कोरोना ने चीन को पूरी तरह से एक्सपोज तो कर ही दिया है साथ में उसके लिए कई बिन बुलाये मुश्किलों को भी बढ़ा दिया है। ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अमेरिका से संबंध खराब होने के बाद अब चीन का अमेरिका के साथ हुआ ट्रेड डील भी खतरे में पड़ गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के साथ फेज 1 ट्रेड डील को समाप्त करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि चीन अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं के 200 अरब डॉलर अधिक खरीद करने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहता है तो ऐसा किया जाएगा।
वॉशिंगटन में लिंकन मेमोरियल से रविवार को ट्रम्प ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने केवल वाशिंगटन द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण इस समझौते पर सहमति व्यक्त की थी। ट्रम्प ने कहा कि-
“उन्होंने हमारे देश का फायदा उठाया। अब उन्हें अमेरिका से खरीदना होगा और अगर वे नहीं खरीदते हैं, तो हम इस डील को समाप्त कर देंगे। चीन मुझे दोबारा राष्ट्रपति के रूप में नहीं देखना चाहता है।”
बता दें कि फेज 1 का सौदा से चीनी आयात पर लगे लगभग 155 बिलियन डॉलर के टैरिफ को समाप्त कर दिया गया था। साथ ही अन्य 120 बिलियन डॉलर के सामान पर टैरिफ को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। लेकिन इस डील ने चीनी उत्पादों के 250 बिलियन डॉलर मूल्य के 25 प्रतिशत इम्पोर्ट टैक्स को बनाए रखा था।
इसके बदले में चीन ने वर्ष 2017 में अमेरिकी माल और सेवाओं की खरीद की तुलना में कम से कम $ 200 बिलियन से अधिक की खरीद करने का वादा किया, जिसमें लगभग 40 बिलियन डॉलर का कृषि वस्तु शामिल थे।
कई लोगों ने अनुमान लगाया है कि कोरोनावायरस महामारी से चीन की खरीद करने की क्षमता को काफी नुकसान पहुंचा है।
हालांकि अमेरिका-चीन आर्थिक एवं सुरक्षा समीक्षा आयोग ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन प्राकृतिक आपदा (कोरोना वायरस महामारी) अथवा किसी अन्य आकस्मिक घटना की स्थिति में व्यापारिक समझौते में एक नया प्रावधान जोड़ सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच नए सिरे से बातचीत की जरूरत पड़ सकती है।
लेकिन इससे पहले ट्रम्प यह कह चुके हैं कि, ‘‘यदि ऐसा हुआ तो हम समझौते को समाप्त कर देंगे और हम यह किसी भी अन्य की तुलना में बेहतर तरीके से करेंगे।’’
ट्रंप से पूछा गया था कि वह इस बात को लेकर भरोसे में हैं कि चीन प्राकृतिक आपदा के उस प्रावधान का इस्तेमाल नहीं करेगा, जिसका जिक्र व्यापार समझौते में किया गया है। ट्रम्प ने कहा, ‘‘चीन को लेकर मैं जितना सख्त हूं, और कोई नहीं है।’’ उन्होंने फिर से दोहराया कि चीन सालों से अमेरिका का फायदा उठाता आ रहा था और जब तक वह राष्ट्रपति नहीं बने, यह होता रहा।
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2017 में चीन के साथ 375.6 अरब डॉलर के अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने की मांग के साथ 2018 में चीन के साथ ट्रेड वार की शुरुआत की थी। दोनों देशों ने अब तक लगभग आधे ट्रिलियन डॉलर के सामान पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। अमेरिका ने 360 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक चीनी सामानों पर टैरिफ लगाया और चीन ने बदले में 110 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का टैरिफ लगा दिया था।
अब ट्रम्प ने यह कह दिया कि अगर चीन अमेरिकी सामानों को खरीदने में विफल रहता है तो ट्रेड डील को ही समाप्त कर दिया जाएगा। इस बयान के बाद फिर से ट्रेड वार शुरू हो सकता है। कोरोना वायरस पर चीन अभी पूरे विश्व में घिरा हुआ है और सभी देश मिलकर चीन के वुहान से covid-19 की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए दबाव बना रहे हैं। ट्रम्प का यह बयान इस संबंध में भी देखा जाना चाहिए।