एक महिला, महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों के राजनीतिकरण पर कुछ बोल रही हो और कुछ पुरुष उसकी तरफ बाहें चढ़ा कर बढ़ें तो आप क्या करेंगे? यह कहीं दूर दराज इलाकों में नहीं हुआ बल्कि लोकतंत्र के मंदिर और भारतीय संसद में हुआ और वो भी एक महिला कैबिनेट मंत्री के खिलाफ। वह भी तब हुआ जब पूरा देश हैदराबाद में हुए रेप दोषियों के एनकाउंटर का जश्न माना रहा था। यह कोई ऐसे वैसे लोग नहीं थे बल्कि लोगों द्वारा चुने गए कांग्रेस पार्टी सांसद थे। दरअसल, लोकसभा में भी शुक्रवार को हैदराबाद एनकाउंटर का मसला उठाया गया, जिस पर जमकर बवाल हुआ। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस मामले में धर्म का एंगल लाने वाले विपक्षी पार्टियों पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान के विषय में सांप्रदायिक एंगल जोड़ना गलत होगा।
Union Minister Smriti Irani in Lok Sabha: The fact that you(Opposition MPs) shout here today, means you do not want a woman to stand up and talk about issues. You were quiet when in West Bengal panchayat polls, rape was used as a political weapon,you were quiet then. pic.twitter.com/XZxJc5pJad
— ANI (@ANI) December 6, 2019
उन्होंने कहा कि महिला सम्मान के विषयों को सांप्रदायिक विषय से जोड़ना गलत है। ऐसा दुस्साहस मैंने पहले कभी नहीं देखा। स्मृति ईरानी ने कहा कि बंगाल में पंचायत चुनाव में रेप को सियासी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया। आज बंगाल के एक सांसद यहां पर मंदिर का नाम ले रहे थे। जिन लोगों ने रेप को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया वो आज भाषण दे रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक सांसद (अधीर रंजन) ने तेलंगाना और उन्नाव की घटना का नाम लिया लेकिन मालदा भूल गए। कांग्रेस सांसदों के हंगामे के बीच स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्नाव और तेलंगाना में जो हुआ वो शर्मनाक है और दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
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वह बोल ही रही थी कि कांग्रेस के दो सांसद अपनी बाहें चढ़ा कर उनकी तरफ बढ़े। टीएमसी के सांसद सौगात राय ने दोनो सांसदों को रोका। यह दोनों सांसद थे कांग्रेस के डीन कुरियाकोस और टीएन प्रतापन।
स्मृति ईरानी ने बताया कि आज कुछ पुरुष सांसद सदन में मेरी ओर आ रहे थे, एक सांसद ने तो यह कहा कि स्मृति ईरानी बोल कैसे सकती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं हैरान हूं। मैं सोमवार को संसद में देखना चाहूंगी कि कैसे महिलाओं को लेकर बोलने पर विपक्ष मुझे सजा देता है।
Union Minister Smriti Irani: Today, I had a Congress MP chastise me for he said I spoke aggressively. In the House, some male MPs came towards me rolling up their sleeves, following which a young MP said, "Why did Smriti Irani even speak?" pic.twitter.com/MwNZoFz8Lp
— ANI (@ANI) December 6, 2019
इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दोपहर में स्मृति के साथ हुए दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महिला सांसद के सामने धमकी भरे अंदाज में आकर खड़ा हो जाना गलत है। सूत्रों के अनुसार, प्रह्लाद जोशी ने ओम बिड़ला को नियम 374 के तहत टीएन प्रतापन और डीन कुरियकोस के खिलाफ कार्रवाई करने का नोटिस दिया है। उन्होंने मांग कि है कांग्रेस सांसद सोमवार को स्मृति ईरानी से बिना शर्त माफी मांगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो नियम 374 के तहत पांच दिन के लिए उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा।
भाजपा सांसद संगीता कुमारी सिंहदेव ने कांग्रेस सांसदों पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी बांहें चढ़ा ली थीं और सामने आकर खड़े हो गए। आसंदी पर बैठी मीनाक्षी लेखी ने भी कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी से कहा कि वे पार्टी के सांसदों से माफी के संबंध में बात करें।
यह तो हद ही हो गयी कि एक तरफ पूरा देश महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को सज़ा देने की बात कर रहा है तो वहीं संसद में एक महिला मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है और कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। आखिर यह कैसा दौर आ चुका है कि सरेयाम एक मंत्री के खिलाफ इस तरह से बाहें चढ़ा कर आगे बढ़ता है और हम उसी संसद से यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वह महिलाओं के खिलाफ होने वाले रेप जैसे अपराध के लिए कठोरतम कानून बनाए।
कांग्रेस को चाहिए था कि कल ही वो इन दोनों ही सांसदों के खिलाफ एक्शन ले लेकिन न ही कांग्रेस ने कोई एक्शन लिया है और न ही उन दोनों सांसदों ने माफी मांगी है। इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है कि देश की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के नेता महिला कैबिनेट मंत्री के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करते हैं। यह कांग्रेस और उनके नेताओं की अब तक की सबसे शर्मनाक हरकत थी। जिसके लिए उन्हें अविलंब माफी मांगनी चाहिए।