आज कल जिसे देखो टिक-टॉक पर वीडियो देखते मिल जाता है, कोई किसी की एक्टिंग देख रहा होता है तो कोई किसी का डांस। कुछ लोगों का मानना है कि यह वीडियो प्लैटफ़ार्म है और बेहद ही लोकतांत्रिक है। परंतु अगर इस प्लैटफ़ॉर्म की गहराई में जा कर देखा जाए तो यह एक स्पष्ट हिन्दू विरोधी प्लैटफ़ार्म है जहां सिर्फ और सिर्फ ऐसे कंटेन्ट परोसे जाते हैं जिससे व्यक्ति को सोचने का भी समय न मिले और उसके दिमाग में कचरा भरा जा सके।
टिकटॉकर्स ऐसे दिखाते हैं कि वे कमाल का कंटेन्ट देते हैं लेकिन सच्चाई उनकी मानसिकता और इस प्लैटफ़ॉर्म पर बढ़ते एक धर्म विशेष के प्रभाव से समझा जा सकता है।
कल TFI ने टिक-टॉक के बारे में ट्विटर पर अपने विचार को रखा था और बताया था कि कैसे इस प्लैटफ़ॉर्म पर विक्षिप्त, घटिया और गंदे कंटेन्ट को बढ़ावा मिल रहा है और देश के युवा उसे देख कर अपनी जड़ों से दूर हो कर अपने ही धर्म को गालियां दे रहे हैं।
Spend 20 mins on Tiktok and you'll discover some trends:
1. Dented and Painted M Boys talking about World peace, feminism, humanity and all and H girls gushing over them in comments
2. Scantily clad ladies gyrating their hips, M men salivating in the comments section
Continued..— The Frustrated Indian (@FrustIndian) May 29, 2020
वैसे तो इस प्लैटफ़ॉर्म पर भारत के 200 मिलियन लोग एक्टिव है लेकिन एक खास धर्म के लोगों में यह कुछ अधिक ही प्रिय है। समुदाय विशेष का युवा से लेकर बुजुर्ग तक सभी टिक-टॉक पर वैश्विक शांति, नारिवाद और मानवता की बात करते दिख जाते हैं। परंतु विडम्बना यह है कि ऐसे लोग राजमर्रा के जीवन में किए जा रहे घाटिया आदतों के बारे में नहीं बोलते। नारी पर कैसे अत्याचार किए जाते हैं यह लोगों को पता है लेकिन टिक-टॉक पर वह नहीं देखने को मिलता।
तो यहाँ सवाल उठता है आखिर ये क्यों किया जाता है जब उसे सामान्य जीवन में कभी लागू ही नहीं करना तो? इसका उत्तर है “प्रभाव।”
खैर अभी टिक-टॉक पर आते हैं। ऐसे नारिवाद वाले कंटेन्ट पर कमेंट में अक्सर हिन्दू लड़कियां दिख जाती है जो उनके नारिवाद और शांति की बात से प्रभावित दिखाई देती है। सिर्फ लड़कियां ही नहीं बल्कि कुछ प्रकार के लड़के भी इसी तरह के कमेन्ट करते दिखाई देते हैं।
ऐसे लड़के-लड़कियों को न तो अपने बारे में कुछ पता होता और न ही दूसरों के बारे में। उन्होंने न तो अपने इतिहास को पढ़ा है और न ही टिकटोकर्स के इतिहास के बारे में पता होता। इसी वजह से उनके सामने जो भी परोस दिया जाता उसे ही वे सच मन लेते हैं और उसी पर मोहित हो जाते हैं। उन्हें नहीं पता होता है कि जो वीडियो में कहा जा रहा है वास्तव में वे सभी उसके उलट काम करते हैं।
टिक-टॉक विक्षिप्त मानसिकता वाले मनुष्यों का एक ऐसा प्लैटफ़ॉर्म हैं जहां पर वो महिलाओं के विभिन्न प्रकार के वीडियो देख कर आनंद उठाते हैं। ऐसे लोगों में न तो स्वाभिमान न ही किसी प्रकार चरित्र। इन्हें बस views से मतलब होता है।
इस प्लैटफ़ॉर्म के डेमोग्राफी के बारे में तो अब सब कुछ स्पष्ट हो चुका है, ऐसे में हिन्दू विरोधी कंटेन्ट न हो, ऐसे कैसे हो सकता है? आप बस स्क्रोल करते जाये और आपको पहले निष्पक्ष कंटेन्ट देखने को मिलेगा फिर धीरे-धीरे जहर इतना बढ़ जाएगा कि किसी भी ऐसे युवा जिसे अपने देश, अपनी संस्कृति का ज्ञान नहीं वो एक कट्टर हिन्दू विरोधी और एथिस्ट बन कर बाहर आएगा।
भारत में कोई भी ऐसा प्लैटफ़ॉर्म नहीं है जिससे राजनीति दूर रहे। स्टैंडअप कमेडियन से लेकर meme तक सभी जगह राजनीति है। टिक-टॉक भी इससे अछूता नहीं है। अगर आपने इस इस प्लैटफ़ॉर्म की डेमोग्राफी याद है तो अभी तक आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि यहाँ राजनीति से जुड़ा कैसा कंटेन्ट मिलेगा। पीएम मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ इन हिन्दू विरोधी तत्वों के सबसे पहले निशाने पर रहते हैं। इन नेताओं के खिलाफ मुस्लिम विरोधी होने का इतना झूठ परोसा जाता है कि एक सामान्य युवा इनसे नफरत करने लगता है। उसका दिमाग घूम जाता है कि आखिर इस देश में किसका शासन आ गया है। हालांकि, सच का उससे कोई वास्ता नहीं होता। बाहरी दुनिया में सब कुछ सामान्य अपनी गति से चल रहा होता है।
3. Funny memes of PM Modi, Amit Shah and Yogi Adityanath
4. Random Angrez guys talking about which Hindu god is the most powerful purely to woo Indian TikTokers, and gori chamdi loving Desis posting "Love from India"— The Frustrated Indian (@FrustIndian) May 29, 2020
वास्तव में देखा जाए तो टिकटॉक क्रिंज कंटेन्ट का एक सर्कस है। अगर कोई गोरी चमड़ी वाला अंग्रेज़ या कोई विदेश बस नमस्ते इंडिया या Love You India कह दे तो यहाँ कि टिकटोकिए पागल हो जाते हैं और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। वैसे कंटेन्ट घंटों में मिलियन व्यूज पा जाते हैं। और जब तक विदेशियों को उनके वीडियो पर क्लिक मिलते रहते हैं तब तक वे इसका फायदा उठाते रहते हैं।
टिक-टॉक पर अधकचरे ज्ञान वाले mythologist भी भरे पड़े हैं जो हिन्दू धर्म के बारे में झूठ पर झूठ प्रचारित करते रहते हैं। यहाँ सवाल है उन्हें सुनता कौन है? इसका उत्तर है युवाओं का वह वर्ग जो अपनी संस्कृति से कट चुका है और आज अपने आप को मीलेनियल की संज्ञा देता है। इन युवाओं का IQ तो शून्य होता लेकिन कोंन्फ़िडेंस 100 प्रतिशत होता है। वे टिक-टॉक पर ही किसी वीडियो में परोसे गए झूठ को सनातन धर्म के बारे में सच समझ लेते हैं। इसके बाद उसे ही अपने दोस्तों को बताते हैं। इसी प्रकार से एक हिन्दू युवा का दिमाग हिन्दू विरोधी दिमाग में परिवर्तित हो जाता है।
इस्लामिस्टों ने इस प्लैटफ़ॉर्म पर अपने कट्टरपंथ का परिचय पर भी दिया है। कोरोना-जिहाद तो टिक-टॉक पर काफी फेमस हुआ था, कई लोगों ने तो इसे अल्लाह का NRC तक बता दिया था। कुछ दिनों पहले ही इस प्लैटफ़ॉर्म पर रेप और एसिड अटैक को बढ़ावा देने वाला वीडियो सामने आया था। यही नहीं आतंकवाद और अन्य धर्मों के खिलाफ भी वीडियो सामने आए थे। लेकिन फिर भी फिर भी, आज की पीढ़ी जो इस तरह के अपराधों के खिलाफ खड़े होने का दावा करती है, वह बेशर्मी से इस प्लैटफ़ॉर्म का उपयोग कर रही है।
आज कल इस प्लैटफ़ॉर्म पर cross dressing का एक नया फैशन देखा जा रहा है। यानि एक व्यक्ति एक्टिंग करते करते अपने वीडियो में पुरुष और महिला दोनों के परिधान बारी-बारी से पहना हुआ दिखाई देता है। यानि एक लड़का एक लड़की की ड्रेस पहन कर लड़की की एक्टिंग करता दिख जाएगा। ऐसे वीडियो के कमेन्ट में लड़कियों के कमेन्ट भी मिल जाएंगे जो ऐसे लोगों को और वीडियो बनाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। अगर किसी देश का युवा इस तरह से कपड़े बदल कर वीडियो बनाने में व्यस्त है तो यह बेहद गंभीर मामला है।
टिक-टॉक एक ऐसा प्लैटफ़ॉर्म है जो ज़ीरो IQ वाले लड़के बिना किसी टैलंट के सिर्फ lip-sync के दम पर लाखों फॉलोवर्स जमा कर टॉप के टिकटॉकर्स बने हुए हैं।
इस ऐप का चीनी संबंध तो सभी को पता ही है।
So here is my theory about TikTok:
It is not a video sharing app. It is a mind control app. Once you get hooked to it, you become a part of it. TikTok can turn any nation into a nation of cross dressing males, attention hungry females and culturally dead citizens.
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) May 29, 2020
यानि अंत में यह कहा जा सकता है कि टिक-टॉक एक वीडियो शेयरिंग एप्प नहीं बल्कि एक mind-controlling app है। अगर आप को एक बार आदत लगी, तो आप भी उसके अंतरजाल में फँसते चले जाएंगे। टिक-टॉक किसी भी देश को एक क्रॉस ड्रेसिंग पुरुष, अटेन्शन के लिए भूखी महिलाओं और सांस्कृतिक रूप से मृत नागरिकों का देश बना देगा।