फरवरी में जब यह खबर दुनिया के सामने आई थी कि चीन में कोरोना के बारे में सबसे पहले जानकारी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत हो चुकी है, तो इससे चीनी लोगों के मन में कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ गुस्सा भर गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने उस डॉक्टर को पहले अफवाह फैलाने के जुर्म में गिरफ्तार किया था और फिर उन्हें प्रताड़ित भी किया था। हालांकि, चीन के अधिकारियों ने उस डॉक्टर की बात मानने की बजाय उल्टा उसी डॉक्टर पर अफवाह फैलाने का आरोप लगा दिया, और बाद में उस डॉक्टर को कोरोना के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना के बाद चीनी लोगों के मन में उमड़े कम्युनिस्ट-विरोधी मानसिकता का फायदा उठाने के लिए अब अमेरिका ने कमर कस ली है। इसी का नमूना हमें बीते सोमवार को देखने को मिला जब white house के एक अधिकारी ने पहली बार चीनी भाषा में अपना बयान दिया और सीधा चीन के लोगों से संपर्क साधने की कोशिश की।
दरअसल, सोमवार को University of Virginia conference में बोलते हुए white house के अधिकारी मैथ्यू पोटींगर ने चीनी भाषा में बयान देते हुए कम्युनिस्ट पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा “चीन में आज के लोग सभ्य हैं जो बहादुरी के छोटे तो कभी बड़े कारनामे करके दिखाते हैं। डॉक्टर ली ऐसी ही एक व्यक्ति थे। वे एक ऐसे महान पिता थे, जिसने पहले छोटा और फिर बड़ा बहादुरी भरा कारनामा करके दिखाया”। डॉक्टर ली को लेकर चीन के लोग बेहद ज़्यादा संवेदनशील है और ऐसे में अमेरिका इस मुद्दे को भुनाकर चीन में लोगों को कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ भड़काना चाहता है।
WION की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के लोग अब कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं, क्योंकि वे लगातार यही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर जो हुआ, उसका जिम्मेदार कौन था। इतना ही नहीं, चीन के कुछ लोग को कम्युनिस्ट पार्टी पर मुकदमा भी करना चाहते हैं। वो सरकार से जवाबदेही चाहते हैं और मुआवजा चाहते हैं। कुल मिलाकर जिस प्रकार पूरे विश्व में चीन विरोधी वेव देखने को मिल रही है, वैसे ही वुहान में भी लोग चीनी सरकार के खिलाफ उतर आए हैं। हालांकि, कम्युनिस्ट सरकार कोई जवाब देने की बजाय विरोध करने वाले लोगों को निशाना बना रही है, और वह लोगों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है।
#Gravitas | A fresh wave of crackdown has begun in China.
Residents of Wuhan are angry with the Chinese government.
Reports claim that some of them wanted to sue their government.
But, the grieving families were threatened by the police. @palkisu tells you more. pic.twitter.com/RlHdFxJHpP— WION (@WIONews) May 5, 2020
अमेरिका यह भलि-भांति जान चुका है और ऐसे में इन चीनी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ उनमें और गुस्सा भरने के लिए white house के अधिकारी अब चीनी भाषा में बात करने लगे हैं। अमेरिका के इस कदम का चीन के लोगों पर गहरा असर पड़ सकता है और चीन में कम्युनिस्ट विरोधी आवाज़ें और तीव्र हो सकती हैं जिसके कारण चीन में कम्युनिस्ट राज खतरे में आ सकता है, और चीन में हमें तख़्तापलट देखने को मिल सकता है।
आज से पहले अमेरिका अपने साथियों के साथ सिर्फ बाहर से ही चीनी सरकार के खिलाफ अभियान चला रहा था, लेकिन अब अमेरिका ने चीन के अंदर से कम्युनिस्ट सरकार का विरोध शुरू करवाने का यह बढ़िया तरीका खोज निकाला है, जिसका नतीजे हमें जल्द ही देखने को मिल सकते हैं।