देश में कोरोना की हालत देखी जाए तो महाराष्ट्र सबसे फिसड्डी साबित हुआ है लेकिन वहाँ की महाविकास आघाड़ी अभी भी राजनीति में ही व्यस्त है। लॉकडाउन के समय ही राजनीतिक गलियारे में हलचल शुरू हो चुकी है। एक तरफ जहां शिवसेना के सीएम उद्धव ठाकरे चारों ओर से घिरे हुए हैं तो दूसरी ओर शरद पवार फिर से अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्यपाल से मिलने पहुंच गए हैं।
वैसे सरकार तीन पार्टियों यानि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन से बनी है परंतु इस सरकार को शरद पवार अपने ही अंदाज में चलते हैं जिससे सारी गलती का ठीकरा शिवसेना और उद्धव के माथे पर पड़ता है। परंतु अब जिस तरह से शरद पवार सियासी गलियारे में हलचल दिखा रहे हैं उससे यह सवाल तो उठता है कि क्या वे उद्धव की सरकार को अस्थिर कर गिरना चाहते हैं?
दरअसल, सोमवार को शरद पवार गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिले, जिसके बाद ठाकरे सरकार के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, शिवसेना और एनसीपी दोनों ही सब कुछ ठीक होने का दावा कर रही हैं लेकिन पवार तो पवार हैं और यह बात शिवसेना को अच्छे से पता है। उनके साथ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी थे। 20 मिनट तक की मुलाकात के बाद बाहर निकलकर प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘राज्यपाल के बुलावे पर हम यहां आए। हमारे बीच कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।‘
मा. शरद पवार व मुख्यमंत्री ऊदधव ठाकरे यांची काल संध्याकाळी मातोश्रीवर भेट झाली. दोन नेत्यात दिड तास चर्चा झाली. कुणी सरकारच्या स्थिरते बाबत बातम्यांचा धुरळा ऊडवीत असतील तर ती निव्वळ पोटदुखी समजावी. सरकार मजबूत आहे. चिंता नसावी.
जय महाराष्ट्र !!@PawarSpeaks @CMOMaharashtra— Sanjay Raut (@rautsanjay61) May 26, 2020
वहीं दूसरी ओर, ठाकरे परिवार के घर मातोश्री पर, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता संजय राऊत के बीच यह बैठक हुई। वहीं, शिवसेना के संजय राउत ने ट्वीट कर सब कुछ ठीक होने की बात कही थी। उन्होंने ट्वीट किया, ”शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई। अगर कोई सरकार की स्थिरता के बारे में खबरें फैला रहा है, तो इसे पेट का दर्द माना जाना चाहिए। सरकार मजबूत है। कोई चिंता नहीं। जय महाराष्ट्र”
#SharadPawar & #UddhavThackeray met at Matoshree & held discussions over one & a half hours. Some people are spreading the news about the stability of the (state) government, but don’t worry govt is stable & strong, @rautsanjay61 Tweeted@SahilJoshiihttps://t.co/e2Lt1po4rc
— IndiaToday (@IndiaToday) May 26, 2020
हालांकि, कोई भी प्रफुल्ल पटेल और संजय राउत के इस बात को सच नहीं मानेगा क्योंकि अगर राजनीतिक चर्चा नहीं करनी थी, तो फिर राज्यपाल ने शरद पवार को मिलने क्यों बुलाया था?
शरद पवार से पहले कल BJP के नारायण राणे ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी। BJP अब राज्य में राज्यपाल शासन लाने की बात कर रही है।
मा. शरद पवार व मुख्यमंत्री ऊदधव ठाकरे यांची काल संध्याकाळी मातोश्रीवर भेट झाली. दोन नेत्यात दिड तास चर्चा झाली. कुणी सरकारच्या स्थिरते बाबत बातम्यांचा धुरळा ऊडवीत असतील तर ती निव्वळ पोटदुखी समजावी. सरकार मजबूत आहे. चिंता नसावी.
जय महाराष्ट्र !!@PawarSpeaks @CMOMaharashtra— Sanjay Raut (@rautsanjay61) May 26, 2020
यानि कुछ तो चल रहा है जिससे महाराष्ट्र की सरकार में भारी बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, जब से कोरोना शुरू हुआ है तब से ही शरद पवार में एक और बदलाव देखने को मिला है और वह है किसी भी राजनीतिक मीटिंग के बारे में तुरंत ट्वीट करना। पिछले कुछ समय से शरद पवार कैसे दिखाने की कोशिश का रहे हैं जैसे कोरोना के मामले पर वे सरकार को कई सुझाव दे चुके हैं। परंतु जिस तरह से कोरोना के मामले महाराष्ट्र में बढ़ा है उसको देख कर तो यही लगेगा कि CM के तरफ से उनके किसी भी सुझाव को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है।
I had a discussion with Hon Chief Minister of Maharashtra Shri @OfficeofUT regarding current #Covid_19 situation in state & the challenges faced by the administration & preventive measures to provide relief to various sections. I have conveyed my suggestions on following topics.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) May 20, 2020
यही नहीं जब प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन को लेकर उद्धव सरकार रेल मंत्री से लड़ रही थी तब, शरद पवार पीयूष गोयल को धन्यवाद का ट्वीट कर रहे थे।
Thank you Union Railway Minister Shri @PiyushGoyal ji and @RailMinIndia for acceding to our requests for providing trains to transport the migrants from different parts of Maharashtra to their home states safely.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) May 19, 2020
यानि देखा जाए तो शरद पवार अपने तरीके से ही महाराष्ट्र की सरकार को चला रहे हैं जिससे वे जनता की नजरों में बने भी रहे और सरकार पर उनका नियंत्रण भी बना रहे। अब जिस तरह से शरद पवार ने राज्यपाल से मुलाक़ात कर सियासी तापमान बढ़ाया है उससे या तो उद्धव खुद ही हार मान लेंगे और सत्ता शरद पवार को सौप देंगे या फिर राष्ट्रपति शासन लग जाएगा।
बता दें कि भारत में अभी कोरोना संक्रमण के मामले एक लाख 38 हजार 845 हैं, जबकि मुंबई में देश के कुल संक्रमण के 23% फीसदी मामले हैं। भारत में कोरोना से 4021 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 26 फीसदी मौतें अकेले मुंबई में हुई हैं। यानि इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उद्धव ठाकरे ने किस तरह से भारत के सबसे खराब मुख्यमंत्री साबित हुए हैं।