एक तरफ देश कोरोना से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पत्रकारों पर हमले करने में व्यस्त है। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ और एंकर अर्नब गोस्वामी पर मुंबई में बुधवार देर रात दो लोगों ने हमला करने की कोशिश की। जब वे इसमें नाकाम रहे तो उन्होंने अर्नब की कार पर स्याही फेंक दी। इस शर्मनाक घटना के वक्त उनकी पत्नी सामिया गोस्वामी भी उनके साथ ही थीं। हालांकि, हमलावरों के खिलाफ MM Joshi पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 341, 504 के तहत FIR दर्ज हो चुकी है। दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
#BREAKING | Arnab's message after being physically attacked by Congress goons #SoniaGoonsAttackArnab https://t.co/RZHKU3fdmK pic.twitter.com/SdAvoerhIH
— Republic (@republic) April 22, 2020
#SoniaGoonsAttackArnab | कांग्रेस के गुंडो ने अर्नब गोस्वामी के कार पर किया हमला, हमले के वक्त पत्नी भी थीं साथ https://t.co/SDGVEbc7RS pic.twitter.com/agIRoPUlqn
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हमले के बाद पोस्ट किए गए एक वीडियो में गोस्वामी ने कहा कि उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बताया कि हमलावर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। इसके बाद अलका लांबा के ट्वीट से इसकी पुष्टि भी हो गयी कि इस हमले में कांग्रेस का हाथ है।
युवा काँग्रेस जिंदाबाद :) 🇮🇳👍.
— Alka Lamba 🇮🇳 (@LambaAlka) April 22, 2020
आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस वाले अर्नब के खिलाफ हिंसा पर उतारू हो गए? इसके कई कारण हैं और उनमें से प्रमुख कारण अर्नब द्वारा कांग्रेस और गांधी परिवार को रिपब्लिक टीवी पर समय-समय पर एक्सपोज करना और गांधी परिवार के पारिवारिक राजनीति की धज्जियां उड़ाना। अब कांग्रेस हमले करवा रही है जो उसकी कमजोरी को दर्शाता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि गांधी परिवार और उनके चाटुकार गैंग यानि उनका इकोसिस्टम प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद किसी से सबसे अधिक डरता है तो वह अर्नब गोस्वामी हैं।
इस बार अर्नब ने अपने डिबेट शो पर पूरे इकोसिस्टम की केंद्र सोनिया गांधी को एक्सपोज किया जिससे कांग्रेस का पूरा कबाल बौखला गया और हिंसा पर उतर गया। दरअसल, अर्नब ने पालघर में 2 साधुओं की हत्या पर कांग्रेस प्रमुख से कई सीधे सवाल किए थे और पूछा था कि अगर किसी पादरी या किसी मुस्लिम को मारा गया होता तो आपकी पार्टी और आपकी पार्टी की ‘रोम से आई हुई इटली वाली’ सोनिया गांधी चुप रहतीं?
https://twitter.com/lokarlorajniti/status/1252661232550592515?s=20
अर्नब गोस्वामी ने कहा, “सोनिया गांधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहां पर मैंने सरकार बनाई है, वहां पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूं। वहां से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गांधी ने अच्छा किया। इन लोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? यह सभी को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”
यह तो सभी को पता है कांग्रेस कबाल की केंद्र में सोनिया गांधी हैं और उन पर किसी प्रकार का आरोप किसी भी कांग्रेसी चाटुकार को नहीं अच्छा लगेगा। यही वजह है कि कांग्रेस ने ऐसी शर्मनाक हरकत की। अब अर्नब के खिलाफ कई वर्षों की यह कुंठा हिंसा के रूप में सामने आ रही है।
कांग्रेस पार्टी का भारतीय राजनीति के परिदृश्य से पतन होने में पीएम मोदी और अमित शाह का प्रमुक हाथ है लेकिन, अगर तीसरे नंबर पर कोई आता है तो वह अर्नब ही होंगे।
अर्नब गोस्वामी ने पहले टाइम्स नाव और फिर वहाँ से जाने के बाद अपने चैनल पर कांग्रेस के पतन की कहानी लिखनी शुरू की थी। 2G घोटाला हो या कॉमनवेल्थ घोटाला या फिर कोलगेट घोटाला, इन सभी के समय अर्नब एक मात्र पत्रकार थे जिन्होंने अपने सीधे सवाल से कांग्रेस की बखिया उधेड़ दी थी और लोगों तक कांग्रेस द्वारा किये गए भ्रष्टाचार और देशहित के खिलाफ उठाये गए कदम को पहुंचा दिया।
अर्नब गोस्वामी ने कांग्रेस से हमेशा तीखे सवाल पूछे हैं जिसकी इस पुश्तैनी पार्टी को कभी आदत नहीं रही। 60 वर्ष तक शासन करने के बाद जिस तरह से कांग्रेस ने अपना इको सिस्टम बनाया था और लुटियन्स पर एकाधिकार किया था उससे कांग्रेस को लगता था कि उसे कोई चैलेंज नहीं दे सकता है। लुटियन्स पत्रकार जैसे राजदीप, बरखा और शेखर गुप्ता ने कांग्रेस की चापलूसी में ही अपना जीवन निकाल दिया है और कांग्रेस भी इनके भरोसे ही बैठी रही।
