अवैध प्रवासियों की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। अतिउदारवाद के कारण अमेरिका के दक्षिणी सीमाओं पर अवैध प्रवासियों का सबसे बड़ा संकट आकर खड़ा हो गया है। बाइडन प्रशासन इस संकट से ऐसा घबराया हुआ है कि वह पूरी सच्चाई भी बाहर नहीं आने दे रहा है। लेकिन इन सबसे अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को कोई मतलब नहीं है, और सवाल पूछे जाने पर वह ऐसे खिलखिलाकर हंसी मानो ये रोज की बात हो।
हाल ही में बॉर्डर पर उत्पन्न प्रवासियों के घुसपैठ की समस्या के विषय पर कमला हैरिस से कुछ सवाल पूछे गए। जब उनसे पूछा गया कि वह बॉर्डर का रुख करेंगी या नहीं, तो कमला खिलखिलाकर हंसी और कहती है, “आज नहीं जाऊँगी। पहले जा चुकी हूँ और शायद अगर समय मिल तो फिर जाने की सोचूँगी”।
Apparently, the border crisis is now a laughing matter for the Biden administration.
WATCH: VP Kamala Harris laughs when asked if she has any plans to visit the border. pic.twitter.com/z3AdoFX0Dq
— Steve Guest (@SteveGuest) March 22, 2021
अब अमेरिकी निवासी इस बात को नहीं पचा पा रहे हैं कि किस प्रकार से एक उपराष्ट्रपति राष्ट्र के लिए अहम इस समस्या का मज़ाक उड़ा रही हैं। लेकिन इसके पीछे एक ऐसा कारण है, जिसे कमला हैरिस चाहकर भी नहीं छुपा पा रही हैं, और वह है बतौर राष्ट्रपति जो बाइडन की अकर्मण्यता और नाकामी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि बाइडन तो मात्र दिखावे के लिए राष्ट्रपति हैं, असली कमान तो कमला हैरिस के हाथों में ही है।
2024 में जब दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव होंगे, तब तक बाइडन की छवि इतनी बुरी तरह ध्वस्त हो चुकी होगी कि कोई सपने में भी उसे पुनः व्हाइट हाउस में नहीं देखना चाहेगा। ऐसे में कमला हैरिस अपने लिए रास्ता साफ करना चाहती है, चाहे इसके लिए पूरे अमेरिका की बलि क्यों न चढ़ानी पड़े। ये अट्टहास इसी घमंड का परिचायक है, और इस समय कमला हैरिस अमेरिका फूंककर तमाशा देख रही हैं।
इसीलिए कमला हैरिस न सिर्फ अमेरिका के सामने उत्पन्न इस गंभीर संकट का मज़ाक उड़ा रही है, बल्कि स्पष्ट तौर पर यह प्रदर्शित कर रही हैं कि किस प्रकार से जो बाइडन के लिए आने वाले दिन में स्थिति और भी बदतर होने वाली है। इसलिए कमला हैरिस कूटनीति में शिक्षा ले रही हैं, ताकि 2024 आते आते वह स्पष्ट तौर पर एक असरदार विकल्प के रूप में सिद्ध हो सकें।
TFI ने पहले भी इस बारे में बात की है कि कैसे बाइडन प्रशासन का असल मकसद एक प्रकार से कमला को 2024 तक राष्ट्रपति बनने के योग्य बनाना है, ताकि जो भी प्रशासन की खामियाँ हैं, उसका ठीकरा बुढ़े बाइडन पर फोड़ा जा सके। लेकिन कमला यह भी भूल रही हैं कि 2024 में एक आक्रामक और दमदार दावेदार के तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प भी सामने आ सकते हैं। शायद इसीलिए वह बाइडन प्रशासन की खामियों पर चुटकी ले रही हैं, क्योंकि उन्हें यदि अमेरिका की इतनी ही चिंता, तो उनकी प्राथमिकता बॉर्डर पर उत्पन्न संकट को किसी भी स्थिति में सुलझाना होता।