राजनीति संभव को असंभव और असंभव को संभव बना देती है। सत्ता का का ऐसा चक्कर है कि कभी कभी वो सब करना पड़ता है जिसकी व्यक्ति को आदत नहीं होती। आज कल ऐसा ही देखने को मिल रहा है। जो कांग्रेस दो दशक पहले ही अपने एक नेता को भूल चुकी थी और उन्हें इतिहास के सभी पन्नों से हटाने की हर मुमकिन कोशिश की आज उसकी तारीफ करने पर उतर गयी है। यहाँ पीवी नरसिम्हा राव की हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार गांधी परिवार और मनमोहन सिंह समेत तारीफ़ों में जुटे हैं और कांग्रेस पार्टी उनके जन्मशताब्दी पर लिए तेलंगाना में समारोह आयोजित करने जा रही है।
इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने उनके कामों की तारीफ की है। यह शायद पहला मौका था जब गांधी परिवार के किसी सदस्य ने पहली बार खुलकर पीवी नरसिम्हाराव की तारीफ की हो। शुक्रवार को सोनिया ने तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से शुरू किए गए उनके जन्म शताब्दी समारोह के दौरान भेजे मैसेज में कहा कि, “उनके साहसिक नेतृत्व के चलते देश कई चुनौतियों से पार पाने में सफल रहा और राव की उपलब्धियों और योगदान पर पार्टी को गर्व है।“ उन्होंने आगे कहा, “नरसिंह राव के कार्यकाल में देश ने कई राजनीतिक, सामाजिक और विदेश नीति की उपलब्धियां हासिल कीं। वह एक समर्पित कांग्रेसी थे जिन्होंने विभिन्न भूमिकाओं में पार्टी की पूरे समर्पण के साथ सेवा की। मैं तेलंगाना कांग्रेस कमेटी की ओर से किए गए आयोजन के लिए उसे बधाई देती हूं। कांग्रेस को उनकी विभिन्न उपलब्धियों और योगदान पर गर्व है।’’
वहीं राहुल ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, ‘पीवी नरसिम्हा राव का जन्म शताब्दी वर्ष हम सभी के लिए मौका है कि हम एक बहुत विद्वान व्यक्तित्व को याद करें और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें।’
मनमोहन सिंह ने कहा कि असल में नरसिम्हा को अच्छी तरह पता था कि उस समय बीमार भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे ठीक किया जा सकता है।
गांधी परिवार के सदस्य से अपने सदस्य के अलावा किसी ओर नेता के लिए तारीफ सुनना अपने आप में असंभव ही है, परंतु ऐसा हुआ और कारण भी स्पष्ट है। पिछले दिनों तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने नरसिम्हा राव की याद में मेमोरियल बनाने की बात कही थी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की ओर से भी राव के योगदान को याद किया गया था। ये दोनों पार्टियां पीवी नरसिम्हा राव को वह सम्मान देने की कोशिश कर रहे हैं जो कांग्रेस ने कभी नहीं दिया। तेलंगाना में उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए अब कांग्रेस भी बहती गंगा में हाथ धोना चाहती है। यही कारण है आज सोनिया गांधी को पीवी नरसिम्हा राव की तारीफ करनी पड़ रही है
ये वही सोनिया गांधी हैं जिनकी अध्यक्षता में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस के मुख्यालय में रखने नहीं दिया गया था। उनकी मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शव को ले जा रही तोप गाड़ी लगभग आधे घंटे कांग्रेस मुख्यालय के बाहर खड़ी रही थी लेकिन फिर भी उनके लिए कांग्रेस मुख्यालय का ताला नहीं खुला।
राजनीति और सत्ता की लालच में व्यक्ति वह सब करने पर मजबूर हो जाता है। कांग्रेस को पता है कि उसके पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो और देश में अपने कड़े फैसले के लिए जाना जाता हो। अब कांग्रेस को यह महसूस हो रहा है कि उसके पास पीवी नरसिम्हा राव जैसे नेता तो थे, लेकिन उन्हें कभी सम्मान नहीं दिया गया लेकिन अन्य पार्टियां उनकी विरासत को आगे बढ़ा रही हैं जिससे उन्हें जनता के बीच लोकप्रियता मिल रही है।
कांग्रेस फिर से एक राजनीतिक अवसरवादिता का नमूना पेश करते हुए पीवी नरसिम्हा राव के तारीफ़ों का पुल बांध रही है जिससे वह तेलंगाना की जनता में अपनी पैठ बना सके और यह बता सके कि वह कांग्रेस के नेता थे। कांग्रेस को जागने और उनके प्रयासों तथा योगदान को स्वीकार करने के लिए 16 साल लग गए।
कांग्रेस के इस अवसरवादिता के लिए पीवी नरसिम्हाराव के पोते एनवी सुभाष ने जम कर लताड़ लगाई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, कांग्रेस को उनके योगदान की तारीफ करने में 16 साल क्यों लग गए।
Why did Cong take 16yrs to appreciate his contributions? Sonia Gandhi&R.Gandhi never attended events held to mark his birth/death anniversary:NV Subhash,grandson of ex-PM PV Narasimha Rao&Telengana BJP leader on T'gana Cong organising events on birth centenary of PV Narasimha Rao pic.twitter.com/kilBc6uU5u
— ANI (@ANI) July 25, 2020
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस हाई कमांड ने उनकी मृत्यु के 16 साल बाद इस मौके सेलिब्रेट करने का फैसला किया। यूपीए सरकार के दौरान पीवी नरसिम्हा राव के जन्मदिवस और पुण्यतिथि पर कांग्रेस पार्टी से कोई नहीं आता था। आपको 16 साल क्यों लग गए? कांग्रेस को यह बताना चाहिए। नरसिम्हा राव एक राष्ट्रीय नेता थे।“ उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि तेलंगाना की कांग्रेस को स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि इस पीवी नरसिम्हा राव के लिए किए जा रहे कार्यक्रम सिर्फ तेलंगाना तक सीमित रखा जाए।
बता दें कि पीवी नरसिम्हा राव पहले गैर-गांधी प्रधान मंत्री थे जिन्होंने इस पद पर पांच साल पूरे किए थे। इसके अलावा, वह गांधी परिवार के हाथों की कठपुतली नहीं थे जिसने गांधी परिवार से आदेश लेने से इनकार कर दिया था। यह तथ्य कई कि उनके कार्यकाल में ही 1992 में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था, जिससे उनके और गांधी परिवार के बीच दुश्मनी और बढ़ गयी थी। अब जिस तरह से सोनिया गंदी और कांग्रेस पार्टी उनकी तारीफ कर रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि शायद उन्हें खुद इस बात का एहसास है कि वे परिवार की पार्टी बन चुके हैं और वे इसे सुधार कर डैमेज कंट्रोल करना चाहते हैं। अब कांग्रेस इसमें कितना सफल हो पाती है यह देखने वाली बात होगी।