यह अर्नब गोस्वामी ही थे जिन्होंने राहुल गांधी के उदय से पहले ही उनका इंटरव्यू ले कर उनकी नासमझी की पोल खोलकर रख दी थी। उस समय अर्नब के इंटरव्यू से यह तो पूरे देश को पता चल गया कि राहुल गांधी कितने अक्षम नेता हैं जिनके हाथ में देश की बागडोर कभी नहीं जानी चाहिए। कांग्रेस के लिए यह एक ऐसा झटका था जिसने उसे आज तक सत्ता में नहीं आने दिया है। राहुल गांधी के जवाब वास्तव में “अविश्वसनीय” थे, और आज तक हम यह पता लगाने में विफल रहे कि आखिर राहुल गांधी कहना क्या चाह रहे थे।
अगर हम लुटियन्स पत्रकारों का सोनिया गांधी के साथ इंटरव्यू देखें तो यह समझ में आजाएगा कि कांग्रेस अर्नब से नफरत क्यों करती है। शेखर गुप्ता ने तो सोनिया गांधी से यह तक पूछ लिया था कि उन्हें पास्ता बनाना आता है या नहीं। ये दरबारी पत्रकार गांधी परिवार के आसपास ही भटकते रह गए और कभी भी तीखे सवाल नहीं पूछे।
अर्नब ने कांग्रेस सहित इन लुटियन्स कबाल के पत्रकारों को खुली चुनौती दी और मीडिया को दिल्ली से दूर मुंबई ले गए। जब उन्होंने अपना खुद का चैनल स्थापित किया था तब उन्होंने कहा था कि, “मैं हमेशा से मीडिया को कांग्रेस समर्थित लुटियन्स दिल्ली के दरबारी पत्रकारों से दूर ले जाना चाहता था।” रिपब्लिक टीवी की स्थापना से लेकर आज नंबर एक चैनल बनाने तक उन्होंने यह कर दिखाया है। रिपब्लिक की स्थापना के बाद अर्नब और भी अधिक धारदार सवाल करने लगे।
अर्नब राहुल गांधी के साथ इंटरव्यू के बाद से कभी नहीं रुके और कांग्रेस की कमजोर नब्ज पर लगातार हमले करते रहे। अर्नब ने सिर्फ गांधी परिवार ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के हर नेता की पोल अपने चैनल पर खोली है। उदाहरण के तौर पर लोकप्रिय नेता शशि थरूर को तो अर्नब ने सुनन्दा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या के बाद नाको चने चबवा दिए थे। थरूर और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अर्नब गोस्वामी के लगातार सवालों से और पुष्कर हत्या कांड पर कवरेज से इतने परेशान हो गए थे कि उनका मुंह बंद करवाने के लिए FIR तक दर्ज कर दी गयी थी।
2019 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस के एक नेता संजय झा ने तो यह तक कह दिया था कि चुनाव के बाद कांग्रेस के जीतने पर अर्नब गोस्वामी को हटा दिया जाएगा।
When we win in 2019, this religious bigot, who regularly spews hatred, spreads fake news and polarises society, a #RSS–#BJP mole masquerading as a TV anchor will be sacked. It is a promise, Arnab Goswami. https://t.co/9z6kCM2sHB
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) November 3, 2018
अर्नब गोस्वामी के लगातार हमलों से कांग्रेस इतनी घबरा गयी थी कि अपने प्रवक्ताओं को उनके चैनल पर भेजना बंद कर दिया था और रिपब्लिक को बॉयकोट करना प्रारम्भ कर दिया था। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो BJP के प्रवक्ता संबित पत्र को NDTV से निधि राज़दान द्वारा निकाले जाने के बावजूद BJP ने NDTV का बॉयकोट नहीं किया है। कांग्रेस के बॉयकॉट को भी अर्नब ने कांग्रेस को जलील करने का तरीका ढूंढ निकाला और कांग्रेस के प्रवक्ताओं के स्थान पर खाली कुर्सी रखना आरंभ कर दिया था।
Arnab conducting a debate with #EmptyCongressChair …This empty chair still making more sense than any Cong spokies pic.twitter.com/YKWUxlfq4G
— Paresh Rawal fan (@Babu_Bhaiyaa) April 29, 2016
यही कुंठा कांग्रेस के नेताओं में कई वर्षों से बैठी थी। अर्नब द्वारा सोनिया गांधी के एक्सपोज पर वही कुंठा कांग्रेसियों के भीतर जागृत हो गयी और और वे अपने कार्यकर्ताओं को अर्नब के खिलाफ उकसाने लगे। उसी का परिणाम है कि अर्नब पर हमला हुआ।
देशभर के कार्यकर्ता #ArnabGoswami द्वारा काँग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी जी पर दिए गए ब्यान को लेकर बेहद आहत हैं,
अगर समय रहते @CMOMaharashtra ने उचित क़ानूनी कार्यवाही नहीं की तो मैं यह #चेतावनी दे रही हूँ कि फिर काँग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़को पर उतर आने से कोई नहीं रोक पायेगा. https://t.co/fBBBnnqFj2
— Alka Lamba 🇮🇳 (@LambaAlka) April 22, 2020
किसी विरोधी पर शारीरिक हमला हमलावर की कमजोरी और असहिष्णुता का संकेत है। किसी भी पत्रकार पर शारीरिक हमला नहीं होना चाहिए। कांग्रेस को अर्नब गोस्वामी से नफरत है, क्योंकि अर्नब गोस्वामी उस तरह के पत्रकार नहीं हैं, जिस तरह की पुरानी पार्टी चाहती है। इस हमले के बाद अर्नब और भी प्रखर हो जाएंगे।