TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

इन सुपरस्टार्स, फिल्म निर्देशकों और लेखकों ने आपातकाल का विरोध कर पेश किया था बड़ा उदाहरण

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
25 June 2019
in मत
इन सुपरस्टार्स, फिल्म निर्देशकों और लेखकों ने आपातकाल का विरोध कर पेश किया था बड़ा उदाहरण
Share on FacebookShare on X

कल्पना कीजिये की आपको वीकेंड को एक फिल्म देखने जाना है, और उसे थिएटर से सिर्फ इसलिए हटा दिया जाये, क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि इस फिल्म का प्रदर्शन हो। या कल्पना कीजिये की आप ऑल इंडिया रेडियो के विविध भारती पर किशोर कुमार की कोई कर्णप्रिय धुन सुन रहे हो, और वो अचानक से रुक जाये। अजीब लगेगा न?

पर 44 वर्ष पहले कुछ ऐसा ही हुआ था, जब इन्दिरा गांधी और उनके चाटुकारों के कारण पूरे भारत भर पर आंतरिक आपातकाल घोषित कर दिया गया था। किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो पर प्रतिबंधित कर दिये गए थे। ऐसा भी क्या हुआ कि इनके गानों को वीसी शुक्ला के एक इशारे पर प्रतिबंधित किया गया था? दरअसल किशोर दा ने संजय गांधी द्वारा समर्थित कांग्रेस के चर्चित 20 पॉइंट प्लान को गाने से मना कर दिया था। जब रचनात्मकता पर इतनी लगाम कसी जा रही हो, तो ऐसे में लोग क्या करते? चुपचाप किशोर दा का ‘दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना, जहां नहीं चैना वहां नहीं रहना’ गुनगुनाए और खुली हवा में सांस लेने के लिए 21 महीने तक प्रतीक्षा करे, या रचनात्मकता का उपयोग कर सरकार की इन दमनकारी नीतियों का विरोध करे?

संबंधितपोस्ट

कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

“विहिप भी बोली: हटाइए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’, इमरजेंसी की देन क्यों ढोएं?”

नई पीढ़ी की भी होनी चाहिए आपातकाल के अत्याचारों की जानकारी, जानें और क्या बोले सुनील आंबेकर

और लोड करें

आपातकाल के दौरान कई लेखकों को गिरफ्तार किया गया और उनकी आवाज़ को दबाया गया। जहां एक तरफ अधिकांश बुद्धिजीवी एवं कथित फिल्मी सितारे बिना लड़े ही नतमस्तक हो गए, तो वहीं हमारे कुछ हीरो इसी आग में सोने की तरह निखरकर सामने आए। सब कुछ दांव पर लगाते हुए इन सुपरस्टार्स, फिल्म निर्देशकों एवं लेखकों ने आपातकाल का विरोध कर जो उदाहरण पेश किया है, वो अपने आप में कई लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत से कम नहीं है।

आपातकाल में जैसे जैसे सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की बेचैनी बढ़ रही थी, एक लेखक को गृह मंत्रालय से अपनी पुस्तक प्रकाशित करने के लिए स्वीकृति लेनी पड़ी थी। उनके पुस्तक पर फिल्म बनाने वाले निर्माता रातों रात गायब हो गए थे। यह लेखिका कोई और नहीं, नयनतारा सहगल थी।

और पढ़े: प्रिय प्रवास किसकी रचना है? और इसके सभी सर्ग का वर्णन

हमारे प्रचलित सितारों और फ़िल्मकारों के लिए कोई आसान समय नहीं था। बॉलीवुड में देशभक्ति का पर्याय बन चुके मनोज कुमार उस समय आग बबूला हो गए जब उनपर आपातकाल के पक्ष में एक डॉक्यूमेंट्री का निर्माण करने के लिए दबाव बनाया गया। हैरानी की बात तो ये थी कि इसकी पटकथा प्रसिद्ध पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम ने लिखी थी, जो मनोज कुमार की अच्छी दोस्त भी थीं, और इस बात के लिए मनोज ने उन्हें लताड़ा भी था।

परिणामस्वरूप इनकी फिल्म दस नंबरी पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था, पर मनोज साब कहाँ हार मानने वाले थे। उन्होंने दिल्ली में डेरा जमा लिया और आपातकाल के विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा दायर किया और 1977 में इस मुकदमे को जीता भी। ऐसा करने वाले वो उस समय के इकलौते फ़िल्मकार थे।

प्रसिद्ध फ़िल्मकार सत्यजित रे ने भी आपातकाल के पक्ष में डॉक्युमेंट्री बनाने से मना कर दिया था। तब तक उन्हें विश्व भर में प्रसिद्धि मिल चुकी थी और उन्हें चाहकर भी सरकार हाथ नहीं लगा सकती थी। उत्तम कुमार ने भी तत्कालीन स्थिति पर रोष जताया था।

यही नहीं, कल्लोल और अंगार जैसे नाटकों के कारण कांग्रेस की आँखों में खटकने वाले प्रसिद्ध बंगाली नाटककार एवं अभिनेता उत्पल दत्त ने तो आपातकाल में तमाम रुकावटों के बावजूद बैरिकेड, दुश्वाप्नेर एवं एबार राजर पाला जैसे प्रतिबंधित नाटक खुलेआम बंगाल में संचालित कर आपातकाल विरोधी अभियानों को अपना समर्थन देते रहते थे।

