कांग्रेस की राजनीतिक हालत दिनों-दिन कुछ इस तरह बिगड़ रही है कि उसकी जगह लगातार क्षेत्रीय पार्टियों अपना वर्चस्व बढ़ा रही है। इन परिस्थितियों का फायदा उठाकर आए दिन गठबंधन के दल भी कांग्रेस को दुत्कारते रहते हैं, जिसमें शिवसेना सबसे आगे है। शिवसेना नेता लगातार कांग्रेस पार्टी की नीतियों पर गठबंधन के बावजूद आलोचना करते रहते हैं, जिसका नुकसान दोनों को ही उठाना पड़ सकता है। हाल ही में गुजरात के निकाय चुनाव में आप से भी पिछड़ी कांग्रेस को एक बार फिर शिवसेना ने ही लताड़ लगा दी है।
शिवसेना नेता संजय राउत के बारे में सभी को पता है कि वो बड़बोलापन के बड़े शिकार हैं और आए दिन कोई-न-कोई अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं, जिसका नुकसान उनकी पार्टी को भी होता है। ऐसे में संजय अपने ही गठबंधन की कांग्रेस को उसकी नीतियों में बदलाव करने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिराने और गुजरात निकाय चुनाव में सूरत से आम आदमी पार्टी के मुख्य विपक्षी दल बनने पर कांग्रेस को घेरा है, और कहा है कि पार्टी को अब खुद के प्राथमिक सुधारों पर विशेष ध्यान देना होगा।
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संजय राउत ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “सूरत एक महत्वपूर्ण नगर निगम है और लोगों ने मुख्य विपक्षी दल के रूप में आम आदमी पार्टी को चुना है। कांग्रेस को इस बारे में विचार करना होगा, हम सबको इस पर विचार करने की जरूरत है।” संजय राउत ‘आप’ की तारीफ करने के साथ ही बड़ी पार्टी होने बावजूद कांग्रेस की हार के कारण उसे लताड़ रहे हैं। उन्होंने सवाल पूछा, “लेकिन गुजरात में और अन्य राज्यों में कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी को लोगों ने क्यों खारिज किया…कांग्रेस की हार लोकतंत्र के हित में नहीं है।”
संजय राउत ने ‘आप’ के सहारे कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए अपने लिए कई मुसीबतें मोल ली हैं। ऐसे में जरूरी थी कि वो बीजेपी के बारे में भी बोलते। इसलिए मंकी बैलेंसिंग के चक्कर में पुडुचेरी के मुद्दे पर बीजेपी को भी घेरने लगे। उन्होंने कहा, “पुडुचेरी में कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भाजपा ने कई हथकंडे आजमाए और ‘दिल्ली में बैठे लोगों’ द्वारा धन–बल का दुरुपयोग देश के हित में नहीं है।” संजय राउत की आदत बन गई है कि वो प्रत्येक मुद्दे गठबंधन की सबसे पुराने साथी रही बीजेपी को जरूर घेरते हैं क्योंकि उन्हें सबसे ज्यादा डर बीजेपी से ही है।
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देश के किसी भी राज्य में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो, तो सबसे पहले कांग्रेस को सबक सिखाने वाले संजय राउत और उनकी शिवसेना ही होती है। राहुल गांधी की क्षमताओं पर सवाल उठाने से लेकर यूपीए के लिए नया अध्यक्ष चुनने तक शिसवेना प्रत्येक मुद्दे पर खुद को बड़ा आलोचक दिखाती है, लेकिन अब शिवसेना जितना ज्यादा बोल रही है कांग्रेस को उतना ही नुकसान होता है। इसलिए इस बार कांग्रेस पर सीधा वार न करते हुए संजय राउत ने आप की तारीफ के जरिए कांग्रेस को सांकेतिक रूप से लताड़ा है।