राजनीति में ना तो कोई स्थायी दोस्त होता है, और ना ही कोई स्थायी दुश्मन, इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमें तब देखने को मिला जब एक दूसरे के धुर-विरोधी रहे अखिलेश और मायावती अपने सभी राजनीतिक मतभेदों को भुलाते हुए इस साल जनवरी में एक साथ आ गए। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपने गठबंधन का ऐलान करते हुए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा को आड़े हाथों लेने का ऐलान किया था। हालांकि, पार्टी के लिए दिन-रात काम करने वाले कार्यकर्ताओं को इन दोनों नेताओं का यह फैसला बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था। अब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी की सामूहिक रैली में कार्यकर्ताओं का गुस्सा खुलकर सामने आ रहा है। दरअसल, सोशल मीडिया पर सपा-बसपा की एक रैली की एक वीडियो जमकर वायरल हो रही है, जिसमें सपा और बसपा के कार्यकर्ता एक दूसरे से गुत्थमगुत्था हो रहे हैं।
दरअसल, सोमवार को बसपा उम्मीदवार अफजाल अंसारी के समर्थन में आयोजित गठबंधन की रैली में सपा-बसपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे। रैली के बीच ही दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। खास बात यह कि जिस समय दोनों पार्टियों के समर्थक आपस में लड़ रहे थे उस समय मंच पर अखिलेश यादव और मायावती दोनों बैठे हुए थे। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
गौरतलब है कि, बहुजन समाजवादी पार्टी ने गाजीपुर में भाजपा उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के सामने बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है। उसी के समर्थन में यहां सपा-बसपा-रालोद की संयुक्त रैली हुई थी। रैली में बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने जनता को संबोधित किया था।
हुआ यूं कि, तीनों बड़े नेताओं के रैली में पहुंचने से पहले सपा-बसपा के कार्यकर्ताओं ने मीडिया गैलरी पर कब्जा कर लिया था। इन कार्यकर्ताओं ने यहां मीडियाकर्मियों से तो दुर्व्यवहार किया ही साथ ही जो कुछ लोग उन्हें समझाने आए तो वे उनसे ही भिड़ गए। इसके बाद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने झंड़ों से एक-दूसरे पर वार करना शुरू कर दिया। बता दें कि, स्थानीय मीडिया ने सपा-बसपा कार्यकर्ताओं के इस व्यवहार पर नाराजगी जताई है और स्थानीय ने कार्यक्रम का बहिष्कार भी किया।
पिछले महीने भी सपा-बसपा की एक रैली में कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला था जब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बहुजन समाज पार्टी के झंडों को उखाड़ रहे थे। सपा-बसपा की इस रैली में अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल यादव मंच पर ही मौजूद थे। जब रैली खत्म हुई तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वहां लगे बसपा पार्टी के झंडों को उखाड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद वहां मौजूद सपा और बसपा के कार्यकर्ताओं में हाथापाई भी हुई और एक दूसरे पर कुर्सियों से हमला कर दिया गया।
जाहिर है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपना गठबंधन करके दोनों पार्टियों के जनाधार को मजबूत करने की योजना बनाई होगी।, हालांकि जमीनी स्तर पर ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ है। दरअसल, गठबंधन होने की वजह से दोनों पार्टी के आधे उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिल पाया, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में दोनों पार्टियों के नेताओं ने अपनी पार्टी को छोड़ भाजपा या अन्य पार्टियों का दामन थाम लिया था। यही हाल पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ भी है।
कभी अपने भाषणों में अखिलेश पर अराजक सरकार चलाने का आरोप मढ़ने वाली मायावती आज उन्हीं के साथ गठबंधन में हैं। ऐसे में कार्यकर्ता भी असमंजस में है। कार्यकर्ताओं को भी यह बात समझ में आ गयी है कि सिर्फ वोट पाने के लिए और सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने के लिए ये नेता किसी भी हद तक जा सकते हैं। यही कारण ही कि इन चुनावों में कार्यकर्ताओ का गुस्सा इस कदर खुलकर सामने आया है कि सरे-आम रैलियों में एक दूसरे के कार्यकर्ताओं पीटा गया। अब यह तो 23 मई को आने वाले लोकसभा चुनावों के परिणाम ही बताएंगे कि, इस गठबंधन से दोनों पार्टियों को कितना नुकसान या कितना फायदा होता है लेकिन इतना तो तय है कि, दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता इस चुनावी समर में अपने नेताओं की खूब फजीहत करा चुके हैं।