TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जिस गुरु ने हाथ पकड़कर लिखना सिखाया, उन्हीं के मुंह पर कालिख पोत रहा है मनमोहन

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
5 December 2019
in मत
मनमोहन सिंह, पीवी नरसिम्हा राव, कांग्रेस, 1984 दंगा,

(PC: Outlook India)

Share on FacebookShare on X

मनमोहन सिंह एक ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री हैं जिनके कार्यकाल में सबसे अधिक भ्रष्टाचार हुए लेकिन अभी भी उनकी छवि साफ ही दिखाई जाती है। किसी भी प्रकार की आलोचना को यह कह कर दबा दिया जाता है कि उन्होंने भारत को दिवालिया होने से बचाया था। यही सब बातें कहकर कई भ्रष्टाचारों के बावजूद उन्हें छोड़ दिया जाता है। वे अक्सर मौन व्रत धारण किए रहते हैं इसी वजह से कोई उन पर सवाल नहीं करता।

परंतु इस बार उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जो शायद उनके साफ छवि पर भारी पड़ेगा। उन्होंने न सिर्फ अपनी परिवार भक्ति दिखाई है बल्कि अपने गुरु और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के साथ भी विश्वासघात किया है।

संबंधितपोस्ट

सादगी की सरकार, शीशे के महल में बंद: दिल्ली से चंडीगढ़ तक केजरीवाल की चमचमाती सादगी की कहानी

“पाकिस्तान घर जैसा है”: सैम पित्रोदा और कांग्रेस की पाकिस्तान नीति पर विवाद

पंजाब की बाढ़ : किसकी गलती, किसकी सजा?

और लोड करें

दरअसल, मनमोहन सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा, दिल्‍ली में जब 84 के सिख दंगे हो रहे थे, गुजराल जी उस समय के गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। उन्‍होंने राव से कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार के लिए जल्द से जल्द सेना को बुलाना आवश्यक है। अगर राव गुजराल की सलाह मानकर आवश्‍यक कार्रवाई करते तो तो शायद 1984 के नरसंहार से बचा जा सकता था।‘

Ex-PM Manmohan Singh: When the sad event of '84 took place, IK Gujral ji went to the then HM PV Narasimha Rao&told him,situation is so grave that it's necessary for govt to call Army at the earliest. If that advice had been heeded perhaps '84 massacre could've been avoided.(4.12) pic.twitter.com/bQmnktnmem

— ANI (@ANI) December 4, 2019

यह कोई छोटा मोटा बयान नहीं है। यह एक पूर्वप्रधानमंत्री के तरफ से आया है और यह पीवी नरसिम्हा राव के ऊपर 1984 के दंगो को मढ़ने का एक स्पष्ट प्रयास है। क्योंकि इस बयान में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बात ही नहीं की गयी है तो यह भी स्पष्ट दिख रहा है कि मनमोहन सिंह राजीव गांधी की भूमिका को पूरी तरह से भुला रहे हैं या जानबूझ कर यह आरोप नरसिम्हा राव के सिर मढ़ना चाहते हैं।

मनमोहन सिंह जिस प्रकार के विद्वान हैं उससे तो यह नहीं लगता है कि उनकी याददास्त इनती कमजोर होगी। इसका मतलब यह है कि मनमोहन सिंह ने गांधी परिवार की वफादारी करते हुए अपने बयान से 2 निशाने साधने की कोशिश की है। पहला यह कि 1984 के दंगों में राजीव गांधी का कोई हाथ नहीं था और दूसरा यह कि तत्कालीन गृह मंत्री नरसिम्हा राव दंगों को रोक सकते थे, इसलिए दंगों के जिम्मेदार वे हैं। स्पष्ट तौर पर नरसिम्हा राव पर यह आरोप लगाने के बाद मनमोहन सिंह ने अपने गुरु के साथ विश्वास घात किया है, जिन्होंने उन्हें वित्त मंत्री बनाया था। आइये जरा एक नजर डालते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कितना सच बोल रहे हैं।

1984 के दंगों में राजीव गांधी की भूमिका:

01 नवंबर 1984 के दिन सुबह से ही दिल्ली में सिखों के कत्ले-आम की शुरुआत हो चुकी थी, जो 03 नवंबर 1984 तक बिना रोक-टोक चलती रही। इस कत्ले-आम में हज़ारों सिखों को बेरहमी से मारा गया था। इसके बाद जो हुआ वह भारत के इतिहास का सबसे काला अध्याय था।

ममोहन सिंह ने यह आरोप लगाया है कि उस वक्त के गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अगर IK Gujral की बात मानी होती तो यह दंगा नहीं होता। शायद मनमोहन सिंह यह भूल रहे है कि उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे और बिना उनके इशारे के बिना कुछ भी संभव नहीं था। इस बात का खुलासा करते हुए विनय सत्पथी ने अपनी किताब Half Lion में यह बताया है कि कैसे एक फोन से गृह मंत्री को अपना काम नहीं करने दिया।

मनमोहन सिंह, नरसिम्हा राव

उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि सुबह 6 बजे ही गृह मंत्री के ऑफिस में एक कांग्रेस के नेता जिन्हें राजीव गांधी का करीबी माना जाता था, उनका का फोन आता है और यह आदेश मिलता है कि इन दंगों के लिए एक कोर्डिनेटेड response की आवश्यकता है इसलिए सभी दंगों की सभी खबरें अब से सीधे PMO को दी जाएंगी।

इसके बाद नरसिम्हा राव राम जेठमलानी से भी मिलते हैं और वह भी ये नोटिस करते हैं कि गृह मंत्री किसी भी पुलिस के संपर्क में नहीं थे। इससे स्पष्ट था कि जब PMO ने स्वयं हस्तक्षेप किया है तो उनकी कोई आवश्यकता नहीं है। इस किताब के अनुसार अगले दिन लगभग 2733 लोगों के मारने या जलाने की खबर आई थी। इससे यह स्पष्ट ही होता है कि इन दंगों में राजीव गांधी ने खुद कमान संभाली हुई थी।

यही नहीं 15 नवंबर 1984 के दिन एक सार्वजनिक सभा में राजीव गाँधी ने सिख कत्ले-आम पर कहा था कि “जब एक बड़ा पेड़ ज़मीन पर गिरता है, तब धरती थोड़ी हिलती है।” इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका इशारा इन्दिरा गांधी की मौत के तरफ था। जैसे मानो वो इशारा कर रहें हो कि इन्दिरा गांधी कि हत्या के बाद भड़के दंगे जायज थे।

इस मामले में कई जांच बैठी लेकिन किसी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किसने यह दंगा कराया था। इसका कारण भी था कि उसके बाद भी सरकार कांग्रेस की ही थी।

पीवी नरसिम्हा राव पर जब सवाल दागे जा रहे थे तब भी वह इस सच्चाई को बता सकते थे और राजीव गांधी पर आरोप लगा सकते थे लेकिन उन्होंने भी परिवार की चापलूसी करते हुए यह बात किसी को नहीं बताई।

इन दंगों की जांच के लिए एक सिटीज़न कमेटी बनी थी और इसमें कुछ बातों को सामने लाया भी गया था। भारत के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में श्री एस.एम सीकरी और बाकी सारे बुद्धिजीवियों ने सिख कत्लेआम के दौरान सरकार के अधीन दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो, दिल्ली पुलिस, कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, दिल्ली के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर और पूरी सरकारी व्यवस्था को ही आपराधिक कठघरे में खड़ा कर दिया था।

सिटीज़न कमीशन 03 नवंबर 1984 का हवाला देकर लिखती है कि इस दिन श्रीमती इंदिरा गांधी का दाह संस्कार करना था और इससे ठीक पहले दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को छुट्टी पर भेज दिया गया। अब गृह सचिव को इस पद की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई थी। इंदिरा गांधी के दाह संस्कार के संबंध में फौज और पुलिस को विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के इंतज़ाम में लगाया गया। इन सभी घटनाओं से पता चल जाता है कि यह दंगा कितने सुनयोजित तरीके से करवाया गया था।

धारा 144 लागू करके कर्फ्यू के दौरान किस तरह भीड़ सिख समुदाय के घरों को चुन-चुन कर निशाना बनाने में कामयाब हो रही थी यह एक बड़ा सवाल है। जहां भी हिंसा हुई वहां किसी भी तरह के पुलिस प्रशासन की उपस्थिति का कोई ब्यौरा नहीं मिलता। संजय सूरी की 1984 के संदर्भ में लिखी गई किताब में भी कई सच सामने आते हैं। इस किताब में उन्होंने यह बताया है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता पुलिस थाने में पुलिस अफसर की मौजूदगी में सिख कत्ले-आम में लूट के आरोप में पकड़े गए लोगों की पैरवी करते हुए दिखाई दे रहे थे।

