फोटोग्राफर के मोबाइल की लाइट बताया है। कड़ी एसपीजी सुरक्षा के बीच सात बार राहुल गांधी के चेहरे पर स्नाइपर गन की लेजर लाइट आने की बात समझ से परे है। लेकिन, इस मामले में कांग्रेस ने चुनावों से पहले विक्टिम कार्ड खेलने की भरपूर कोशिश की। बिना किसी जांच-पड़ताल के ही उसने इस मामले को राजीव व इंदिरा गांधी से जोड़ दिया।
बहरहाल चुनावी समय में बड़े नेताओं की सुरक्षा बहुत अहम होती है। कोई भी अनहोनी पूरे देश और लोकतंत्र के लिए घातक सिद्द हो सकती है। कांग्रेस को बिना जांच-पड़ताल के इस तरह की अफवाह फैलाने से बचना चाहिए था। सिर्फ विक्टिम कार्ड के लिए इस तरह की कहानी गढ़ना लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।