TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पंजाबी हिन्दू अल्पसंख्यकों की घोर दुर्दशा: एक ऐसा समुदाय जिनके दर्द को कोई नहीं सुनना चाहता

पंजाब में ही पंजाबी हिन्दू खतरे में हैं....

Shikhar Srivastava द्वारा Shikhar Srivastava
11 February 2021
in समीक्षा
पंजाबी हिन्दू अल्पसंख्यकों की घोर दुर्दशा: एक ऐसा समुदाय जिनके दर्द को कोई नहीं सुनना चाहता
Share on FacebookShare on X

उदारवादी लोकतंत्रों की सबसे बड़ी समस्या यही है कि वे कुछ मुद्दों की ओर आंख मूंदे रखते हैं, ये सोचकर कि ऐसा करने से वो जहर धीरे धीरे खत्म हो जाएगा। लेकिन अलगाववाद ऐसा जहर है जो हमेशा अंदर बैठा रहता है, बस इतंजार करता है सही समय पर बाहर आने का। खालिस्तानी अलगाववादी आंदोलन पंजाब के इतिहास के गर्भ में दबा दिया गया ऐसा ही एक मुद्दा है, जिसपर भयवश कभी खुली चर्चा नहीं हुई।

खालिस्तान अर्थात सिक्खों की खालसा या शुद्ध भूमि पर उनका देश। भ्रामक ऐतिहासिक व्याख्याओं पर टिका सिक्ख अलगाववाद भारत के सबसे दुर्दांत आंदोलनों में था। इसने एक दशक तक पंजाब को जलाया। यही कारण है कि खालिस्तान आंदोलन को दबा देने के बाद किसी राजनीतिक दल, विचारक या समाजशास्त्री ने इसपर अधिक चर्चा नहीं की।

संबंधितपोस्ट

मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

सादगी की सरकार, शीशे के महल में बंद: दिल्ली से चंडीगढ़ तक केजरीवाल की चमचमाती सादगी की कहानी

पंजाब की बाढ़ : किसकी गलती, किसकी सजा?

और लोड करें

खालिस्तानी शुद्धता पर जोर देते हैं। अपने को अन्य धर्मों से श्रेष्ठ मानते हैं। खालिस्तानी मानते हैं कि हिन्दू दूसरे दर्जे के नागरिक हैं। साथ ही वे ऐसे सिक्खों के भी विरोधी हैं जो अन्य मतावलंबियों के साथ समानता का व्यवहार करते हैं। खालिस्तानियों ने केवल हिंदुओं की हत्याएं नहीं कि, उन्होंने निरंकारी सिक्खों या राधास्वामी सिक्खों की भी हत्याएं कीं हैं।

खालिस्तानियों की ऐतिहासिक व्याख्याओं में कोई दम नहीं है। यह सत्य है कि गुरु नानक देव ने हिन्दू मान्यताओं की आलोचना की थी, किंतु इसका मतलब यह नहीं कि वे अलग धर्म को चला रहे थे। यदि ऐसा होता तो उन्होंने अपनी लेखनी में कहीं न कहीं यह बात लिखी होती।

पश्चिमी देशों में फैले अब्राहमिक रिलीजन यह मानते हैं कि पंथिक मान्यताओं की आलोचना नहीं हो सकती, आलोचना का तात्पर्य अलग रिलीजन की स्थापना। यही कारण है कि जब पश्चिमी विचारक नानक जैसे लोगों को पढ़ते हैं तो यह धारणा बना लेते हैं कि यह अन्य रिलिजन के संस्थापक हैं।

किंतु भारत में मान्यताओं को चुनौती देना और नई मान्यताओं का सृजन करना, हमेशा से होता रहा है। कृष्ण, बुद्ध, महावीर, शंकराचार्य आदि ने यही किया। नानक के समकालीन ही कबीर, रैदास आदि ने हिन्दू मान्यताओं को चुनौती दी। तो क्या उनके मतों को अलग रिलीजन मान लिया जाए?

