सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत की है। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सुदर्शन’ का नाम दिया है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर “घुसपैठ रोधी ग्रिड” को मज़बूत करना है। इस ऑपरेशन को 1 जुलाई को लॉंच किया गया था, और यह 15 दिन तक चलेगा। बीएसएफ की करीब 40 बटालियन इन दोनों राज्यों में अभियान चलाएगी।
इसके तहत सीमा पर तैनात बीएसएफ के अधिकारियों, सैनिक और और मशीनरी को सक्रिय कर दिया गया है। इस ऑपरेशन में भारत-पाकिस्तान की 1000 किलोमीटर लम्बी सीमा को सील कर दिया जाएगा जिसमें जम्मू-कश्मीर की 485 किलोमीटर लम्बी सीमा तथा पंजाब में 553 किलोमीटर लम्बी सीमा शामिल है। इसके अलावा यह ऑपरेशन राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों तक भी चलाया जाएगा। इस ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ़ के हजारों जवानों तथा मशीनरी को सीमा पर तैनात किया जायेगा और संवेदनशील इलाकों में पहरा कड़ा किया जायेगा। इस दौरान पाकिस्तान द्वारा निर्मित अवैध भूमिगत सुरंगों का पता लगाया जायेगा। इसके लिए बीएसएफ मेटल डिटेक्टर और बख्तरबंद ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर सुरंगो का पता लगा रही है। ऑपरेशन के तहत आतंकवादियों की घुसपैठ, सुरंगे बनाने से रोकने और सीजफ़ायर उल्लंघन का त्वरित जवाब देने के की लिए सभी बंकरो और सीमा से सटे सभी पोस्ट को नए हथियार और उपकरण लगा कर मजबूत किया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में बीएसएफ ने घुसपैठ के लिए बनाई गयी सुरंगो का पता लगाया है। बीएसएफ इस ऑपरेशन के तहत सीमा से लगे जंगली घास को भी साफ़ कर रही है क्योंकि यही जंगली घास बरसात के मौसम में करीब 7 फ़ीट तक घनी हो जाती है जिसकी आड़ में आतंकवादी घुसपैठ करते है।
“ऑपरेशन सुदर्शन” के बाद बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अभियान के नतीजों की समीक्षा करेंगे और जरूरतों के अनुसार गृह मंत्रालय से जरूरी उपकरण की मांग भी करेंगे।
बीएसएफ़ के इस अभियान से पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ में भारी कमी आने की उम्मीद है। इस वर्ष भारतीय वायु सेना द्वारा बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद सीज़फायर में भी भरी कमी आई थी। पिछले मंगलवार को ही गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में भारत-पाक सीमा पर होने वाली घुसपैठ में कमी आने का दावा किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी घुसपैठ को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर दृढ़ है और इसका प्रभाव अब पश्चिमी सीमा पर दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से वर्ष 2018 की तुलना में इस साल जून तक घुसपैठ में लगभग 43 फीसदी कमी आई है।
MoS Home, Nityanand Rai in LS: Govt has adopted a policy of zero tolerance towards cross-border infiltration. Due to concerted&synergized efforts of security forces, the security situation in the State has witnessed an improvement in 1st half of this year over same period in 2018 pic.twitter.com/H73vT4qOjO
— ANI (@ANI) July 9, 2019
भारत-पाक सीमा पर लगे इलेक्ट्रिक घेरे ने घुसपैठ रोकने में अहम भूमिका निभाई है। मोदी सरकार के नेतृत्व में सरकर त्वरित फैसले ले रही है जो सेना और पैरा मिलिटरी की मदद से भारत को आंतरिक और बाहरी हमलों से सुरक्षित किया जा सके और सेना जवाबी कारवाई में पूरी तरह से सक्षम रहे।