आज भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है। वहीं महाराष्ट्र की जनता कोरोना संक्रमण के साथ ही स्वास्थ्य की बुनियादी ढांचा को लेकर भी परेशान हैं। हाल ही में, मुंबई के विरार में स्थित एक कोविड अस्पताल में आग लगने की वजह से 14 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में जब पत्रकारों ने उद्धव सरकार में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से पूछा तो मंत्री ने बेहद ही असंवेदनशील बयान दिया। राजेश टोपे ने आग लगने की घटना के बारे में कहा कि “यह कोई ‘नेशनल न्यूज़’ नहीं है।“
दरअसल कल ( शुक्रवार) को प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग थी। यह मीटिंग COVID को लेकर हुई। विरार के अस्पताल में आग लगने की घटाना सामने आने के बाद जब पत्रकारों ने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि क्या आप इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के साथ होने वाली मीटिंग में उठाएंगे? इसके जवाब में उद्धव के मंत्री ने कहा कि “हम ऑक्सीजन पर बात करेंगे, हम रेमडेसिवीर पर बात करेंगे, यह घटना जो घटी है (कोविड अस्पताल में आग लगने की) इसके बारे में, हालांकि यह नेशनल न्यूज नहीं है, लेकिन हम राज्य सरकार की तरफ से पूरी मदद करेंगे।”
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के इस जवाब से जब पत्रकारों ने खेद प्रकट किया। इस पर मंत्री राजेश टोपे ने आगे कहा कि “बाबा यह राज्य सरकार के हद तक हम जरूर पूरी मदद करेंगे, 5 लाख रुपए उद्धव सरकार की तरफ से, 5 लाख रुपए महानगर पालिका की तरफ से पूरे 10 लाख रुपए की मदद होगी। जिस तरह से नासिक में घटना घटी है उसी तरह से मदद करेंगे। फायर ऑडिट, स्ट्रक्चरल ऑडिट, इलेक्ट्रिक ऑडिट हर बिल्डिंग के लिए जरूरी होता है, वो अगर लागू नहीं हो रहा है तो जो लागू नहीं कर रहे उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसमें डिटेल जांच की जाएगी 10 दिन मे जांच रिपोर्ट प्राप्त करेंगे और उसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ 100 प्रतिशत कार्रवाई की जाएगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, हमारी पूरी संवेदना उन सभी के परिवारों के प्रति है जिनके रिश्तेदारों की मृत्यु हुई है।”
आपको बता दें कि यह घटना अकेली घटाना नहीं है। एक महीने के अंतराल में यह चौथी घटना है, जिसमें मरीजों की जान कोरोना महामारी की वजह से नहीं बल्कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से गई है। हाल ही में, नाशिक के अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक होने की वजह से 24 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
मार्च के अंत में ड्रीम्स मॉल में स्थित COVID अस्पताल में आग लगने की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद 10 अप्रैल को नागपुर के एक अस्पताल में आग लगने की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 2 मरीज काफी ज्यादा गंभीर थे।
बता दें कि महाराष्ट्र में अस्पताल में आग की घटना कोई नई बात नहीं है। जनवरी में भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने की वजह से 10 बच्चों की जान चली गई थी। उससे पहले साल 2020 में उल्हासनगर जिला के COVID अस्पताल में आग लगी थी।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, “पिछले चार महीने में महाराष्ट्र का यह चौथा अस्पताल जो कि हादसे का शिकार हुआ है। इस तरह से इन चारों अस्पतालों में हुए हादसे के चलते 59 लोग की मौत हुई है।” ऐसे में सवाल उठता है कि, कोरोना महामारी का ज़िम्मेदार तो चीन है, परंतु अस्पतालों में हुए मानव हत्या(homicide) का जिम्मेदार कौन है? बेशक, राज्य सरकार जिम्मेदार है।