न्यू यॉर्क टाइम्स एक बार फिर से सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। अभी हाल ही में न्यू यॉर्क टाइम्स से संपादक के तौर पर Bari Weiss ने अपना त्यागपत्र सौंपा है, लेकिन अपने त्यागपत्र में उन्होने न्यू यॉर्क टाइम्स के एडिटिंग मानकों और कंपनी की कार्यशैली की धज्जियां उड़ा के रख दी है, जो आगे चलकर न्यू यॉर्क टाइम्स के लिए काफी हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
Bari Weiss के अनुसार न्यू यॉर्क टाइम्स अपनी विश्वसनीयता और अपनी छवि दिन ब दिन खोता जा रहा है। Bari Weiss केँ त्यागपत्र के अनुसार, “न्यू यॉर्क टाइम्स ने पत्रकारिता की मानो बलि चढ़ा दी है, ताकि उन लोगों को खुश किया जा सके, जो बेहद संकीर्ण सोच रखते हैं, ये जिज्ञासु जनता को दुनिया के बारे में पढ़ने की अनुमति नहीं देता और न ही उन्हें किसी नतीजे तक पहुँचने देता है”।
यदि Bari Weiss की माने, तो वे अपने पूर्व संगठन की वामपंथी विचारधारा के काफी विपरीत लिखती थीं। अपने त्यागपत्र में उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें अपने विचारों पर कायम रहने हेतु कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। जो उनके विचारों से सहमत नहीं थे वो उन्हें परेशान करते थे। उन्होंने बताया कि खबरों में सच ढूँढने के लिए कोई विशेष इंवेस्टिगेशन नहीं होती है, अपितु एडिटोरियल के पूर्वाग्रह के आधार पर ही भ्रामक खबरों को ‘सच’ के तौर पर छापा जाता है। अपने त्यागपत्र के अनुसार, “प्रेस में एक नयी प्रकार की धारणा बन चुकी है, विशेषकर इस अखबार में, जहां सच को मिलकर ढूँढने की कोई ज़हमत नहीं उठाई जानी चाहिए, क्योंकि ये काम कुछ चुनिन्दा लोगों का ही होना चाहिए”।
मीडिया को सोशल मीडिया पर चलने वाली गुंडई के सामने नतमस्तक होने के लिए भी Bari Weiss ने अपने त्यागपत्र में लताड़ लगाई। उन्होंने ट्विटर पर वामपंथियों की चाकरी करने का आरोप लगाते हुए न्यू यॉर्क टाइम्स को भी जमकर लताड़ा। Bari Weiss के त्यागपत्र के अनुसार, “न्यू यॉर्क टाइम्स के शीर्षक [masthead] पर ट्विटर नहीं छपा हुआ है। परंतु अब ट्विटर ही इसका संपादक बन चुका है। जिस तरह की मानसिकता उस वैबसाइट की है, वही मानसिकता अब इस अखबार की भी बन चुकी है”।
लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं हुई थी। बारी ने ये भी आरोप लगाया कि न्यू यॉर्क टाइम्स डोनाल्ड ट्रम्प के अंध विरोध में किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं चुनना चाहती है, जो थोड़ा बहुत भी उनके विचारधारा को सकारात्मक दृष्टि से देखता हो। Bari Weiss ने ये भी कहा कि न्यू यॉर्क टाइम्स अमेरिका की नब्ज़ पकड़ना भूल चुका है, क्योंकि उसने लाख प्रयासों के बावजूद डोनाल्ड ट्रम्प की बढ़ती लोकप्रियता को नज़रअंदाज़ कर हिलेरी क्लिंटन का समर्थन किया। ये अलग बात है कि सभी वामपंथियों की आशाओं के विपरीत डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में विजय प्राप्त की थी।
पर बात यहीं पर नहीं रुकती। Bari Weiss ने ये भी आरोप लगाया कि उनके विचारों के लिए उन्हें न्यू यॉर्क टाइम्स में काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा था। त्यागपत्र के अनुसार, “उन्होंने मुझे नाजी और नस्लभेदी भी कहा है। उनके विरुद्ध किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया जा सकता था, इसलिए वे खुलकर मेरे विरुद्ध कुछ भी बोल सकते थे, और वे हर बार साफ बचकर निकल सकते थे”।
साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा जाये, तो Bari Weiss के अनुसार पत्रकारिता का सबसे मूलभूत सिद्धान्त, यानि ‘अपनी बात को खुलकर बोलना’, मानो न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे समाचार पत्र के लिए किसी पाप से कम नहीं था। उनके विचारों को इसलिए नकार दिया जाता था, क्योंकि वे वामपंथी विचारधारा से सहमत नहीं थी। यदि Bari Weiss की बातों में तनिक भी सच्चाई है, तो इसका अर्थ ये है कि न्यू यॉर्क टाइम्स और चीन के ग्लोबल टाइम्स में कोई विशेष अंतर नहीं है, अंतर यदि है, तो केवल इस बात का कि न्यू यॉर्क टाइम्स अमेरिका में रहकर वामपंथ और तानाशाही को अपने संगठन में बढ़ावा देता है, और चीन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र के तौर पर यही काम करता है।