माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर किसी को भी धमका सकता है, लेकिन रूस के साथ ऐसा कुछ करने की हिम्मत उसके पास भी नहीं है। दुनियाभर में चुनावी प्रक्रियाओं को बेरोक-टोक बाधित और प्रभावित करने में ट्विटर ने बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दुनियाभर को धमकाने वाले ट्विटर के लिए ही मुसीबत बन गए हैं। इसके चलते ट्विटर पर रूस में प्रतिबंधित चीजों को हटाने का बड़ा दबाव आ रहा है।
ट्विटर पर रूस में बड़े जुर्माने के साथ ही कड़े प्रतिबंध की तलवार लटक रही है, जिसकी वजह सरकार और ट्विटर के बीच बढ़ता तनाव है। पुतिन ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि एलेक्सी नवलनी की जहर खाने की घटनाओं को बिग टेक ने किस तरह से बढ़ा चढ़ा कर पेश किया था। इसीलिए अब पुतिन इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर चुके हैं।
इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि रूस के लोगों का मानना है कि ट्विटर इस तरह की प्रतिबंधित चीजों को हटाने की कार्रवाई को अंजान देने में बेहद ही धीमा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि पुतिन और ट्विटर के बीच तनातनी का यह कोई नया मामला है। इसके पहले भी इस मुद्दे पर रूस की संचार नियामक संस्था रोस्कोमनाड्जोर पहले ही एक बयान जारी कर चुका है, कि “सोशल मीडिया पर प्रतिबंधित कंटेंट को हटाने की दर बेहद ही धीमी और असंतोषजनक है।”
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रूस की इस नियामक संस्था ने कहा कि, “ट्विटर पर करीब दो तिहाई प्रतिबंधित सामाग्री अभी भी मौजूद है जो कि बच्चों के लिए खतरनाक है।” इसके बाद से ही इस मसले पर पुतिन प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए साफ कर दिया है कि अगर प्रतिबंधित कंटेंट नहीं हटाया गया, तो जल्द ही कार्रवाई के तहत ट्विटर पर ही प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इतना ही नहीं प्रतिबंधित कंटेंट न हटाने पर जुर्माने के तहत रूस की कोर्ट ने ट्विटर पर करीब 1,16,678 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर कंटेंट नहीं हटा तो ट्विटर को ये रकम चुकानी ही होगी।
वहीं अब इस मामले में रूसी प्रशासन की तरफ से कहा जाने लगा है कि ट्विटर ने रूस विरोधी कंटेट हटाने की शुरुआत कर दी है। वहीं नियामक एजेंसी ने भी प्रतिबंधित कंटेंट को हटाने की ट्विटर की मियाद को बढ़ा दिया है। दूसरी ओर पुतिन रूसियों के बीच ट्विटर को अलोकप्रिय बनाने की नीति पर तेजी से काम कर रहे हैं। साफ है कि ट्विटर पूरी दुनिया में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को बैन करने के बाद आलोचना का पर्याय बना हुआ था और अब रूस उससे उसी के लहजे में निपट रहा है।
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ट्विटर का पक्षपात पूरी दुनिया में किसी से छिपा नहीं है। स्वयं ट्विटर के प्रमुख जैक डॉर्सी भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि राष्ट्रपति के बेटे हंटर बाइडन के ईमेल से जुड़े खुलासे करने वाले पोस्ट को हटाकर ट्विटर ने एक बड़ी गलती की है। इससे पहले भी भारत से लेकर ऑस्ट्रेलिया और यूगांडा तक में अपने बेतुके रवैए और पॉलिसी के कारण ट्विटर को विवादों का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब उसका पाला रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पड़ा है।
ट्विटर के लिए पुतिन का संदेश साफ है कि ट्विटर पूरे दुनिया में चुनावों को प्रभावित करने के साथ ही अपना एजेंडा चला सकता है, लेकिन रूस में वो ऐसा कुछ भी नहीं कर सकता। ट्विटर को लेकर पुतिन का रवैया साफ दिखा रहा है कि, पूरी दुनिया को धमकाने वाले ट्विटर को सबक सिखाकर पुतिन ने ट्विटर को एक भीगी बिल्ली बना दिया है।