कई चश्मदीद गवाहों ने पालम कॉलोनी, तिलक विहार, राज नगर जैसे इलाकों में हुए दंगों में सज्जन कुमार, बलवान खोखर, प्रताप सिंह, महा सिंह और मोहिंदर सिंह की भूमिकाओं के बारे में गवाही दी है। सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर सिख-विरोधी दंगों का चेहरा रहे हैं। इसके अलावा संजय सूरी की 1984 दी एंटी-सिख वॉयलेंस एंड आफ़्टर (किताब) में मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ की उन दिनों संदिग्ध और संभवतः आपराधिक भूमिका पर विस्तार से बताया है। वहीं सज्जन कुमार के केस में अहम गवाह रही श्रीमती जगदीश कौर ने फिल्म जगत के बड़े अभिनेता अमिताभ बच्चन पर भी आरोप लगाया कि वह टीवी पर “खून के बदले खून” के नारे लगाते हुए दिखे थे।

इस तरह से ममोहन सिंह का यह बयान देना और सभी आरोप पीवी नरसिम्हा पर मढ़ देना उनकी मानसिकता को दिखाता है कि कैसे वे अभी भी गांधी परिवार की चापलूसी से निकल नहीं पाए हैं। सोनिया गांधी के हाथों में कांग्रेस का कमान जाने के बाद से पीवी नरसिम्हा राव को एक बलि के बकरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस ने कभी भी उन्हें वह इज्जत नहीं दी जिसके वो असल हकदार थे। यहाँ तक कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को भी कांग्रेस मुख्यालय में नहीं ले जाने दिया गया।

अब तो यह आप समझ ही गए होंगे कि यह किसके इशारे पर हुआ था। अब इस तरह से मनमोहन सिंह का भी अपने राजनीतिक गुरु को धोखा देकर दोषी बनाना, उनकी दाशता को ही दिखाता है। यह पीवी नरसिम्हा राव ही थे जो मनमोहन सिंह को राजनीति में लाए और अर्थशास्त्री IP Patel द्वारा ठुकराये जाने के बाद उन्हें वित मंत्री बना दिया। यह पीवी नरसिम्हा ही थे जिन्होंने भारी विरोध के बावजूद मनमोहन सिंह को आर्थिक नीति पर फैसले लेने की खुली छूट दी। जिसका परिणाम यह हुआ कि देश में परिवर्तन आया और देश साम्यवाद की जकड़ से छूट कर उदारवाद की राह पर चल पड़ा।

आज किसी भी कांग्रेसी नेता के मन में पीवी नरसिम्हा राव के लिए सम्मान नहीं रहा। मनमोहन सिंह ही वो आखिरी नेता थे जिनसे यह उम्मीद लगाई गई थी कि कम से कम वो पीवी नरसिम्हा राव की विरासत का मान रखेंगे लेकिन इस बयान से उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु के साथ विश्वासघात किया है। गांधी परिवार की जी हुज़ूरी करते करते इस बयान से उन्होंने शायद अपने ही अमर शब्दों को और अमर कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि इतिहास उनके साथ न्याय करेगा। अब नरसिम्हा राव पर इस बयान के बाद अवश्य ही इतिहास उनके साथ न्याय करेगा।

इतिहास इसलिए भी अब मनमोहन सिंह को याद करेगा क्योंकि उन्होंने गांधी परिवार की चाटूकारिता के लिए अपने राजनीतिक गुरू व भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री पर 1984 के दंगे का आरोप लगाया, जोकि जगजाहिर है कि इस दंगे को किस परिवार ने और क्यों अजांम दिया था।

Tags: 1984 दंगापंजाबपीवी नरसिम्हामनमोहन सिंहसिख
शेयर1070ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पाखंडी नित्यानन्द का कथित हिन्दू राष्ट्र ‘कैलासा’, रजनीशपुरम 2.0 साबित होगा!

अगली पोस्ट

चीन अपने फायदे के लिए केन्या को कंगाल कर रहा है, केन्याई लोग विरोध करने सड़कों पर उतर आए हैं

संबंधित पोस्ट

बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान
चर्चित

बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

4 November 2025

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर अपनी रणनीति के केंद्र में महिला शक्ति को रखा...

भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत
चर्चित

भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

3 November 2025

भारत ने दशकों से चल रहे नक्सलवाद के जटिल और घातक संकट पर ऐतिहासिक विजय हासिल की है। लंबे समय तक देश के विभिन्न हिस्सों...

महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता
चर्चित

महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

3 November 2025

बिहार के सहरसा जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र, सामाजिक संरचना और नेतृत्व की...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

00:08:41

When Grief Met Greed: The Shocking Story of a Father & Bengaluru’s Bribe Chain

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited