चीन में वुहान शहर में उत्पन्न हुआ वुहान वायरस पूरी दुनिया के लिए मुसीबत का विषय बना हुआ है। अब तक साढ़े चार लाख से भी ज़्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और 20000 से ज़्यादा लोग मृत्यु को प्राप्त भी हो चुके हैं। लेकिन ऐसे समय में भी चीन अपनी हेकड़ी से बाज नहीं आ रहा है।
अभी हाल ही में चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट किया, जिसमें भारत में एक जगह लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर पुलिस की कार्वारई को बर्बर करार दिया, और उन्हें ड्रोन के प्रयोग का सुझाव भी दिया –
#India police were seen busy waving rattan to alert those who slinkingly come outside during the prevailing lockdown. Under similar circumstances, #China using drones to help spread awareness is seen as a better way. #21daysLockdown #COVID19 pic.twitter.com/scR0Xe1N5D
— Global Times (@globaltimesnews) March 25, 2020
ये तो वही बात हो गई, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। जो देश अपनी जनता पर अनगिनत अत्याचार करने के लिए संसार भर में बदनाम हो, वो भला दूसरे देश को एक आम कार्रवाई पर ज्ञान किस अधिकार से दे सकता है? इसपर लोगों ने ग्लोबल टाइम्स को आईना दिखाया।
Just replace the last hashtag with #ChineseVirus or WuhanVirus
— Maya (@Sharanyashettyy) March 25, 2020
https://twitter.com/jarneeabout/status/1242719955583479809?s=20
परन्तु बात यहीं पर नहीं रुकी। इस मुखपत्र ने एक लेख भी छापा, जिसमें उसने भारत से वुहान वायरस से लड़ने के लिए चीन के तौर तरीकों से मदद ली। लेख के प्रारंभ में वे पीएम मोदी द्वारा किए गए 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का समर्थन करते हैं, परन्तु फिर बाद में उनका एजेंडा उजागर भी हो जाता है –
ग्लोबल टाइम्स में आगे लिखा है कि कैसे भारत टेस्टिंग ना करने की अपनी हठधर्मिता के कारण COVID 19 को बढ़ने से नहीं रोक पायेगा। ग्लोबल टाइम्स ने पहले दक्षिण कोरिया और फिर अपना ही उदाहरण देते हुए बताया है कि कैसे भारत को चीन से कुछ सीख लेनी चाहिए और वुहान वायरस के मामलों को रोकने के लिए आगे आना चाहिए।
इसी को कहते हैं, रस्सी जल गई पर बल नहीं गया। दुनिया भर को इस भयानक बीमारी की चपेट में लाने के बाद भी चीन सुधरना तो बहुत दूर की बात, लोगों की सहायता करने तक में भी अपना लाभ ढूंढता है।
उदाहरण के लिए चीन ने जो टेस्ट किट्स दूसरे देशों को भेजी थी, वह घटिया निकली। ताइवान के एक न्यूज़ पोर्टल की माने तो चीन ने दोयम दर्जे के टेस्ट किट चेक गणराज्य को भेजे थे, जिसके लिए उसने बहुत मोटी रकम वसूली। एक चेक न्यूज़ साइट iROZHLAS की माने तो चीन ने डेढ़ लाख टेस्ट किट के बदले 14 मिलियन चेक क्राउन ऐंठे थे। परन्तु उन टेस्ट किट्स में से ऐसी प्रतिशत घटिया दर्जे के निकले –
इसके अलावा ग्लोबल टाइम्स के लिए हमारे पास एक सलाह है – दूसरों की कमियां गिनाने से पहले अपने गिरेबान में भी झांक ले। पहली बात तो भारत वुहान वायरस की जांच में कोई लापरवाही नहीं कर रहा है। भारत पाकिस्तान नहीं है, जहां सब कुछ भाग्य भरोसे छोड़ दे। यहां 50000 से 70000 लोगों की प्रति हफ्ते टेस्टिंग हो रही है, और स्वदेशी टेस्ट किट बनने के बाद से ये संख्या लाखों में भी जा सकती है।
पर ये पहली बार नहीं है जब ग्लोबल टाइम्स ने भारत को फालतू का ज्ञान देने का प्रयास किया हो। भारत के वामपंथियों की देखा देखी ग्लोबल टाइम्स ने भी अफवाह फैलाई कि भारत जानबूझकर वुहान वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या दुनिया से छुपा रहा है। ये तो पूरी दुनिया जानती है कौन क्या छुपा रहा। सच ही कहा था किसी ने, जो जैसा होता है, वह दुनिया को भी वैसा ही समझता है।
इसके अलावा जब पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी वुहान वायरस से संक्रमित होने के खतरे के बाद भी चीन का दौरा करने गए, तो ग्लोबल टाइम्स ने इसे चीन के कूटनीति की जीत बताते हुए भारत को पाकिस्तान से सीख लेने को कहा था। कमाल है, मछली को चूहे से तैरने का प्रशिक्षण लेने के लिए कहा जा रहा है। वाह रे चीन, दाद देनी पड़ेगी तुम्हारी सोच की।