बचपन में अपने पुरखों से सुना था, ‘रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई’। परंतु अब जब कांग्रेस के प्रवक्ताओं को आए दिन फेक न्यूज़ फैलाते हुए देखता हूं, तो यही कथन एक अलग रूप ले लेता है, और मेरे मुंह से अनायास ही निकल पड़ता है, ‘काँग्रेस रीति सदा चली आई, प्राण जायी पर एजेंडा न जायी’। अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से उबरकर काँग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला एक बार फिर फेक न्यूज़ फैलाने में जुट गये हैं। हाल ही में रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने एलपीजी सिलेंडर के बढ़े हुए दाम पर अपनी ‘चिंता जताई’। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मोदी सरकार ने मारी मंदी व महंगाई की दोहरी मार ! बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस के दाम रू॰77 बढ़ाये ! पिछले तीन महीनों में घरेलू गैस सिलेंडर के भाव में रू॰ 105 का इजाफा हुआ है!’
16 मई 2014- रू॰ 414
आज- रू॰716.50
बढ़ौतरी- रू॰302.5
भाजपा मालामाल, जनता बेहाल’ –
मोदी सरकार ने मारी मंदी व महंगाई की दोहरी मार !
बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस के दाम ₹77 बढ़ाये !
पिछले तीन महीनों में घरेलू गैस सिलेंडर के भाव में ₹105 का इजाफा हुआ है!
16 मई 2014-₹414
आज-₹716.50
बढ़ौतरी-₹302.5 🔺भाजपा मालामाल, जनता बेहाल।https://t.co/fp7sCVskpl
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 1, 2019
ये कथन बिलकुल सही है कि जोश में होश नहीं खोना चाहिए। भाजपा को घेरने के जोश में शायद रणदीप ये भूल गए थे कि गैस सिलेंडर के वास्तविक दाम भी ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं। रणदीप ने अपने ट्वीट में न केवल भाजपा के विरुद्ध भ्रामक तथ्य पोस्ट किए हैं, अपितु वास्तविकता को छुपाने का प्रयास किया है। सिलेंडर की जिस कीमत को सुरजेवाला ने दिखाकर भाजपा को घेरने का प्रयास किया है, वो असल में सब्सिडी वाले सिलेंडर की है, जबकि गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 2014 की तुलना में काफी कम हुई है।
सोशल मीडिया पर रणदीप सिंह सुरजेवाला का झूठ ध्वस्त करने में जनता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। @Gujju_Err के नाम के एक ट्विटर यूज़र ने रणदीप सुरजेवाला के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा, ‘सुरजेवाला साहब 2014 के सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम की तुलना 2019 के गैर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम से कर रहे हैं। सुरजी साहब, ये है असली तुलना –
Jan 2014: 1241/- Rs
Nov 2019: 706/- Rs
Surjewala sahab 2014 ke subsidized LPG cylinder ki price ko 2019 ke non-subsidized LPG cylinder ke price ke sath compare kar rahe hai
Surji sahab ye hai asli price comparison 👇
Jan 2014: 1241/- Rs
Nov 2019: 706/- Rs pic.twitter.com/lQJKb09Zfh— Prakash (@Gujju_Er) November 1, 2019
यही नहीं, सुदीप यादव नामक एक यूज़र ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए 2014 के प्रारम्भ से लेकर अब तक के सभी गैर सब्सिडी वाले सिलेंडरों के दाम की विश्लेषणात्मक तुलना करते हुए एक ट्वीट पोस्ट किया –
सब्सीडी और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत की तुलना करके जनता को बेवकूफ बना रहे हो सुरजे मुंह वाला साहब।
सच्चाई यह है कि 1 मई 2014 बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की की कीमत :928.50 रु।
आज :716.50
212 रु की गिरावट।
और 31 जनवरी 2014 को बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 1200 रु थी। pic.twitter.com/54EyjlM0hE
— 🇮🇳 सुदीप यादव 🇮🇳 (@sudip_ind) November 1, 2019
इस ट्वीट में वे लिखते हैं, “सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत की तुलना करके जनता को बेवकूफ क्यों बना रहे हो सुरजेवाला साहब। सच्चाई यह है कि 1 मई 2014 को बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की की कीमत: 928.50 रु थी। आज उसका दाम 716.5 रुपये है, यानि 212 रु की गिरावट हुई है। 31 जनवरी 2014 को बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 1200 रु थी।
अब कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का झूठ भले ही पकड़ा गया हो, लेकिन उनके पूर्ववर्ती ट्वीट देखें, तो पता चलता है कि उनके लिए पार्टी का भ्रामक एजेंडा फैलाना ही सर्वोपरि रहा है, चाहे उसके लिए वे हंसी का पात्र ही क्यों न बन जाये। अभी कुछ ही महीनों पहले उन्होंने एक ट्वीट शेयर की थी, जहां पर उन्होंने दावा किया था कि भारतीय रुपया बांग्लादेशी मुद्रा यानि टका से भी कमजोर हो गया –
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘अमेरिका के डॉलर को छोड़िए, अब रुपया हुआ बांग्लादेशी टका से भी कम’। परंतु सामान्य रिसर्च से पता चलता है कि जब एक रुपये का मूल्य 1.18 बांग्लादेश टका के बराबर हो, तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि भारतीय रुपया मजबूत है, न कि बांग्लादेशी टका। ऐसे में सोशल मीडिया पर भारी आलोचना के कारण रणदीप सुरजेवाला को बाद में अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा।
सच पूछें तो अब रणदीप सुरजेवाला अपने राजनीतिक करियर के उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं, जहां वे प्रासंगिक रहने के लिए येन केन प्रकारेण किसी भी तरह के बयान देने से नहीं हिचकिचाते। परंतु कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता होने के नाते उनके फेक न्यूज़ वाले ट्वीट एवं बयान न केवल उनकी छवि धूमिल करते हैं, अपितु काँग्रेस पार्टी का भी नाम बदनाम करते हैं।