कई महीनों से सोयी हुई हमारी असहिष्णुता ब्रिगेड एक बार फिर जाग उठी है। हाल ही में हमारे लेफ्ट लिबरल गैंग के कुछ प्रमुख सदस्यों ने देश के अंदर कथित नस्लभेद एवं जाति और धर्म के आधार पर हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने पर अपनी ‘नाराज़गी’ जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। ये पत्र सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल्स पर चर्चा में बना हुआ है लेकिन ये पत्र तब सामने आया है जब कुछ दिनों पहले ही पश्चिम बंगाल में कई हस्तियों ने भाजपा का दामन थामा था। ऐसे में इस मामले को ममता सरकार के एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है। क्या है पूरा मामला है और कैसे इसका कनेक्शन ममता बनर्जी के एजेंडे से है ?
कुल 49 लेफ्ट लिबरल हस्तियों ने तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा मारे जाने का उल्लेख कर ‘जय श्री राम’ के नारे पर भी हमला किया। इनके अनुसार, “भले ही पीएम मोदी ने ऐसी घटनाओं की आलोचना की हो, पर केवल आलोचना से कुछ नहीं होगा। अभियुक्तों के विरुद्ध क्या एक्शन लिया गया? हमारा मानना है कि ऐसे कृत्यों को गैर ज़मानती करार दिया जाना चाहिए, और दोषी लोगों को कठोर से कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए। किसी भी नागरिक को अपने देश में रहने पर डर का आभास नहीं होना चाहिए।“
ज्ञात हो कि इन हस्तियों में विवादित इतिहासकार रामचन्द्र गुहा, अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन, मणि रत्नम जैसे निर्देशक, कोंकणा सेन शर्मा, रिद्धी सेन, परमब्रत चट्टोपाध्याय जैसे अभिनेता, एवं शुभा मुद्गल, अनुपम रॉय जैसे संगीतकार शामिल हैं। रोचक बात तो यह है कि इन 49 हस्तियों में से कई लोगों ने पहले भी ऐसे भ्रामक अभियानों को समर्थन दिया है, और कुछ ने तो मोदी सरकार के अंध विरोध में देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों का भी खुलेआम समर्थन किया है।
यही नहीं, इस गैंग ने श्री राम का नारे को भी हिंसक करार देने का भरपूर प्रयास किया। इनहोने आगे लिखा, “ये बहुत ही हैरानी की बात है कि धर्म के नाम पर इतनी हिंसा की जा रही है। हम मध्यकालीन हिंदुस्तान में नहीं है। भारत के बहुसंख्यक समुदाय के लिए राम का नाम काफी पवित्र है। परंतु यह अब एक भड़काऊ युद्धघोष में तब्दील होता जा रहा है। इस देश के प्रधानमंत्री होने के नाते आपको ऐसी घटनाओं पर लगाम लगानी चाहिए।“
लेफ्ट लिबरल गैंग का ये पत्र तब सामने आया है जब कुछ दिनों पहले ही पश्चिम बंगाल में 12 हस्तियां भाजपा में शामिल हुए थे। कहा जा रहा था कि भाजपा को इससे पश्चिम बंगाल के 2021 के विधानसभा चुनाव में काफी फायदा होने वाला है. इससे ममता की चिंता बढ़ गयी है. ऐसे में अचानक से असहिष्णु गैंग का इस तरह से सक्रिय होना कई सवाल खड़े करता है ।“हालिया गतिविधियों से यह प्रतीत होता है कि ममता बनर्जी की कुर्सी बचाने के लिए लेफ्ट लिबरल्स ने अधीरता में यह कदम उठाया है। अगर ऐसा है तो स्पष्ट है कि असहिष्णुता की आड़ में इस गैंग का उद्देश्य राजनीति से प्रेरित है।
गौर करें तो लेफ्ट लिबरल्स का यह पत्र ममता बनर्जी के स्वयं के एजेंडे से काफी मिलता जुलता है। ममता बनर्जी के लिए भी जय श्री राम किसी युद्धघोष से कम नहीं लगता है। उन्होंने स्वयं कई बार राहगीरों को नारा लगाने पर न केवल डांटा, बल्कि उन्हें सरेआम पुलिस कार्रवाई करने और जान से मारने की धमकियां भी दी। ये निंदनीय है कि पश्चिम बंगाल में ममता की साख को बचाने के लिए ये बड़े सितारे इस तरह से मिलकर देश की जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. मोदी सरकार के अंध विरोध में पश्चिम बंगाल में भाजपा को कमजोर करने की ममता की नीतियों को आगे बढ़ा रहे हैं। जब ममता ने इस मामले पर अपनी टिप्पणी की तो इसकी पुष्टि भी हो गयी कि कहीं न कहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार का कनेक्शन जरुर है.
West Bengal CM Mamata Banerjee, on 49 famous personalities writing an open letter to the PM: Everyone in this country knows what is going on. I respect all the intellectuals, I feel that whatever they have written is a genuine grievance by the people. pic.twitter.com/yNChU2Kuxn
— ANI (@ANI) July 24, 2019
#TNExclusive: This is a democratic country and everybody has a right to speak: WB CM @MamataOfficial on the letter written and signed by 49 celebrities claiming growing 'intolerance'. | #HindusLinkedToHate. pic.twitter.com/T5xPeKA5rY
— TIMES NOW (@TimesNow) July 24, 2019
सांसद एवं पूर्व अभिनेत्री लॉकेट चटर्जी ने इनकी आलोचना की और पूछा कि, “ये बुद्धिजीवी तब कुछ क्यों नहीं बोलते जब जय श्री राम का नारा लगाने वाले लोग जान से मार दिये जाते हैं? श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बंगाल जल रहा है। जो भी जय श्री राम का नारा लगाता है, टीएमसी के गुंडे उसे मार देते हैं।”
लॉकेट चटर्जी ने सही कहा इन बुद्धिजीवियों को तब क्यों साँप सूंघ जाता है जब 1984 में सिखों पर और कश्मीरी पण्डितों से जुड़े मामलों का उल्लेख किया जाता है? ये बुद्धिजीवी तब क्यों कुछ नहीं बोलते जब चांदनी चौक में मंदिरों को हानि पहुंचाई जाती है?
सच पूछें तो 2019 के लोकसभा चुनाव हारने के बाद हमारे लेफ्ट लिबरल अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। अपने आप को लाईमलाइट में बनाए रखने के लिए ये अब मुद्दों पर राजनीति भी करने लगे हैं, और वर्तमान में पीएम मोदी को लिखा गया इनका पत्र इसी बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।