हाथरस की घटना ने जहां देश को मीडिया के स्याह पहलू से अवगत कराया है, तो वहीं दलगत राजनीति की निकृष्टता को भी इस मामले ने जगजाहिर किया है। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में एक दलित कन्या के साथ हुए दुष्कर्म पर राज्य सरकार के मंत्री ने कुछ ऐसा बोला है, जो न केवल शर्मनाक है, बल्कि हाथरस की पीड़िता के लिए घड़ियाली आँसू बहा रहे कांग्रेस पार्टी की घिनौनी सोच को भी उजागर करता है।
14 year old minor in Balrampur, Chhattisgarh wad drugged, raped, strangled and left to die, @INCMP @INCIndia labour minister Shiv Kumar Dahariya allegedly called it a ‘small incident as compared to #Hathras @drramansingh @BJP4CGState demands resignation @GargiRawat pic.twitter.com/o9W17eLP9Y
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 4, 2020
बलरामपुर के दुष्कर्म घटना को लेकर छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री शिव कुमार दहरिया ने कहा, “हमारे यहां जो घटना हुई, वो इस तरह की घटना नहीं है। इतनी बड़ी घटना हुई है हाथरस में, रमन सिंह जी ट्वीट क्यों नहीं कर रहे हैं? रमन सिंह जी की जुबान क्यों बंद है? उनको ये जवाब देना चाहिए कि हाथरस में जो घटना हुई, क्या वो अच्छा हुआ है? उसके लिए वो ट्वीट नहीं कर रहे हैं? एक छोटी घटना कोई हो गई बलरामपुर में यहां, छत्तीसगढ़ में। वो सिर्फ छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना के सिवा कोई दूसरा काम नहीं कर रहे हैं?”
सच कहें तो इस व्यक्ति की सोच के सामने संजय राउत भी गऊ आदमी लगेंगे। किसी गलत काम की आलोचना निस्संदेह आवश्यक है, पर आलोचना के नाम पर ऐसी निकृष्टता कतई स्वीकार नहीं की जा सकती। एक दुष्कर्म दूसरे से छोटा कैसे हो सकता है? इसी सोच पर हमलावर होते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राहुल गांधी को अपने ट्वीट में टैग करते हुए कहा, “देखिये कांग्रेस की इस निकृष्ट मानसिकता को। राज्य की बेटियों के साथ दुष्कर्म इन्हें छोटी घटना लगती है। क्या छत्तीसगढ़ की बेटियों पर हो रहे ये अत्याचार आपके लिए भी छोटी बात है राहुल गांधी जी? यदि नहीं, तो आप इस नीच प्रवृत्ति के व्यक्ति [श्रम मंत्री शिवकुमार दहरिया] को कब हटा रहे हैं?”
हाथरस में भी कांग्रेस का पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने से कोई वास्ता नहीं है, बल्कि उनका मुख्य उद्देश्य घटनास्थल पर पहुँचकर अराजकता और भ्रामक तथ्यों को बढ़ावा देना है। ऐसे में शिवकुमार दहरिया ने अपने ओछे बयान से यही सिद्ध किया है कि अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए कांग्रेस किस हद तक नीचे गिर सकती है, चाहे उसके लिए दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध का वर्गीकरण ही क्यों न करना पड़े।