ऐतिहासिक सत्य यह है कि गुरु तेग बहादुर के साथ बलिदान देने वाले उनके प्रिय शिष्य भाई सतीदास और भाई मतिदास हिन्दू थे, जिन्हें औरंगजेब ने आरी से कटवाकर और गर्म पानी में उबालकर मरवाया था। यदि सिक्ख अलग धर्म है तो उसके दसवें गुरु गोविंद सिंह जी शिवा, ‘माँ दुर्गा’, के भक्त क्यों थे। उनका विवाह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ था, यह भी ऐतिहासिक सत्य है।

शुद्ध भूमि या खालसा की मांग रखने वाले खालिस्तानी यह भूल जाते हैं कि गुरु गोविंद सिंह जी, पटना में पैदा हुए। उनके पंज प्यारे, भाई दयाराम जी, ब्राह्मण थे, भाई धरम सिंह जी, जाट थे। कोई शिष्य उड़ीसा से था, कोई गुजरात से। क्या सिक्खी के इतिहास से इसे भी मिटाया जा सकता है। इन सब तथ्यों को खालिस्तानियों ने नकार दिया है।

पंजाब में खालिस्तानियों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार का इतिहास बहुत पुराना है। 1981 में हिन्द समाचार के सम्पादक लाला जगत नारायण की हत्या को भिंडरावाले समर्थकों की पहली हत्या माना जाता है। उसके बाद भिंडरावाले की गिरफ्तारी हुई और हिंसा का जो दौर शुरू हुआ उसने हजारों हिंदुओं की जान ली। भिंडरावाले की गिरफ्तारी के बाद इतनी हिंसा हुई कि सरकार को उसे 25 दिनों में छोड़ना पड़ा।

खालिस्तान की सोच केवल भिंडरावाले तक सीमित नहीं थी। भिंडरावाले की मौत के बाद भी हिंदुओं पर अत्याचार होते रहे। ह्यूमनराइट्स की रिपोर्ट बताती है कि खालिस्तानयों की हिंसा के कारण 1986 से बड़े पैमाने पर हिंदुओं का पलायन हुआ। भिंडरावाले के समर्थक मानते हैं कि वह एक व्यक्ति नहीं सोच है। हम इसे स्वीकार करें या नहीं, पर सत्य यह है कि ऐसी सोच रखने वाले आज भी मौजूद हैं। यही कारण है कि खालिस्तानी तत्व हमें किसानों के आंदोलन में भी दिखाई दे रहे हैं।

राजनीतिक अप्रासंगिकता ने हिंदुओ पर पंजाब में हुए अत्याचारों की कहानी को आम चर्चा का हिस्सा नहीं बनने दिया। सत्य यह है कि 38.49% हिन्दू आबादी के बाद भी पंजाब ने कभी हिन्दू मुख्यमंत्री नहीं देखा। जबकि 2% सिक्ख आबादी के बाद भी भारत के 80 प्रतिशत हिंदुओं ने गर्व से सिक्ख नेताओं का नेतृत्व स्वीकार किया। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदुओं ने कभी अपनी ओर से सिक्खों को अपने से अलग नहीं माना।

ये भी पढ़े -किसानों के समर्थन में सनी देओल, पर खालिस्तानियों की ताबड़तोड़ धुलाई की

आज भी पंजाब में सिक्खों को माइनॉरिटी स्टेट्स का दर्जा प्राप्त है, जबकि संख्या में कम होने के बाद भी हिंदुओं को इससे वंचित रखा गया है। प्रश्न है कि क्यों पंजाब हिन्दू मुख्यमंत्री नहीं देख सकता?

हिंदुओं के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक का व्यवहार पंजाबी फिल्मों में भी देखने को मिलता है। खुले तौर पर फिल्में इस तरह के विचारों को बढ़ावा दे रही हैं।

https://twitter.com/baahu_bali/status/1359384828559376385?s=20

आज सिक्ख नेता बताते हैं कि हिंदुओं को बचाने के लिए ही सिक्खों ने शहादत दी थी। यह बिल्कुल सत्य है, किंतु वे सिक्ख थे कौन। हिंदुओं ही धर्म की रक्षा के लिए स्वयं को खालसा के झंडेतले एकजुट कर रहे थे। गुरुगोविंद सिंह जी के पंज प्यारे, हिन्दू ही थे। मुगलों को धूल चटाने वाले बंदा बहादुर हिन्दू ही थे। उन्होंने अप्रतिम बलिदान को दर्शाने के लिए स्वयं को खालसा ‘शुद्ध’ योद्धा बनाया। वे किसी अन्य धर्म की स्थापना के लिए नहीं लड़े।

What a shame this lady is @HarsimratBadal_ .. pic.twitter.com/p4h2qXtfpT

— exsecular(Modi ka Parivar) (@ExSecular) February 9, 2021

सत्य यह है कि मध्यकाल में हिंदुओं ने मिलकर आततायी मुसलमानों के आक्रमणों का विरोध किया। रही बात हिंदुओं के रक्षण की तो ऐतिहासिक तथ्य यह भी है कि जब पठानों के आक्रमण से सिक्ख भयभीत हुए थे, अमृतसर में हरमिंदर साहब पर हरा झंडा लहरा रहा था, सोने के गुरुद्वारे को मिट्टी से भर दिया गया था, तब मराठा फौज ने खालसा पंथ की सुरक्षा की। महान मराठा योद्धा रघुनाथ पंडितराव के नेतृत्व में हिंदुओं ने सिक्खों की रक्षा की। (सोर्स- मराठा रियासत, vol-4, G S सरदेसाई)

यह सत्य है कि सिक्खों ने आजादी के आंदोलन में बहुत योगदान दिया। किंतु ऐसे नहीं है कि किसी अन्य ने कम योगदान दिया। 1857 के विद्रोह में अवध की विद्रोही सेना में सभी विद्रोही पंडित ही थे। ( सोर्स – विलियम डेलरिम्पल की आखिरी मुगल)

भारत में 1905 से 1910 तक, जब प्रथम क्रांतिकारी आंदोलन शुरू हुआ, तो फाँसी चढ़ने वालों में अधिकांश सवर्ण कायस्थ और ब्राह्मण थे। (सोर्स- सुमित सरकार, आधुनिक भारत) भारत के लिए बलिदान सभी ने दिया है, कुछ के बलिदानों को गीतों का रूप मिल गया, कुछ इतिहास के गर्भ में छुप गए।

भारतीय फौज में सिक्खों की बड़ी संख्या का कारण यह है कि 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजी हुकूमत हिंदुओं और मुसलमानों से भयभीत थी। इसलिए उसने इतिहास को तोड़ मरोड़ कर सिक्खों को हिंदुओं से अलग पहचान दी और उन्हें अपनी फौज का मुख्य आधार बनाया। सिक्खों को योजनाबद्ध तरीके से सैनिक कौम बनाया गया, क्योंकि वे राष्ट्रवादी उत्तर भारतीयों के विरुद्ध ढाल बन सकें।

(सोर्स :- Punjab and the Raj, 1849-1947 Ian Talbot)

सेना में औपनिवेशिक काल का यह प्रभाव मौजूदा है, इसीलिए आज भी सिक्ख बड़ी संख्या में हैं। यह दैवीय शक्ति नहीं, प्रशासनिक योजना के कारण हैं।

शुद्धता के नाम पर धार्मिक, भाषाई, नक्सली हिंसा एक आम बात है। शुद्धता के नाम पर ही ISIS जैसे संगठन बने, जो सिर्फ गैर मुस्लिमों को ही नहीं, बल्कि इस्लाम की शुद्धता के नाम पर ही अन्य इस्लामिक मतावलंबियों को भी मारते हैं। खालिस्तान का विचार भी शुद्धता की बात पर टिका है, इसपर मिट्टी डालने से यह खत्म नहीं होगा। यह अंदर ही अंदर जहर की तरह फैलता रहेगा और समय-समय पर कभी किसान आंदोलन के रूप में तो भी अन्य रूप में, इसी तरह सतह पर आता रहेगा। आवश्यकता है कि इसपर चर्चा की जाए, इसकी मान्यताओं की धज्जियां उड़ाई जाए, और सबसे बड़ी बात पंजाबी हिंदुओं पर हुए अत्याचारों पर भी चर्चा की जाए।

Tags: Farmer ProtestHinduphobiaKhalistanPunjab
शेयर1ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Newsclick के दफ्तर पर पड़ा ED का छापा, लिबरल रो रहे हैं लेकिन यहाँ मामला कुछ और ही है

अगली पोस्ट

‘तुम्हारी झूठी खबर ने चीन को फायदा पहुंचाया’, जनरल VK सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार की उड़ाई धज्जियां

संबंधित पोस्ट

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited