TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    4 जून को हरियाणा पहुंचेंगे राहुल गाँधी

    हरियाणा कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई और नेता प्रतिपक्ष का चयन जैसे मुद्दे सुलझा पाएंगे राहुल गांधी, चंडीगढ़ दौरे के क्या हैं मायने?

    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    सोलीमन को बोल्डर काउंटी जेल में बंद कर दिया गया है (चित्र: सोशल मीडिया)

    कौन है अमेरिका में इज़रायल विरोधी नारे लगाकर लोगों को आग लगाने वाला मोहम्मद सोलीमन?

    Ukrainian Drones Strike Russia

    क्या है रूस के खिलाफ यूक्रेन का ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’?

    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    4 जून को हरियाणा पहुंचेंगे राहुल गाँधी

    हरियाणा कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई और नेता प्रतिपक्ष का चयन जैसे मुद्दे सुलझा पाएंगे राहुल गांधी, चंडीगढ़ दौरे के क्या हैं मायने?

    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    सोलीमन को बोल्डर काउंटी जेल में बंद कर दिया गया है (चित्र: सोशल मीडिया)

    कौन है अमेरिका में इज़रायल विरोधी नारे लगाकर लोगों को आग लगाने वाला मोहम्मद सोलीमन?

    Ukrainian Drones Strike Russia

    क्या है रूस के खिलाफ यूक्रेन का ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’?

    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

दो महान प्रधानमंत्री और दो महत्वपूर्ण फैसले- अनुच्छेद 370 और परमाणु परीक्षण

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
16 August 2019
in मत
नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी
Share on FacebookShare on X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 हटा को दिया है, इसे कश्मीर से जुड़े होने के कारण अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक बेहद ही संवेदनशील मुद्दा माना जाता रहा है। विश्व के किसी भी देश से किसी प्रकार का विरोध देखने को नहीं मिल और न ही किसी तरह का प्रतिबंध लगाया गया जिसकी उम्मीद भी नहीं थी। आज भारत ने इतना बड़ा फैसला ले लिया जिसे पिछले 72 वर्षों से हटाना लगभग असंभव मान लिया गया था। किसी राष्ट्र की इतनी हिमाकत नहीं हुई कि वह खुले तौर पर विरोध प्रकट करे चाहे वह विश्व की महाशक्ति या सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ही क्यों न हो। यह रुतबा एक दिन या एक फैसले से हासिल नहीं हुआ है। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दुष्प्रभावों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की चिंता किए बगैर परमाणु परीक्षण का निर्णय लिया था तब ही यह सुनिश्चित हो गया था कि भारत अब आत्म निर्भर देश बनने की ओर अग्रसर हो चुका है। वर्ष 2019 आते-आते यह आत्म निर्भरता दिखने भी लगा जब पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने पुलवामा हमलों का जवाब पाकिस्तान की सीमा में एयर स्ट्राइक करके दिया और पूरा विश्व खामोश रहा। दोबारा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने के बाद और अमित शाह जैसे कठोर व निर्णायक गृह मंत्री नियुक्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने और सख्ती से भारत के अनसुलझे मामलों को सुलझाना शुरू कर दिया।

ग़ौरतलब है कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1998 में परमाणु परीक्षण का फैसला लिया तब उस समय विश्व शांति काल से गुज़र रहा था। सोवियत यूनियन के टूटने और शीत युद्ध समाप्त होने के बाद विश्व में अमेरिका की महाशक्ति के रूप में स्वीकार्यता हो चुकी थी। हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब भारत ने परमाणु परीक्षण करने का फैसला किया हो। इससे पहले भी वर्ष 1974 और वर्ष 1995 में ही इसकी नींव रखी जा चुकी थी। वर्ष 1995 में तो तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने परीक्षण की सभी तैयारी कर ली थी लेकिन अमेरिका और सीआईए के षड़यंत्रों से सफल नहीं हो पाया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी उपग्रहों को पोखरण में तैयारी के बारे में पता चल गया था, जिस वजह से उस वक्त परीक्षण को निरस्त करना पड़ा था। वर्ष 1996 में जब जनता पार्टी ने आम चुनाव में बढ़त हासिल कर लिया था और अटल बिहारी वाजपेयी का प्रधानमंत्री बनना तय हो गया था तब फिर परमाणु परीक्षण के डर से अमेरिका ने षड़यंत्र रचा और उनकी सरकार 13 दिन के भीतर गिर गयी। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1996 में 13 दिन तक सरकार में रहने के दौरान अटल ने इकलौता परमाणु कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाने का फैसला किया था। 

संबंधितपोस्ट

पीएम मोदी की अध्यक्षता में 4 जून को मंत्रिपरिषद की बैठक: उपलब्धियों की समीक्षा और जनसंपर्क पर होगा ज़ोर

‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार से मिले पीएम मोदी, यूपी को दी ₹47600 करोड़ की सौगात

और लोड करें

दोबारा जब अटल बिहारी वाजपेयी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई तब उन्होंने अपने इस बड़े निर्णय को आगे बढ़ाया और बिना विश्व को बताए काम शुरू कर दिया। उन्हें पता था कि अगर परीक्षण से पहले इसकी भनक किसी देश को लग गयी तो शांति काल से गुजर रहे विश्व के सभी देश भारत पर टूट पड़ेंगे और भारत को इस आत्मरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण परमाणु परीक्षण को रोकना पड़ेगा। लेकिन अटल जी को देश की सामरिक सुरक्षा पर समझौता करना किसी भी सूरत में मंजूर नहीं था। इसीलिए उन्होंने दुनिया की परवाह किए बिना राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण (1998) किया। 

क्यों जरूरत पड़ी?

पाकिस्तान ने जब गौरी मिसाइल का सफल परीक्षण किया तब तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने वाजपेयी को परमाणु परीक्षण पर आगे बढ़ने की सलाह दी। साथ ही चीन की बढ़ती ताकत से भी मुकाबला के लिए परमाणु संपन्न देश का तमगा अतिआवश्यक था।  वहीं चीन-पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां भी भारत के लिए खतरा बन रही थी। अमेरिका और जापान समेत कई पश्चिमी देश भी भारत पर CTBT (व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि) पर साइन करने के लिए दबाव डाल रहे थे।

जब  ‘9 अप्रैल 1998 को वाजपेयी ने अपने वैज्ञानिक सलाहकार डॉ अब्दुल कलाम से पूछा, “कलाम साहब टेस्ट की तैयारी में आपको कितना वक्त लगेगा?” इस पर कलाम ने कहा, “यदि आप आज आदेश देते हैं तो हम 30वें दिन टेस्ट कर सकते हैं।” इसके बाद 11 मई 1998 को सफल परमाणु परीक्षण कर लिया गया। इस पर वाजपेयी जी ने कहा, “मैं इस बात को स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सदैव शांति का पुजारी था, है और रहेगा।” वह मानते थे कि अगर भारत को महानता हासिल करनी है, तो उसे सैन्य रूप से भी शक्तिशाली होना पड़ेगा। उन्होंने अपने एक सहयोगी से कहा था, “हमें रक्षा में आत्मनिर्भर होना है। हम अपनी रक्षा को दूसरों के भरोसे नहीं छोड़ सकते कि वह आएगा और मदद करेगा।”

कितना व्यापक असर था विश्व पर?

इस परीक्षण के बाद अमेरिका, कनाडा, जापान और यूरोपियन यूनियन समेत कई देशों ने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। जापान ने भारत पर मानवीय सहायता के लिए छोड़कर सभी नए ऋण और अनुदानों को रोक दिया। कुछ अन्य देशों ने भी भारत पर प्रतिबंध लगा दिए, मुख्य रूप से गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट क्रेडिट लाइनों और विदेशी सहायता के निलंबन के रूप में। हालांकि, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस ने प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं 6 जून को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 1172 द्वारा भारत के परमाणु परीक्षण की निंदा की गयी। चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत पर परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर और परमाणु शस्त्रागार को समाप्त करने के लिए दबाव भी बनाया।

‘मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं।

वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय संकल्प है।

वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है।‘

 –अटल बिहारी वाजपेयी

ऐसा नहीं था कि अटल बिहारी वाजपेयी को इन सभी दुष्प्रभावों की जानकारी नहीं थी पर उन्हें यह भी पता था अगर एक बार यह परीक्षण हो जाएगा और भारत परमाणु शक्ति बन जाएगा फिर किसी भी प्रतिबंध को बातचीत से सुलझा सकता है और यही हुआ भी। अगले दो वर्षों में ही सभी देशों ने प्रतिबंध हटा लिया। उनकी दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति ने इन परिस्थितियों में भी उन्हें ‘अटल’ बनाए रखा। पोखरण का परीक्षण वाजपेयी के सबसे बड़े फ़ैसलों में से एक था। यह उन फ़ैसलों में से एक था जिसने पी5 की परमाणु एकाधिपत्य को चुनौती दी और सफल भी हुआ। इस एक फैसले का असर इतना व्यापक था कि भारत को अपनी एटमी हथियार क्षमता बढ़ाने का मौका मिला और अमेरिका के साथ सिविल न्यूक्लियर डील की आधारशिला रखी गई, जिससे भारत के खिलाफ चला आ रहा परमाणु भेदभाव हमेशा के लिए खत्म हो गया। भारत एक परमाणु शक्ति-सम्पन्न देश के रूप में उभरा और साथ ही साल-दर-साल भारत की पैठ बढती गई।

आज यह हालात है कि भारत के किसी भी फैसले का विरोध विश्व समुदाय नहीं करना चाहते। बढ़ते समय के साथ भारत ने अपनी सामरिक स्थिति और मजबूत की है।

इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल के समस्त भारत को एकीकृत करने के सपने को पूरा किया और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग रखने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया। यह फैसला भी अटल बिहारी के परमाणु परीक्षण जितना ही कठिन था क्योंकि पिछले 70 सालों में पाकिस्तान ने इस अनुच्छेद का फायदा उठाते हुए कश्मीर की डेमोग्राफी ही बदल डाली और घाटी को कट्टरवादिता के कुएँ में धकेल दिया था।

इसके साथ ही जवाहरलाल नेहरू की गलती के वजह से यह मामला संयुक्त राष्ट्र तक पहुँच चुका था तथा इसके हटाये जाने से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का नकारात्मक प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकता था। कश्मीर को हमेशा से ही भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध का एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जाता था। ऐसे में अमेरिका भी बार-बार मध्यस्थता करने की इच्छा जाता रहा था। मानवाधिकार के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय समूह कब से कश्मीर खंगाल रहा है और इस फैसले के बाद तो जैसे उन्हें भारत को बदनाम करने वाला ख़ज़ाना मिलने की उम्मीद थी। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को तो बस मुद्दा चाहिए होता है कि कैसे भारत को नीचा दिखाया जाए। भारत के अंदर भी मीडिया और कथित बुद्धिजीवियों का लुटियन्स गैंग भारत की छवि पर कीचड़ उछालने के बस मौके की तलाश में थे। ये सभी लोग भारत की तानाशाही छवि दिखाकर कश्मीर को और भी अस्थिर करना चाहते थे।

लेकिन नरेंद्र मोदी ने इन सभी को दरकिनार करते हुए, अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी राज्यों की तरह ही आपस में जोड़ दिया। इस फैसले ने एक देश-एक संविधान को चरितार्थ कर दिया। इस फैसले पर अंतराष्ट्रीय देशों से भी किसी प्रकार का विरोध नहीं देखने को मिला है। विश्व की महाशक्तियां इसे भारत का आंतरिक मामला बता रही थी तो यूएई जैसे इस्लामिक देश ने भी यही कहकर भारत का समर्थन किया। आज भारत की यह स्थिति है कि पाकिस्तान को अपना ऑल वेदर फ्रेंड मानने वाला चीन भी इस मुद्दे पर शांत रहा। पिछले 20 वर्षों में परमाणु परीक्षण और अनुच्छेद 370 हटाने के दोनों फ़ैसलों को मील के पत्थर के रूप में देखा जाना चाहिए।

एक तरफ जहां अटल बिहारी वाजपई का फैसला भारत को महाशक्ति बनने की आकांक्षा को पूरा करने वाला था क्योंकि एक बड़ी अर्थव्यवस्था, समृद्ध संस्कृति, सम्मान-जनक सैन्य क्षमता और भव्य विरासत होने के बावजूद भारत ने महसूस किया कि परमाणु विकल्प के बिना उसे वो स्थान नहीं मिलेगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। सुरक्षा परिषद के सभी पांच स्थायी सदस्य परमाणु हथियार संपन्न देश थे और यदि भारत को महाशक्ति बनना था, तो उसके पास परमाणु विकल्प होना आवश्यक था। वहीं प्रधानमंत्री मोदी का अनुच्छेद 370 निरस्त कर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों पर पानी फेरने का फैसला भारत को एकीकृत करने का था। इस फैसले से  देश ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत की संप्रभुता से संबंधित मामलों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधों के दबाव में आकर किसी भी प्रकार से समझौता नहीं करेगा। 

अब भारत इतना सक्षम है कि किसी भी आंतरिक मामलों में इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है और इसकी शुरुआत अटल बिहारी वाजपेई ने की थी और उसी विरासत को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं।

Tags: अटल बिहारी वाजपेयीधारा-370नरेंद्र मोदीपरमाणु
शेयर8ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

हिंदी सिनेमा में पिछले एक वर्ष से देशभक्ति फिल्मों का दौर चल रहा है, इन रियल हीरोज पर भी बन रही हैं फिल्में

अगली पोस्ट

बाटला हाउस और मिशन मंगल की फिल्म समीक्षा, जानें कौन पड़ा किस पर भारी

संबंधित पोस्ट

Veer Savarkar Congress And Indira Gandhi
चर्चित

इंदिरा गांधी ने किया था सम्मान लेकिन वीर सावरकर से क्यों चिढ़ती है कांग्रेस?

28 May 2025

विनायक दामोदर सावरकर जिन्हें 'स्वातंत्र्यवीर' के रूप में जाना जाता है। वो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। उनकी भूमिका और विचारधारा आज...

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा
मत

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा

14 May 2025

जैसे-जैसे खाड़ी देश आधुनिक बन रहे हैं और पाकिस्तान को पैसा देना बंद कर रहे हैं, इस्लामाबाद उन्हें “सच्चे इस्लाम” से भटकता हुआ मानता है।...

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है
मत

ऑपरेशन सिंदूर: झूठे नैरेटिव के शोर में सेना के पराक्रम की गूंज न दबने दें

14 May 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच सैनिक संघर्ष रुकने पर हम देश की प्रतिक्रिया देखें तो बड़ा वर्ग, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोदी सरकार और भाजपा के समर्थक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited