TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    पाकिस्तान में TikTok अकाउंट डिलीट करने से इन्कार करने पर पिता ने अपनी ही बेटी की कर दी हत्या

    TikTok अकाउंट डिलीट करने किया मना तो पाकिस्तान में पिता ने कर दी बेटी की हत्या

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    पाकिस्तान में TikTok अकाउंट डिलीट करने से इन्कार करने पर पिता ने अपनी ही बेटी की कर दी हत्या

    TikTok अकाउंट डिलीट करने किया मना तो पाकिस्तान में पिता ने कर दी बेटी की हत्या

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

दो महान प्रधानमंत्री और दो महत्वपूर्ण फैसले- अनुच्छेद 370 और परमाणु परीक्षण

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
16 August 2019
in मत
नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी
Share on FacebookShare on X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 हटा को दिया है, इसे कश्मीर से जुड़े होने के कारण अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक बेहद ही संवेदनशील मुद्दा माना जाता रहा है। विश्व के किसी भी देश से किसी प्रकार का विरोध देखने को नहीं मिल और न ही किसी तरह का प्रतिबंध लगाया गया जिसकी उम्मीद भी नहीं थी। आज भारत ने इतना बड़ा फैसला ले लिया जिसे पिछले 72 वर्षों से हटाना लगभग असंभव मान लिया गया था। किसी राष्ट्र की इतनी हिमाकत नहीं हुई कि वह खुले तौर पर विरोध प्रकट करे चाहे वह विश्व की महाशक्ति या सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ही क्यों न हो। यह रुतबा एक दिन या एक फैसले से हासिल नहीं हुआ है। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दुष्प्रभावों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की चिंता किए बगैर परमाणु परीक्षण का निर्णय लिया था तब ही यह सुनिश्चित हो गया था कि भारत अब आत्म निर्भर देश बनने की ओर अग्रसर हो चुका है। वर्ष 2019 आते-आते यह आत्म निर्भरता दिखने भी लगा जब पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने पुलवामा हमलों का जवाब पाकिस्तान की सीमा में एयर स्ट्राइक करके दिया और पूरा विश्व खामोश रहा। दोबारा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने के बाद और अमित शाह जैसे कठोर व निर्णायक गृह मंत्री नियुक्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने और सख्ती से भारत के अनसुलझे मामलों को सुलझाना शुरू कर दिया।

ग़ौरतलब है कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1998 में परमाणु परीक्षण का फैसला लिया तब उस समय विश्व शांति काल से गुज़र रहा था। सोवियत यूनियन के टूटने और शीत युद्ध समाप्त होने के बाद विश्व में अमेरिका की महाशक्ति के रूप में स्वीकार्यता हो चुकी थी। हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब भारत ने परमाणु परीक्षण करने का फैसला किया हो। इससे पहले भी वर्ष 1974 और वर्ष 1995 में ही इसकी नींव रखी जा चुकी थी। वर्ष 1995 में तो तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने परीक्षण की सभी तैयारी कर ली थी लेकिन अमेरिका और सीआईए के षड़यंत्रों से सफल नहीं हो पाया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी उपग्रहों को पोखरण में तैयारी के बारे में पता चल गया था, जिस वजह से उस वक्त परीक्षण को निरस्त करना पड़ा था। वर्ष 1996 में जब जनता पार्टी ने आम चुनाव में बढ़त हासिल कर लिया था और अटल बिहारी वाजपेयी का प्रधानमंत्री बनना तय हो गया था तब फिर परमाणु परीक्षण के डर से अमेरिका ने षड़यंत्र रचा और उनकी सरकार 13 दिन के भीतर गिर गयी। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1996 में 13 दिन तक सरकार में रहने के दौरान अटल ने इकलौता परमाणु कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाने का फैसला किया था। 

संबंधितपोस्ट

मोहन भागवत के बयान से खुश कांग्रेसी क्या 78 वर्षीय सोनिया गांधी को रिटायरमेंट के लिए कहेंगे?

बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

भव्य रामध्वज समारोह के लिए अयोध्या तैयार: शामिल हो सकते हैं पीएम नरेंद्र मोदी

और लोड करें

दोबारा जब अटल बिहारी वाजपेयी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई तब उन्होंने अपने इस बड़े निर्णय को आगे बढ़ाया और बिना विश्व को बताए काम शुरू कर दिया। उन्हें पता था कि अगर परीक्षण से पहले इसकी भनक किसी देश को लग गयी तो शांति काल से गुजर रहे विश्व के सभी देश भारत पर टूट पड़ेंगे और भारत को इस आत्मरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण परमाणु परीक्षण को रोकना पड़ेगा। लेकिन अटल जी को देश की सामरिक सुरक्षा पर समझौता करना किसी भी सूरत में मंजूर नहीं था। इसीलिए उन्होंने दुनिया की परवाह किए बिना राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण (1998) किया। 

क्यों जरूरत पड़ी?

पाकिस्तान ने जब गौरी मिसाइल का सफल परीक्षण किया तब तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने वाजपेयी को परमाणु परीक्षण पर आगे बढ़ने की सलाह दी। साथ ही चीन की बढ़ती ताकत से भी मुकाबला के लिए परमाणु संपन्न देश का तमगा अतिआवश्यक था।  वहीं चीन-पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां भी भारत के लिए खतरा बन रही थी। अमेरिका और जापान समेत कई पश्चिमी देश भी भारत पर CTBT (व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि) पर साइन करने के लिए दबाव डाल रहे थे।

जब  ‘9 अप्रैल 1998 को वाजपेयी ने अपने वैज्ञानिक सलाहकार डॉ अब्दुल कलाम से पूछा, “कलाम साहब टेस्ट की तैयारी में आपको कितना वक्त लगेगा?” इस पर कलाम ने कहा, “यदि आप आज आदेश देते हैं तो हम 30वें दिन टेस्ट कर सकते हैं।” इसके बाद 11 मई 1998 को सफल परमाणु परीक्षण कर लिया गया। इस पर वाजपेयी जी ने कहा, “मैं इस बात को स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सदैव शांति का पुजारी था, है और रहेगा।” वह मानते थे कि अगर भारत को महानता हासिल करनी है, तो उसे सैन्य रूप से भी शक्तिशाली होना पड़ेगा। उन्होंने अपने एक सहयोगी से कहा था, “हमें रक्षा में आत्मनिर्भर होना है। हम अपनी रक्षा को दूसरों के भरोसे नहीं छोड़ सकते कि वह आएगा और मदद करेगा।”

कितना व्यापक असर था विश्व पर?

इस परीक्षण के बाद अमेरिका, कनाडा, जापान और यूरोपियन यूनियन समेत कई देशों ने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। जापान ने भारत पर मानवीय सहायता के लिए छोड़कर सभी नए ऋण और अनुदानों को रोक दिया। कुछ अन्य देशों ने भी भारत पर प्रतिबंध लगा दिए, मुख्य रूप से गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट क्रेडिट लाइनों और विदेशी सहायता के निलंबन के रूप में। हालांकि, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस ने प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं 6 जून को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 1172 द्वारा भारत के परमाणु परीक्षण की निंदा की गयी। चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत पर परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर और परमाणु शस्त्रागार को समाप्त करने के लिए दबाव भी बनाया।

‘मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं।

वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय संकल्प है।

वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है।‘

 –अटल बिहारी वाजपेयी

ऐसा नहीं था कि अटल बिहारी वाजपेयी को इन सभी दुष्प्रभावों की जानकारी नहीं थी पर उन्हें यह भी पता था अगर एक बार यह परीक्षण हो जाएगा और भारत परमाणु शक्ति बन जाएगा फिर किसी भी प्रतिबंध को बातचीत से सुलझा सकता है और यही हुआ भी। अगले दो वर्षों में ही सभी देशों ने प्रतिबंध हटा लिया। उनकी दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति ने इन परिस्थितियों में भी उन्हें ‘अटल’ बनाए रखा। पोखरण का परीक्षण वाजपेयी के सबसे बड़े फ़ैसलों में से एक था। यह उन फ़ैसलों में से एक था जिसने पी5 की परमाणु एकाधिपत्य को चुनौती दी और सफल भी हुआ। इस एक फैसले का असर इतना व्यापक था कि भारत को अपनी एटमी हथियार क्षमता बढ़ाने का मौका मिला और अमेरिका के साथ सिविल न्यूक्लियर डील की आधारशिला रखी गई, जिससे भारत के खिलाफ चला आ रहा परमाणु भेदभाव हमेशा के लिए खत्म हो गया। भारत एक परमाणु शक्ति-सम्पन्न देश के रूप में उभरा और साथ ही साल-दर-साल भारत की पैठ बढती गई।

आज यह हालात है कि भारत के किसी भी फैसले का विरोध विश्व समुदाय नहीं करना चाहते। बढ़ते समय के साथ भारत ने अपनी सामरिक स्थिति और मजबूत की है।

इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल के समस्त भारत को एकीकृत करने के सपने को पूरा किया और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग रखने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया। यह फैसला भी अटल बिहारी के परमाणु परीक्षण जितना ही कठिन था क्योंकि पिछले 70 सालों में पाकिस्तान ने इस अनुच्छेद का फायदा उठाते हुए कश्मीर की डेमोग्राफी ही बदल डाली और घाटी को कट्टरवादिता के कुएँ में धकेल दिया था।

इसके साथ ही जवाहरलाल नेहरू की गलती के वजह से यह मामला संयुक्त राष्ट्र तक पहुँच चुका था तथा इसके हटाये जाने से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का नकारात्मक प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकता था। कश्मीर को हमेशा से ही भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध का एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जाता था। ऐसे में अमेरिका भी बार-बार मध्यस्थता करने की इच्छा जाता रहा था। मानवाधिकार के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय समूह कब से कश्मीर खंगाल रहा है और इस फैसले के बाद तो जैसे उन्हें भारत को बदनाम करने वाला ख़ज़ाना मिलने की उम्मीद थी। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को तो बस मुद्दा चाहिए होता है कि कैसे भारत को नीचा दिखाया जाए। भारत के अंदर भी मीडिया और कथित बुद्धिजीवियों का लुटियन्स गैंग भारत की छवि पर कीचड़ उछालने के बस मौके की तलाश में थे। ये सभी लोग भारत की तानाशाही छवि दिखाकर कश्मीर को और भी अस्थिर करना चाहते थे।

लेकिन नरेंद्र मोदी ने इन सभी को दरकिनार करते हुए, अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी राज्यों की तरह ही आपस में जोड़ दिया। इस फैसले ने एक देश-एक संविधान को चरितार्थ कर दिया। इस फैसले पर अंतराष्ट्रीय देशों से भी किसी प्रकार का विरोध नहीं देखने को मिला है। विश्व की महाशक्तियां इसे भारत का आंतरिक मामला बता रही थी तो यूएई जैसे इस्लामिक देश ने भी यही कहकर भारत का समर्थन किया। आज भारत की यह स्थिति है कि पाकिस्तान को अपना ऑल वेदर फ्रेंड मानने वाला चीन भी इस मुद्दे पर शांत रहा। पिछले 20 वर्षों में परमाणु परीक्षण और अनुच्छेद 370 हटाने के दोनों फ़ैसलों को मील के पत्थर के रूप में देखा जाना चाहिए।

एक तरफ जहां अटल बिहारी वाजपई का फैसला भारत को महाशक्ति बनने की आकांक्षा को पूरा करने वाला था क्योंकि एक बड़ी अर्थव्यवस्था, समृद्ध संस्कृति, सम्मान-जनक सैन्य क्षमता और भव्य विरासत होने के बावजूद भारत ने महसूस किया कि परमाणु विकल्प के बिना उसे वो स्थान नहीं मिलेगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। सुरक्षा परिषद के सभी पांच स्थायी सदस्य परमाणु हथियार संपन्न देश थे और यदि भारत को महाशक्ति बनना था, तो उसके पास परमाणु विकल्प होना आवश्यक था। वहीं प्रधानमंत्री मोदी का अनुच्छेद 370 निरस्त कर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों पर पानी फेरने का फैसला भारत को एकीकृत करने का था। इस फैसले से  देश ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत की संप्रभुता से संबंधित मामलों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधों के दबाव में आकर किसी भी प्रकार से समझौता नहीं करेगा। 

अब भारत इतना सक्षम है कि किसी भी आंतरिक मामलों में इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है और इसकी शुरुआत अटल बिहारी वाजपेई ने की थी और उसी विरासत को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं।

Tags: अटल बिहारी वाजपेयीधारा-370नरेंद्र मोदीपरमाणु
शेयर8ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

हिंदी सिनेमा में पिछले एक वर्ष से देशभक्ति फिल्मों का दौर चल रहा है, इन रियल हीरोज पर भी बन रही हैं फिल्में

अगली पोस्ट

बाटला हाउस और मिशन मंगल की फिल्म समीक्षा, जानें कौन पड़ा किस पर भारी

संबंधित पोस्ट

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?
मत

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?

14 July 2025

भारत की सभ्यतागत या सांस्कृतिक विरासत के विशाल सागर में कुछ ग्रंथ ही ऐसे हैं जो ‘मनुस्मृति’ जितना उत्साह, विवाद और भ्रम उत्पन्न करते हैं।...

बॉलीवुड द्वारा ‘नारी चित्रण’ सामाजिक पतन का कारण बन रहा है
मत

बॉलीवुड द्वारा ‘नारी चित्रण’ सामाजिक पतन का कारण बन रहा है

12 July 2025

हिंदी फिल्म उद्योग, जिसे आमतौर पर बॉलीवुड कहा जाता है, भारत में हर वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित करता है। यह न केवल मनोरंजन का...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

00:07:47

How UPI went global? Why Namibia Adopted It?

00:07:20

Stalin’s DMK Faces Heat Over Brutal Custodial Killings in Tamil Nadu

00:08:06

Hindu girl r@ped, burned with cigarettes and forced to convert to Islam

00:03:31

Delhi’s Trump Card: Kejriwal Wants a Nobel for Surviving Politics

00:05:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited