2019 के आम चुनाव से पहले और बाद की परिस्थितियों में ज़मीन आसमान का अंतर आ चुका है। चुनाव के नतीजे आने से पहले विदेशी मीडिया जहां प्रधानमंत्री मोदी की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही थी तो वहीं बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद इस मीडिया के सुर पूरी तरह बदल चुके हैं। जिस टाइम मैगज़ीन ने कवर पेज पर पीएम मोदी की तस्वीर के साथ विवादित टाइटल देते हुए उनको “डिवाइडर इन चीफ” बताया था, वही टाइम मैगज़ीन अब गिरगिट की तरह रंग बदलता नजर आया। दरअसल, अपने पहले के विवादित लेख के बाद टाइम मैगज़ीन ने पीएम मोदी को लेकर अब एक नया लेख लिखा है जिसमें टाइम मैगजीन ने पीएम मोदी को ‘देश को जोड़ने वाला सबसे बड़ा नेता बताया है’।
बता दें कि भारत में आम चुनावों से पहले टाइम मैगज़ीन ने अपने गुप्त एजेंडे के तहत पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ जमकर दुष्प्रचार किया जिसके बाद इस मैगज़ीन की पूरे विश्व में आलोचना हुई थी। हालांकि, अब लगता है कि भारतीय वोटर्स के चुनावी पंच के बाद टाइम के होश ठिकाने आ गए हैं और अब इसने पीएम मोदी को लेकर एक नयी रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को “देश को जोड़ने वाला सबसे बड़ा नेता” बताया गया है। नई रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की सफल योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के पीछे के कारण को बताते हुए सबसे पहले लिखा गया“यह जीत प्रधानमंत्री की प्रतिभा की जीत है”। आगे लिखा “जिस तरह से पीएम मोदी ने देश के गरीब लोगों की हर संभव मदद की और उनके कल्याण के लिए जो कदम उठाए उसकी वजह से जनता ने उनको अपार प्रेम दिया और अब वह फिर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं”। यही नहीं हिंदू मुस्लिम एकता को लेकर इस लेख में कहा गया है कि हिंदुओं के भरपूर प्रेम के साथ ही इस चुनाव में अल्पसंख्यक समाज ने भी बीजेपी के प्रति पूरा भरोसा जताया है। दिलचस्प बात यह है कि अपने पुराने लेखों में टाइम मैगज़ीन ने प्रधानमंत्री मोदी को मुस्लिम विरोधी बताया था, लेकिन चुनावी नतीजे सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि उनके एजेंडे को लोगों ने सिरे से नकार दिया है। यही कारण है कि अब यह मैगज़ीन डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में जुटी है।
टाइम मैगज़ीन के अलावा न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी चुनावों से पहले पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ जमकर अपना एजेंडा चलाया लेकिन जैस ही पीएम मोदी की जीत निश्चित हुई, तभी इस अखबार ने पीएम मोदी को भारत की जरूरत बता डाला। न्यूयॉर्क टाइम्स ने पीएम मोदी को लेकर अपने पुराने लेखों में यह साफ लिखा था कि पीएम मोदी ने अपने चुनाव प्रचार करने के दौरान जमकर तुष्टीकरण की राजनीति की और हिंसा के बल पर अपने चुनाव प्रचार को आगे बढ़ाया। हालांकि, 23 मई को न्यूयॉर्क टाइम्स ने पूरी तरह यू-टर्न लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी को नए भारत की ज़रूरत बताया। इस रिपोर्ट में लिखा था, ”वह (प्रधानमंत्री मोदी) खुद को भारत का चौकीदार बताते हैं। उनके हिंदुत्व की छवि, राष्ट्रवाद, विनम्रता और गरीबों के लिए कई योजनाओं के कारण उन्हें बहुमत हासिल करने में सफलता मिली”।
भारतीय वोटर्स ने भाजपा को दोबारा सत्ता सौंपकर विदेशी मीडिया के इस एजेंडे को पूरी तरह धराशायी कर दिया। इन चुनावों ने यह साफ कर दिया कि विदेशी मीडिया का यह एजेंडा किसी भी भारतीय को मंजूर नहीं है, और यही कारण है कि टाइम मैगज़ीन और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे विदेशी मीडिया संगठन प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी सोच को बदलने पर मजबूर हुए हैं, सही मायनों में यह हर भारतीय की जीत है।