देश में कोरोना एक बार फिर से उफान पर है। अब रोज के मामले 1 लाख 50 हजार से भी अधिक आने लगे हैं, लेकिन ऐसे में सभी सावधानियां बरतते हुए उत्तराखंड में 2021 हरिद्वार कुंभ मेले का भी आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन पर लिबरल जमात हमले करने के मौके कैसे छोड़ता ? पूरी की पूरी लिबरल मंडली इस आयोजन की तुलना दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तब्लीगी जमात के मरकज से तुलना करने लगी।
यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि उत्तराखंड सरकार ने 2021 हरिद्वार कुंभ मेले के लिए संशोधित SOP जारी किया, जिसमें कुम्भ में आने वाले लोगों की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। वे तब्लीगी जमात की तरह न तो डॉक्टरों पर थूक रहे हैं और न ही डॉक्टरों से अश्लीलता करते हुए मारपीट कर रहे हैं और न ही मस्जिद में सरकार के डर से छुपे हुए हैं। बता दें कि जमातियों ने अपने फोन भी बंद कर लिये थे, जिससे वे अधिकारियों द्वारा ट्रेस न किए जा सके और वायरस को फैलाते रहें।
लेकिन इन लेफ्ट ब्रिगेड को तथ्यों से कब फर्क पड़ता है। इन्हें तो बस कैसे भी हिन्दुओं को बदनाम करना है। और हिन्दू त्योहारों का अब्रह्मिकीकरण करना है। सबसे अच्छी पत्रकारिता करने का ढोल पीटने वाले शेखर गुप्ता की The Print के लिए लिखने वाली ज़ेनाब सिकंदर ने एक 2019 की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “कुंभ मेला को कोविड हॉटस्पॉट नहीं कहा जाएगा। कुंभ मेले में भक्तों को सुपरस्प्रेडर्स कभी नहीं कहा जाएगा। इससे अधिक स्पष्ट पूर्वाग्रह नहीं दिख सकता है।“ मतलब अपने प्रोपोगेंडा को फ़ैलाने के लिए इन्हें फेक न्यूज़ या फेक फोटो से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन दावा अपने फैक्ट चेकर होने का करेंगे।
The kumbh mela will never be called a covid hotspot.
The devotees at the kumbh mela will never be called superspreaders.
The bias cannot get more stark. pic.twitter.com/pSa6JBCBUm— Zainab Sikander (@zainabsikander) April 7, 2021
Didnt know Corona was there in 2019.@ShekharGupta your writers are getting ahead of you in fakery. pic.twitter.com/EbEtjvvEMQ
— Facts (@BefittingFacts) April 9, 2021
वहीं रोहिणी सिंह ने ट्विटर पर लिखा “यह राष्ट्र, विशेष रूप से हमारी मीडिया को तब्लीगी जमात से माफी मांगना चाहिए।“
This nation, especially our media, owes an apology to the Tablighi Jamaat. https://t.co/Le1TjgP8Cp
— Rohini Singh (@rohini_sgh) April 12, 2021
वहीं किसानों की रैली में जा चुकी स्वरा भास्कर ऐसे मौकों पर कहा चुप रहने वाली थी। उन्होंने एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवालों को quote करते हुए ट्वीट किया कि “हर भारतीय जो तब्लीगी से खफा था, जरा खुद से ये सवाल पूछे।”
Corona spreads Not this👇🏼
during this👇🏼 pic.twitter.com/EtVONyAdna— decibel (@decibel008) April 12, 2021
अभी कुछ ही दिनों पहले स्वरा किसानों के साथ रैली में बैठी हुई थी, तब कोरोना नहीं फ़ैल रहा था। मोदी जी ने ठीक ही कहा था हिपोक्रेसी की भी सीमा होती है, लेकिन इनकी कोई सीमा नहीं है। ऐसे कई लोगों ने ट्वीट किया, जो अपने आप को तो पत्रकार कहते हैं लेकिन इनका काम इस्लामिस्टों को बचाना और हिन्दुओं को प्रताड़ित करना है।
All the folks, including politicians & news channels, that went berserk over Tablighi Jamaat even deeming it "Corona jihad" last year at the beginning of the pandemic seem to have suddenly lost their voice over Kumbh. Hypocrisy got your throat? Shameless bigots. This is criminal https://t.co/mXDBb7Pn8s
— Anusha Ravi Sood (@anusharavi10) April 12, 2021
Don't forget Tablighi Jamaat members were hounded/vilified by bigots/hatemongers in media even though their event in Delhi was held long before India recognised pandemic & there were just few 100 cases then. Same hatemongers are silent on #COVIDIOTS pic.twitter.com/73xmjthNCZ
— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) April 12, 2021
वहीं भारत से दूर किसी दूसरे देश में बैठ कर भारत और हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलने वाले भी इसमें कूद पड़े।
Non issue like #TablighiJamaat ? pic.twitter.com/P8PGygzaPN
— Caralisa Monteiro (@runcaralisarun) April 5, 2021
बता दें कि इंडिया टुडे के अनुसार कुंभ मेले में आये लोगों के लिए 1 अप्रैल से ही नए एसओपी की घोषणा की गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “1-30 अप्रैल तक एसओपी का कड़ाई से पालन करना होगा। बाहरी लोगों के लिए एंट्री पॉइंट पर डाक्यूमेंट्स को वेरीफाई किया जाएगा। स्थानीय लोगों के लिए ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है।” ऐसे ही कुछ और नियम हैं :
1. उत्तराखंड राज्य में आने वाले किसी भी व्यक्ति को आरटी-पीसीआर नेगेटिव प्रमाण पत्र ले जाना होगा। यह अनिवार्य है।
2. सभी आगंतुकों को हर समय सार्वजनिक स्थानों पर Social Distancing का पालन करना होगा और मास्क पहनना होगा।
3. उत्तराखंड के सभी एंट्री पॉइंट पर Covid-19 परीक्षण बूथ हैं।
4. नारसन सीमा पर, परीक्षण बूथ स्थापित किया गया है। सीमा पार करने वाले सभी को Covid -19 का परीक्षण करना होगा।
5. हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर, सभी आने वाले यात्रियों को आरटी-पीसीआर नेगेटिव परीक्षण रिपोर्ट दिखाने या स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण के माध्यम से जाने के लिए कहा जाएगा।
6. हरिद्वार में हर की पौड़ी में हर जगह सैनेटाईज़र डिस्पेंसर लगाए गए हैं।
7.जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर टेस्टिंग फैसिलिटी स्थापित की गई है।
यहां ध्यान देना होगा कि कुम्भ में आने वाले लोगों की तुलना, तब्लीगी जमात के उन लोगों से की जा रही है, जो डाक्टरों के साथ बदसुलूकी से लेकर मारपीट और थूक कर कोरोना फ़ैलाने की मंशा रखते थे। जब मरकज की घटना आई थी, तब जमात के लोगों द्वारा नर्सों के साथ अभद्रता करने की रिपोर्ट सामने आई थीं। ऐसे में तब्लीगियों की तुलना कुम्भ के साथ करना लेफ्ट ब्रिगेड की चाल है, जिससे हिन्दुओं को बदनाम किया जा सके। यह कुछ और नहीं बल्कि एक Monkey Balancing का एक प्रयास है।