चीन को अब हर तरफ से घेरने की तैयारी कर ली है। Quad ग्रुप, यानि ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने भारत के जरिये चीन को समुद्र के रास्ते घेरने की तैयारी कर ली है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली ने इस बार ऑस्ट्रेलिया को वार्षिक नौसेना अभ्यास मालाबार में न्योता देने का निर्णय लिया है। यह अभ्यास बंगाल की खाड़ी में इस वर्ष के अंत में होगा, और इसी परिप्रेक्ष्य में अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया को आधिकारिक तौर पर निमंत्रण भेजा जाएगा। तद्पश्चात अमेरिका और जापान को भी न्योता भेजा जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया इस युद्ध अभ्यास का बहुत पहले से हिस्सा बनना चाहता था, पर भारत किन्हीं कारणों से ये स्वीकृति नहीं दे पाता था। लेकिन अब चीन के विरुद्ध आक्रामक नीति के अंतर्गत भारत ने यह हिचकिचाहट बहुत पीछे छोड़ दी है।
इसका कारण ये है कि चीन अब पहले से बहुत ज़्यादा गुंडई दिखाने लगा है। Quad ग्रुप के हर सदस्य के साथ चीन की किसी न किसी प्रकार की दुश्मनी है। एलएसी पर भारत चीन के बीच अभी बहुत तनाव हुआ था, तो वहीं जापान को चीन द्वारा जापान के सेंकाकु द्वीप पर दावे की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसी कारण टोक्यो को एक बार फिर दशकों बाद आक्रामक रुख अपनाना पड़ा है।
यूं तो ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका को चीन से कोई सैन्य खतरा नहीं है, परंतु चीन की हेकड़ी से ये भी तंग कर चीन को एक कड़ा सबक सिखाना चाहते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प को आभास हो चुका है कि चीन वाशिंगटन के नेतृत्व में लोकतान्त्रिक दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है, और इसीलिए वे पिछले कुछ वर्षों से चीन के विरुद्ध कुछ ज़्यादा ही आक्रामक हैं।
वुहान वायरस में चीन ने ऑस्ट्रेलिया से जिस तरह विश्वासघात किया है, उसके बाद ऑस्ट्रेलिया भी चीन पर से अपनी निर्भरता को खत्म करने के लिए प्रयासरत है। चूंकि ऑस्ट्रेलिया ने वुहान वायरस की उत्पत्ति के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की, इसलिए चीन ऑस्ट्रेलिया के साथ भेदभाव कर रहा है।
लेकिन इस युद्ध अभ्यास का लक्ष्य क्या है? दरअसल Quad ग्रुप के ये चारों देश चाहते हैं कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र के समुद्र चीन के प्रभाव से मुक्त रहें। चीन की वर्तमान समुद्र नीति दक्षिण चीन सागर के सहारे पूरे इंडो पैसिफिक क्षेत्र को अपने कब्जे में करना चाहते हैं। इसलिए भारत, अमेरिका, जापान और औस्ट्रेलिया चीन की मंशाओं को विकराल रूप धारण करने से पहले ही नियंत्रण में लाना चाहते हैं।
वाशिंगटन में बसे एक रिसर्चर डेरेक ग्रोसमैन के अनुसार, “ इस युद्ध अभ्यास से चीन को अहम संदेश पहुंचेगा, कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत मिलकर चीन के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई करने में सक्षम हैं।”
इसी दिशा में भारत ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलिटरी उपकरण के आदान प्रदान पर कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, और जल्द ही जापान के साथ भी इसी प्रकार का समझौता स्वीकृत कराना है। जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इस प्रकार की संधि भारत से करना चाहते हैं।
इसके अलावा मालाबार अभ्यास का केंद्र भी सोच समझ के चुना गया है। यदि चीन कोई उल्टी हरकत भी करता है तो इस बार उसे बचके निकलने का कोई अवसर नहीं मिलेगा, क्योंकि भारत ने स्ट्रेट ऑफ मलक्का में पैठ जमाकर चीन के लिए कई विकल्प बंद कर दिये हैं। ऐसे में Quad ग्रुप का यह युद्ध अभ्यास चीन के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं होगा।