इन लोकसभा चुनावों में विपक्षी पार्टियां किसी भी हद तक जाती दिख रही है। जिसके कारण वो अपनी ही मुसीबतें खुद ही बढ़ाने में लगी हुई हैं। ऐसा ही देखने को मिला उत्तर प्रदेश में भी, जहां समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी ऐसा ही कुछ करते दिखे।
दरअसल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभा में दो नाबालिग बच्चे पार्टी का प्रचार करते दिखे जिसके बाद भाजपा ने अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की। भारतीय जनता पार्टी ने बताया कि उन्होंने बलरामपुर में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज़ कराई है।
ये शिकायत भाजपा प्रदेश इकाई उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने की। राठौर ने निर्वाचन आयोग में लिखित शिकायत दर्ज़ कराई। शिकायत में राठौर ने कहा कि ‘अखिलेश यादव ने अपनी सभा में दो मासूम बच्चों को चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किया। उनके शरीर पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रचार की बातें लिखकर, बच्चों को चिलचिलाती धूप में खड़ा होने के लिए विवश किया गया।‘ उन्होंने आगे कहा कि ‘इतनी तेज धूप में जहां कुछ घंटे एक जवान आदमी भी खड़ा नहीं हो सकता, उस धूप में चंद पैसों का लालच देकर मासूम बच्चों को खड़ा होने पर विवश किया गया।
राठौर ने ये भी कहा कि ‘मासूम बच्चों का इस तरह इस्तेमाल करना अखिलेश यादव के निर्दयी व अमानवीय रूप को दर्शाता है।‘ राठौर ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए अखिलेश यादव पर कठोर कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने ने ये भी कहा कि ‘ऐसे मामलों में कठोरतम कार्रवाई की जाए ताकि ऐसी घटनाओं के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों तक संदेश पहुंचे और ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों और कोई भी राजनैतिक दल मासूम बच्चों का इस्तेमाल अपनी पार्टी के प्रचार के लिए न करे।‘
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ऐसी ही एक घटना में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी चुनाव आयोग नोटिस जारी कर चुका है। प्रियंका ने भी अपनी चुनावी सभा में बच्चों का इस्तेमाल किया था। जहां बच्चों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी कराई गयी थी। साथ ही बच्चों द्वारा आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी किया था जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चुनाव आयोग में प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराई थी।
गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2014 के अपने आदेश में चुनाव आयोग से कहा था कि बच्चों को चुनाव प्रचार में शामिल न किया जाए। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक पार्टियों को निर्देश जारी करने का आदेश भी दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने 21 फरवरी 2017 को सभी राजनीतिक पार्टियों को सख्त निर्देश दिया था कि चुनाव प्रचार में बच्चों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और बसपा सुप्रीमो मायावती की बहुजन समाज पार्टी एक साथ मिलकर ‘गठबंधन’ के रूप में चुनाव लड़ रही है। गठबंधन के साथ ही ये पार्टियां चुनावी प्रचार के लिए और भी कई पैंतरे अपना रही हैं, लेकिन अपने फ़ायदे के लिए मासूम बच्चों का इस्तेमाल करना सच में इनके लालच की पराकाष्ठा है, यही एसपी और बीएसपी का घिनौना चेहरा है।