हमारे देश में एक अघोषित नियम है – यदि किसी लड़की ने आरोप लगाए हैं, तो लड़का बिना किसी जांच पड़ताल के दोषी मान लिया जाएगा, चाहे वो बाद में निर्दोष क्यों न निकले, और यदि लड़की झूठे आरोप लगा रही है, तो भी उसके बयानों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। लेकिन अब इस रीति पर लगाम लग सकती है, क्योंकि जोमैटो के कर्मचारी ने अपनr महिला कस्टमर पर झूठे आरोप लगाकर फँसाने के एवज में FIR दर्ज कराई है।
बता दें कि बेंगलुरू में एक इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर हितेशा चंद्राणी ने जोमैटोके एक डिलीवरी बॉय कामराज के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाया था। हितेशा के अनुसार, वह न केवल डिलीवरी लेट लाया, बल्कि उनसे हाथापाई भी करने लगा, जिसके कारण उनकी नाक टूट गई ।
लेकिन इसी मामले में कामराज का कहना था कि उस महिला ने खुद ही अपनी नाक तोड़ ली और उलटे उसी ने मारपीट की। अब इस मामले में पुलिस ने महिला के खिलाफ बेंगलुरू एलेक्ट्रॉनिक सिटी पुलिस थाने में FIR दर्ज की है।
FIR में हितेशा चंद्राणी पर IPC की धारा-355 (मारपीट), 504 (अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगे हैं। कामराज ने कहा कि वो मामले को और पेचीदा नहीं बनाना चाहते। उनके अनुसार, “मैं कानूनी लड़ाई लड़ूँगा। मेरी माँ काफी बीमार रहती हैं, और पिताजी की 15 वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी है। मैं परिवार में अकेले कमाने वाला व्यक्ति हूँ। पिछले 26 महीनों से जोमैटो में कार्य कर रहा हूँ और मेरी रेटिंग भी 4.7 है। हालांकि, कंपनी ने केस खत्म होने तक उनकी ID बंद कर दी है और आश्वासन दिया है कि मामला सुलझते ही उसे चालू कर दिया जाएगा”
लेकिन ऐसा भी क्या हुआ कि जिस देश में पुरुषों को मरते दम तक निर्दोष नहीं माना जाता, आज उनके अधिकारों के लिए इतनी आवाज उठ रही है। इसके पीछे कई कारण है, जिनमें एक ये भी है कि अभी हाल ही में विष्णु नामक व्यक्ति को 20 साल बाद निर्दोष सिद्ध किया गया, और एक झूठे आरोप के चक्कर में वह अपना घर बार सब गंवा बैठा था।
इसके अलावा भी कई ऐसे मामले हैं, जहां एक लड़की के झूठे आरोपों के चक्कर में कई लड़कों का जीवन बर्बाद हुआ है। लेकिन अब ऐसा और नहीं चलेगा, और इसकी शुरुआत कामराज के बयान आने के बाद #MenToo नामक ट्रेंड को लोकप्रिय बनाने से ही शुरू हो गई। एक समय ऐसा था जब भारत में ये धारणा थी कि लड़की दोषी सिद्ध होने तक निर्दोष ही रहेगी और लड़का निर्दोष सिद्ध होने तक दोषी, लेकिन कामराज द्वारा हितेशा चंद्राणी के विरुद्ध FIR दायर करने से ये स्पष्ट हो गया है कि अब ऐसा और नहीं चलेगा।