मशहूर अभिनेता देव आनंद यूं तो अपने करिश्माई अभिनय के लिए बहुत प्रसिद्ध थे। परंतु बहुत कम लोग यह बात जानते थे कि उन्होंने न केवल आपातकाल के पक्ष में चलाये अभियान का विरोध किया था, बल्कि उन्होंने आपातकाल के विरोध में राष्ट्रवादी पार्टी का भी निर्माण किया। ऐसे में देस-परदेस की शूटिंग कोई आसान काम नहीं था, परंतु उनके समर्थन में उनके भाई चेतन और विजय, शत्रुघ्न सिन्हा एवं डैनी डेन्जोंगपा जैसे लोग खड़े हुए।

चेतन आनंद ने तो वीसी शुक्ला को खुलेआम हिरासत में लेने की चुनौती दे डाली। फलस्वरूप इनका समर्थन करने के लिए शत्रुघ्न सिन्हा के किसी भी फिल्म में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ऐसे में यह कितना हास्यास्पद है की ऐसे दमनकारी पार्टी का हाथ इस वर्ष लोकसभा चुनावों के लिए शत्रुघ्न सिन्हा ने सिर्फ इसलिए थामा, क्योंकि उन्हें मोदी के तथाकथित नीतियों से आपत्ति थी।

शायद 70 के दशक का सिनेमा आज के फिल्मों की तरह उस समय की मुख्यधारा वाली सिनेमा सामाजिक मसलों की बात नहीं करता था, परंतु इन योद्धाओं ने निस्संदेह बाकी लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरे।

अब बात करते हैं हमारी सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक ‘शोले’ के बारे में। हम में से कितने ऐसे लोग होंगे, जिन्हें ठाकुर का गब्बर को जाने देना अखरा होगा? हम कोई मानवधिकार कार्यकर्ता नहीं है, परंतु क्या हम ये नहीं चाहते थे कि गब्बर का अंत हो जाये? मूल एंडिंग इस फिल्म की यही होनी थी। परंतु आपातकाल के दौरान ये सरकार की दमनकारी नीतियों का ही परिणाम था कि फिल्म की मूल एंडिंग को भी सरकार के मानकों के हिसाब से बादल दिया गया था।

फिल्म की एंडिंग के अनुसार पुलिस गब्बर को पकड़ कर ले जाती है। यदि ऐसा न होता, तो सरकार को पुलिस निष्क्रियता के समर्थन का खतरा नज़र आ रहा था। इतना ही नहीं, कई लोगों का यह भी मानना था की यदि एक पूर्व पुलिस ऑफिसर कानून को अपने हाथों में लेने लगते, तो सरकार का प्रभुत्व पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता था।

इसी तरह ‘आंधी’ पर जब प्रतिबंध लगाया गया, तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये फिल्म असल में एक बायोपिक है या नहीं। गुलजार साहब को बाद में कई दृश्य दोबारा से फिल्माने पड़े, और उन्होंने ऐसे भी दृश्य डाले जिससे सिद्ध हो की ये इन्दिरा गांधी पर आधारित बायोपिक नहीं थी। ये फिल्म आखिरकार 1977 में ही प्रदर्शित हुई थी, और बाद में फिल्म फेयर पुरुस्कारों में इसे क्रिटिक्स चॉइस फॉर बेस्ट फिल्म का पुरुस्कार भी मिला था।

परंतु अमृत नाहटा गुलज़ार साहब जितने भाग्यशाली नहीं थे। इनकी फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ पर संजय गांधी का अपमान करने का आरोप लगा था, और न केवल सीबीएफ़सी से मिली स्वीकृति कथित रूप से वापिस ले ली गयी, बल्कि संजय गांधी के समर्थकों ने मूल प्रिंट और उसकी प्रतियों को गुडगांव [अब गुरुग्राम] की एक फ़ैक्टरी में जला दिया था, जिसके लिए संजय गांधी बाद में दोषी पाये गए थे। 1979 तक किस्सा कुर्सी फिल्म को दोबारा बनाना पड़ा था। इसके बाद अमृत नाहटा ने कभी फिल्म मेकिंग नहीं की।

इन रचनात्मक युद्धों के कारण ही हमें और बहादुर बनने की प्रेरणा मिलती है। 44 वर्षों बाद, इनकी पुस्तकें, गीत, फिल्मों इत्यादि को लेकर हम इनके शौर्य को नमन अवश्य कर सकते हैं। और जैसे स्वयं किशोर दा ने कहा था, ‘ये पब्लिक है ये सब जानती है, ये चाहे तो सर पर बैठा ले चाहे फेंक दे नीचे।‘ अब अभिव्यक्ति की आजादी और भाषण पर हमारी प्रतिक्रिया कैसी होती, यह हमारे ऊपर है!

और पढ़े: Read Chacha Vidhayak hai hamare season 2 review before download

Tags: आपातकालबॉलीवुड
शेयर34ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारत का अनकहा इतिहास: किसने जीता था झेलम का युद्ध, सिकंदर ने या फिर राजा पुरू ने?

अगली पोस्ट

पाकिस्तान को डिटर्जेंट के एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के विज्ञापन से इतनी दिक्कत क्यों है ?

संबंधित पोस्ट

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार
क्राइम

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

8 November 2025

बेतिया की तपती दोपहर में, जब हवा में चुनावी उत्साह की गर्माहट और जनता के चेहरों पर परिवर्तन की आस्था झलक रही थी, तब प्रधानमंत्री...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited