चीन को अगर किसी देश ने भीगा कर जूते मारे हैं तो वह फिलीपींस है। अब ताजा घटना में चीन की कंपनी को वहां की एक एयरपोर्ट को विकसित करने का टेंडर लगभग एक वर्ष बाद कैंसल कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार चीन समर्थित कंसोर्टियम ने फिलीपींस में 10 अरब डॉलर के हवाईअड्डे की परियोजना के विकास का अधिकार खो दिया है। चीनी सरकार के स्वामित्व वाली China Communications Construction Company(CCCC) के फिलीपीनी भागीदार मैक्रोएशिया ने फिलीपीन स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि कैविटे प्रांतीय सरकार ने पिछले साल इस कंसोर्टियम को दिए गए टेंडर के नोटिस को रद्द कर दिया।
फिलीपींस के राष्ट्रपति डुटर्टे द्वारा चीन को वर्ष 2016 में आर्थिक भागीदार के रूप में अपनाने के बाद से यह हवाई अड्डा की परियोजना चीनी कंपनियों के लिए सबसे हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं में से एक है।
बता दें कि पिछले वर्ष चीन के खिलाफ एक्शन में CCCC को वाशिंगटन ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था। उसके बावजूद पिछले साल डुटर्टे ने इस प्रोजेक्ट का समर्थन किया था।
इस प्रोजेक्ट का मकसद Sangley airport को अपग्रेड करना था जो कि फिलीपींस के लिए सबसे महंगा इंफ्रास्ट्रक्चर होता। फ़िलीपीन्स की राजधानी के दक्षिण में स्थित सांगली पॉइंट इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना का उद्देश्य मनीला के Ninoy Aquino International Airport पर भीड़भाड़ को कम करना था। परियोजना में मनीला खाड़ी के एक विशाल हिस्से का पुनर्ग्रहण शामिल था और एक बार पूरा होने पर 100 मिलियन से अधिक यात्रियों को समायोजित करने में सक्षम होता। परंतु अब इसे कैविटे प्रांतीय सरकार ने रद्द कर दिया है।
कैविटे के गवर्नर Jonvic Remulla ने कहा कि यह कंसोर्टियम प्रांतीय सरकार के साथ संयुक्त उद्यम अनुबंध की आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा। Remulla ने निक्केई एशिया को बताया, “हमने उन्हें दो एक्सटेंशन दिए, लेकिन वे तीन आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहे थे।”
गवर्नर ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने अगले महीने परियोजना के लिए एक बार फिर से बोली लगाने की योजना बनाई है, तथा इस बार फिर से मैक्रोएशिया और CCCC भाग ले सकते हैं।
बता दें कि इस कंसोर्टियम में CCCC को फिलीपीन रोड परियोजना में कथित धोखाधड़ी प्रथाओं के लिए विश्व बैंक ने भी ब्लैकलिस्ट कर दिया था। मलेशिया में भी इस कंपनी के 2 प्रोजेक्ट्स को बैन कर दिया गया था। वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया में इस कंपनी पर बच्चों का अस्पताल बनाते हुए सुरक्षा पहलू पर सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगा था।
इस टेंडर के रद्द होने से CCCC के साथ साथ मैक्रोएशिया को भी बड़ा झटका लगा है। मैक्रो एशिया को जनवरी से सितंबर तक 857 मिलियन पेसो ($ 17.8 मिलियन) के घाटे का सामना करना पड़ा।
वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका ने कई चीनी कंपनियों को दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों में submerged reefs पर सैन्य प्रतिष्ठानों के निर्माण में उनकी भूमिका के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इस लिस्ट में CCCC का भी नाम था। यह कंपनी BRI projects के सबसे बड़े Contractors में से एक है। CCCC चीन की कोई आम कंपनी नहीं है, बल्कि वह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक मानी जाती है। वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनी चीन से बाहर 100 से अधिक देशों में काम करती है और इस कंपनी के सभी प्रोजेक्ट्स का कुल बजट 100 बिलियन डॉलर से भी अधिक है। यह कंपनी चीन के BRI प्रोजेक्ट को दुनियाभर में आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। चीन से बाहर 100 से अधिक देशों में काम करती है और इस कंपनी के सभी प्रोजेक्ट्स का कुल बजट 100 बिलियन डॉलर से भी अधिक है। इस कंपनी पर अलग-अलग देशों में भ्रष्टाचार, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप लगाये जा चुके हैं।
जब इस कंपनी ने बोली में जीत हासिल की थी, तब फिलीपींस के विदेश मंत्री ने उन फर्मों से जुड़ी परियोजनाओं को समाप्त करने की सिफारिश की थी। हालाँकि, डुटर्टे के कार्यालय ने इस सिफारिश को खारिज कर दिया था। चीन के नेतृत्व की तरफ झुकने और अमेरिका जैसे पुराने सहयोगी के साथ संबंधों को कम करने के लिए उनकी काफी आलोचना की गई है।
अब इस कंपनी के टेंडर रद्द हो जाने के बाद चीन विरोधी लोगो ने राहत की सांस ली होगी। अब देखना ये है कि चीन इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।