कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। इस महामारी को देखते हुए भारत सरकार ने 3 मई तक देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। इससे ज्यादातर कंपनियों के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। IT सेक्टर में पहले से ही Work from Home का नियम है लेकिन सिर्फ आपातकाल के लिए। लॉकडाउन की वजह से IT यानि information technology सेक्टर को छोड़ कर बाकी क्षेत्र अधिक प्रभावित हुए हैं। आईटी सेक्टर भी प्रभावित हुआ है लेकिन दूसरों से कम।
जाहिर है कि ऐसे में बहुत से लोगों की दिनचर्या में बदलाव आया है। रोज के कामकाज में काफी बदलाव देखा जा रहा है। कर्मचारियों की जो मैराथन मीटिंग्स होती थीं, अब वो वीडियो कॉल में बदल गई हैं। ऐसा लग रहा है कि कोरोना के वजह से Work From Home की यह आदत IT कंपनियों में हमेशा के लिए बदलाव लाने वाली हैं। आने वाले कुछ वर्षों में परमानेंट Work from Home एक सच्चाई हो सकती है।
इसी क्रम में भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने अपने कर्मचारियों के कार्यालय में बिताए जाने वाले समय को कम करने पर विचार कर रही है। गुरुवार को एक सम्मेलन में, TCS के chief operating officer एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा कि कंपनी का मानना है कि सभी 100% को उत्पादक बनाने के लिए हमारे कार्यालय में 25% से अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है। यह बताते हुए कि हर कर्मचारी को हर समय कार्यालय में उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं है, उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि कर्मचारियों का 25% समय हमारे कार्यालयों के लिए पर्याप्त है।“
आईटी कंपनियों ने कोरोना से पहले कर्मचारियों को केवल एक सीमित समय के लिए घर से काम करने का विकल्प पेश किया था। लेकिन कोविड-19 के फैलने से रोकने के लिए सभी कंपनियों को रातों-रात अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ा।
पिछले एक महीने से देश के 40 लाख आईटी कर्मचारियों में से 80 प्रतिशत से अधिक घर से काम कर रहे हैं, हालांकि कंपनियों को परिचालन करने में थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, प्रबंधन अगले कुछ वर्षों में अपने महंगे कार्यालयों को खाली कर अधिकांश कर्मचारियों को घर से काम करने की छूट देने पर विचार कर रहा है। हालांकि, घर से काम करने वाले कर्मचारियों को अपने 100 प्रतिशत समय में घर से ही काम नहीं करना होगा और कार्यालयों की आवश्यकता होगी, लेकिन कर्मचारियों की संख्या कम होगी और वे कम समय के लिए कार्यालयों में आएंगे।
TCS के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने Economic Times को बताया कि वे 2025 तक “25/25 मॉडल को लागू करने के लिए काम कर रहे हैं और यही वह तरीका है जिससे हम अपनी भविष्य की क्षमता और भविष्य के बुनियादी ढाँचे का निर्माण करते हैं।”
यह सभी को पता है कि TCS भारतीय आईटी उद्योग में सबसे अव्वल है। जब एक बार इस कंपनी ने Work from Home की रणनीति पर काम करना शुरू किया तो अन्य कंपनियां भी इसका पालन करना शुरू कर देंगी। वास्तव में, विप्रो जैसी कई अन्य कंपनियां भी इस विचार पर विचार कर रही हैं। विप्रो के प्रमुख HR अधिकारी सौरभ गोविल का कहना है कि “बहुत सी बातें सामने आ रही हैं। क्या हमारे पास काम करने वाले कर्मचारियों की जरूरत है – क्या हमें पूरे वर्कफोर्स को वापस बुलाने की जरूरत है या हमें घर से काम करने देने के लिए छूट देनी होगी।”
यह कंपनियां देश में कॉरपोरेट ऑफिस चलाने वालों में से एक रही हैं। एक बार जब घर से काम करना आदत बन जायेगा तब कॉर्पोरेट कार्यालयों की कीमतें भी कम हो जाएंगी। यह आईटी कंपनियों को भी कुशल बना देगा, क्योंकि real estate और कार्यालय संचालन की लागत, कुल व्यय अधिकांश आईटी कंपनियों के लिए लगभग को बचाया जा सकता है।
इससे पहले कभी भी लंबे समय तक घर से काम करने के विचार को गंभीरता से नहीं लिया गया था क्योंकि ऐसा आपातकाल पहले कभी नहीं हुआ था। लेकिन एक महीने से अधिक के लॉकडाउन के बाद, अधिकांश कंपनियों ने work from Home का ही विकल्प चुना। अधिकांश कंपनियों ने अनुभव किया कि work from Home से भी वे कंपनी का संचालन सुचारु रूप से कर सकते हैं।