राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन द्वारा इरा त्रिवेदी नाम की एक स्वघोषित योग टीचर को अपने एक योग कार्यक्रम के लिए कांट्रैक्ट दिए जाने के बाद वो चर्चा में बनी हुई हैं। इस चर्चा का मुख्य कारण इरा के वो इंटरव्यू हैं जिसमें उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता देश की जनता के सामने आई है। हिंदू विरोधी मानसिकता रखने वाली इरा त्रिवेदी को योग के कार्यक्रम के देख सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा। फिर क्या था चरों तरफ से आलोचना झेलने के बाद दूरदर्शन ने योग कार्यक्रम से इरा को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा।
दरअसल, इरा त्रिवेदी का वर्ष 2017 का एक इंटरव्यू सामने आया है। इस इंटरव्यू में इरा ने बीफ यानि गौ मांस को प्रोटीन का सबसे सस्ता स्रोत बताया था। उनका यह बयान उस समय आया था जब भारत में बीफ को बैन करने के लिए मांग खूब चर्चा में थी। इरा त्रिवेदी का यह बयान गलत ही नहीं बल्कि हिन्दू भावनाओं के खिलाफ भी था। अपने इसी इंटरव्यू में इस स्वघोषित योग टीचर ने आगे कहा था कि ‘भारत में कुपोषण की समस्या है और बीफ को बैन करना कई समुदाय खासकर मुस्लिमों के साथ अन्याय होगा।’
राईट विंग एक्टिविस्ट शेफाली वैद्य ने इस स्वघोषित योग टीचर द्वारा हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली टिप्पणी पर कड़ा हमला किया। दक्षिण पंथ की एक्टिविस्ट शेफाली वैद्य ने भी इसका विरोध किया और लिखा :
Why is taxpayers money going towards funding brain-dead zombie bimbos like @iratrivedi, can @DDNational @PrakashJavdekar please answer? Who takes these decisions? On what basis? https://t.co/uuZwVVlkDR
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) July 25, 2019
इसके बाद दूरदर्शन ने अपने ट्विटर हैंडल से एक दूसरी योग टीचर के योग संबंधित कार्यक्रम का विज्ञापन जारी किया गया। यह ध्यान देने वाली बात है कि यह नया कार्यक्रम इरा त्रिवेदी के कार्यक्रम के समय पर ही प्रसारित किया जाएगा। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि दूरदर्शन ने इरा के साथ कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया है। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
हिंदू धर्म के प्रति इरा त्रिवेदी का ये पाखंड से किसी को हैरानी भी नहीं चाहिए क्योंकि उनका परिवार कांग्रेस पार्टी के काफी करीब रहा है. यहां तक कि जब तक ये पार्टी सत्ता में थी तब तक उनका परिवार की एक अलग ही पहचान थी. उनके दादा मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं और कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक भी थे. इंदिरा गांधी के शासनकाल में 1975-77 में जब देश में आपातकाल के समय उनके दादा विद्या चरण शुक्ल सूचना और प्रसारण मंत्री थे।
आपातकाल के समय विद्या चरण शुक्ल की वजह से मीडिया को भी ज्यादतियां सहना पड़ा था. कई समाचार पत्रों के संपादकों को जेल में डाल दिया गया था, प्रिंटिंग प्रेस से बिजली कनेक्शन बाधित कर दिया गया और पत्रकारों को धमकी दी गयी कि वो सरकार के खिलाफ कुछ न लिखे और न ही कहीं प्रकाशित करें, सभी लोगों पर उनकी नजर है.
इस दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी सरकार की प्रशंसा करने के लिए गायकों को आदेश दिए थे और तब किशोर कुमार ने ऐसा करने से मना कर दिया था. किशोर कुमार ने जब आदेश मानने से मना कर दिया तो उन्होंने बदले की भावना के साथ आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर किशोर कुमार के गानों पर रोक लगा दी थी।
जब कुछ समाचार पत्रों ने सेंसरशिप के विरोध में न्यूज़पेपर के पहले पन्ने को खाली छोड़ा था तब उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि समाचार पत्रों में पहला पन्ना खाली छोड़ना अपराध के समान माना जायेगा. यही नहीं वो कांग्रेस के अवसरवादी नेता भी थे जिस वजह से उन्हें कांग्रेस का पासवान कहा जाता था जो उसी पार्टी के साथ हो जाते थे जो सत्ता में होती थी.
मध्य प्रदेश के 1977 बैच के आईएएस अधिकारी इरा त्रिवेदी के पिता विश्वपति त्रिवेदी गृह, शिपिंग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता और खनन सहित कई मंत्रालयों के सचिव रहे हैं। हालांकि, एयर इंडिया में उनका कार्यकाल काफी चर्चित रहा है जब उन्हें एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने परिवार और रिश्तेदारों को 121 बिज़नस क्लास पैसेंजर के टिकट का लाभ दिया था. उन्होंने एयर इंडिया में अपने कार्यकाल के दौरान परफॉरमेंस-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के रूप में 8,55,074 रुपये लिए थे.
तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल पटेल ने त्रिवेदी को इस मामले में क्लीन चिट दे दी। उन्होंने त्रिवेदी का बचाव करते हुए ये भी कहा था कि उन्होंने कोई भी अवैध कार्य नहीं किया है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार त्रिवेदी ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए एयर इंडिया का काफी दुरुपयोग किया था। रिपोर्ट के अनुसार, ‘एयरलाइन में उच्च पदों पर नियुक्त नौकरशाह प्रदर्शन संबंधी सुविधाओं के नाम पर नकद के रूप में मोटी प्रोत्साहन राशि एवं मुफ्त टिकटों का आनंद उठा रहे हैं, जबकी एयर इंडिया लाभ नहीं कमा पा रही है और ये प्रोत्साहन राशि आम कर्मचारियों के लिए निर्धारित रही है।”
त्रिवेदी भारत ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं और मोदी सरकार द्वारा एससी / एसटी एक्ट में कराये संशोधन के विरोध में सभाएं भी आयोजित की है। उन्हें ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज़ लिमिटेड का स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया था परंतु उन्हें संरचना निवेश कार्यक्रम के अंतर्गत भारी कर्जा उत्पन्न होने पर इस्तीफा देना पड़ा था।
ऐसे में त्रिवेदी परिवार का कांग्रेस की भ्रष्ट और संभ्रांतवादी मानसिकता से बहुत पुराना नाता रहा है। इरा त्रिवेदी का सनातन धर्म पर भ्रामक ट्वीट कांग्रेसस पार्टी के किसी भी सदस्य के विचारों की भांति पाखंडी और अशोभनीय भी है।